स्वाद में खास बेमिसाल खाने में लाजवाब स्वादिष्ट राजभोग मिठाई इस आसान विधि से अपने घर पर बनाएंगे तो खाने वाले गदगद होकर आपकी तारीफ करते नहीं थकेंगे
राजभोग मिठाई का परिचय
भारतीय मिठाइयों की दुनिया में “राजभोग” एक ऐसा नाम है जो स्वाद, भव्यता और पारंपरिक समृद्धि का प्रतीक है। यह बंगाल की प्रसिद्ध रसगुल्ला जैसी दिखने वाली एक क्लासिक मिठाई है, लेकिन राजभोग को खास बनाती है इसकी समृद्ध भरावन (stuffing), केसर का स्वाद और उसका सुनहरा रंग।
राजभोग शब्द का अर्थ है – “राजाओं का भोग”, अर्थात एक ऐसा व्यंजन जो कभी राजाओं के दरबारों में परोसा जाता था। यह मिठाई सचमुच राजसी है – स्वाद में भी, नाम में भी, और प्रस्तुति में भी।
राजभोग क्या है?
राजभोग एक प्रकार की छेना (ताज़े पनीर) से बनी मिठाई है, जिसे केसर, इलायची और ड्राई फ्रूट्स की भरावन के साथ तैयार किया जाता है और फिर शक्कर की चाशनी में पकाया जाता है। यह रसगुल्ला से बड़ा होता है और ज़्यादा सुगंधित और भारी होता है।
यह विशेषतः त्यौहारों, खास मौकों या शाही भोज में परोसा जाता है।
बंगाल, ओडिशा और उत्तर भारत में इसकी लोकप्रियता बहुत अधिक है।
राजभोग मिठाई का सांस्कृतिक महत्व:
पश्चिम बंगाल:
यह मिठाई बंगाल के पारंपरिक भोजन का अहम हिस्सा है। बंगाली समाज में इसे विशेष अवसरों पर देवी-देवताओं को भोग लगाने और मेहमानों के स्वागत में परोसा जाता है।
धार्मिक प्रसाद:
कई मंदिरों में राजभोग को प्रसाद रूप में भी चढ़ाया जाता है, विशेष रूप से भगवान कृष्ण और दुर्गा पूजन में।
शादी और शुभ अवसर:
उत्तर भारत में शादी, मुंडन, नामकरण या गृह प्रवेश जैसे मांगलिक अवसरों पर यह मिठाई सम्मान और आदर के साथ परोसी जाती है।
राजभोग मिठाई और परंपरा:
राजभोग न केवल स्वाद की बात करता है, बल्कि भारतीय परंपरा, आतिथ्य और भावनाओं को भी दर्शाता है। जब किसी को आप “राजभोग” परोसते हैं, तो यह दर्शाता है कि आप उन्हें राजसी सत्कार दे रहे हैं। यह मिठाई एक तरह से प्रेम और सम्मान की अभिव्यक्ति भी बन चुकी है।
राजभोग मिठाई का अंतर्राष्ट्रीय फैलाव:
भारतीय प्रवासियों की वजह से अब राजभोग केवल भारत में ही नहीं, बल्कि अमेरिका, यूके, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में भी मिठाई की दुकानों में मिलने लगा है।बहुत से NRI लोग इसे ऑनलाइन ऑर्डर करते हैं या खास मौकों पर घर पर बनाते हैं।

Table of Contents

राजभोग मिठाई
INGREDIENT
- 1.5 लीटर दूध
- 550 ग्राम चीनी
- 50 ग्राम मिश्री
- 1 चम्मच अरारोट
- 2 चम्मच भीनेगर
- 1 चुटकी पीला बुश कलर
- 5pc पिस्ता बादाम
- 2 चम्मच केवड़ा जल
- 3 पीस छोटा बर्फ का टुकड़ा

राजभोग मिठाई बनाने की विधि:-
Step1
राजभोग मिठाई बनाने के लिए सबसे पहले चूल्हा जलाकर इस पर एक हांडी चढ़कर इसमें दूध डालकर उबाल आने तक दूध को गर्म करें जब उबाल आ जाए तब चूल्हा बंद कर दे।
Step2
भीनेगर में भीनेगर के बराबर पानी मिलाकर दूध हल्का ठंडा हो जाए तब इसमें 2 चम्मच भीनेगर वाला पानी डालें फिर देखेंगे की दूध फटना शुरू हो गया है तो 1चम्मच और भीनेगर वाला पानी डाले जब दूध और पानी अलग नजर आने लगे तो भीनेगर डालना बंद कर दे।
Step3
अब एक बर्तन के ऊपर छन्नी और छन्नी के ऊपर साफ सूती कपड़ा डालकर इसके ऊपर फटे दूध को डालें फिर दो-तीन साफ पानी से धो ले ताकि भीनेगर का गंध समाप्त हो जाए। फिर सूती कपड़ा को पोटली बनाकर हाथ से निचोड़कर एक्स्ट्रा पानी निकाले फिर पोटली को बांधकर एक जगह पानी गिरने के लिए एक घंटा के लिए टांग दे।
Step 4
एक घंटा बाद पोटली से छेना को निकाल कर एक बर्तन में रखकर हाथ से मसलकर 10 मिनट तक मसलकर छेना को मुलायम करें ध्यान रखें कि छैना जितना अधिक मुलायम होगा उतना अच्छा राजभोग मिठाई बनेगा। अरारोट डालकर अच्छा से मिलाये।
Step5
जब छेना अच्छा से मुलायम हो जाए तब पिस्ता बादाम का छोटा-छोटा टुकड़ा काट कर रख ले अब छेना का छोटा-छोटा टुकड़ा कर ले प्रत्येक गोले में एक से दो पीस पिस्ता बादाम का टुकड़ा और 2 से 3 पीस मिश्री का दाना भर ले फिर मुलायम हाथ से गोल-गोल चिकना राजभोग मिठाई का गोला बना ले।
Step6
अब चूल्हा जलाकर इस पर हांडी चढ़ा कर इसमें 3 लीटर पानी और 250 ग्राम चीनी डालकर गर्म करें जब तेज उबाल आने लगे तब इसमें एक-एक करके राजभोग मिठाई के गोले को डालें फिर बर्तन को ढक्कन से ढक कर 10 मिनट तक उबलने दे।
Step7
10 मिनट के बाद ढक्कन हटाकर एक चम्मच से किनारे आये पीस को अंदर की तरफ कर दे और एक गिलास गर्म पानी बगल से डालें इस प्रतिक्रिया को तीन बार करना है। 30 मिनट तक इसको पकने देना है।
Step8
एक बर्तन में पानी और इसमें बर्फ के टुकड़े को डालकर इस पानी में मिठाई के एक-एक पीस छानकर बर्फ के पानी में डालें ताकि मिठाई का कुकिंग प्रोसेसिंग बंद हो जाए।
Step9
अब चूल्हा पर एक कराही को चढ़ा कर इसमें 300 ग्राम चीनी और 350 ग्राम पानी डालकर तीन से चार मिनट तक गर्म कर चासनी तैयार कर अलग बर्तन में रख ले, चूल्हा को बंद कर दे इस चासनी में केवड़ा जल को मिला दे फिर इस चासनी में मिठाई के पीस को डालकर एक घंटा तक रहने दे। एक घंटा बाद राजभोग मिठाई को निकाल कर सर्व करें।
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राजभोग मिठाई के स्वास्थ्य संबंधी लाभ
भारतीय मिठाइयों की समृद्ध विरासत में “राजभोग” एक ऐसा नाम है जो न केवल स्वाद और भव्यता का प्रतीक है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और पाक-परंपरा का भी गहरा हिस्सा है। राजभोग, बंगाल की प्रसिद्ध मिठाइयों में से एक है, जो छेना, चीनी, केसर, सूखे मेवे और इलायची जैसी शुद्ध सामग्रियों से बनती है। इसे सुनहरे रंग, सुगंध और नरम रसदार बनावट के कारण “राजसी मिठाई” भी कहा जाता है।
हालांकि, यह एक मिठाई है और आमतौर पर मिठाइयों को अत्यधिक चीनी की वजह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है, परंतु यदि राजभोग को सीमित मात्रा में और संतुलित जीवनशैली के साथ खाया जाए, तो इसके कई स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं।
1. प्रोटीन का अच्छा स्रोत
राजभोग का मुख्य घटक होता है — छेना (ताजा पनीर)।
छेना शाकाहारी प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत है।यह शरीर की मांसपेशियों को मजबूत करने, ऊतकों की मरम्मत करने और कोशिकाओं के निर्माण में सहायक होता है।
बच्चों और किशोरों के विकास में यह खास भूमिका निभा सकता है।
छेना से बनी मिठाइयाँ जैसे राजभोग उन लोगों के लिए भी फायदेमंद हैं जो मांसाहारी नहीं हैं और उन्हें प्रोटीन के वैकल्पिक स्रोत की आवश्यकता होती है।
2. ऊर्जा बढ़ाने में सहायक
- राजभोग उच्च ऊर्जा देने वाली मिठाई है।इसमें प्रयुक्त चीनी और कार्बोहाइड्रेट्स शरीर को त्वरित एनर्जी बूस्ट प्रदान करते हैं।
- कामकाजी दिन या थकावट के समय, सीमित मात्रा में राजभोग खाने से शरीर को फिर से ऊर्जा मिल सकती है।
- बच्चों और वृद्धों के लिए यह अतिरिक्त ऊर्जा का स्रोत बन सकता है।
3. हड्डियों और दाँतों के लिए लाभकारी
- छेना में कैल्शियम और फॉस्फोरस की भरपूर मात्रा होती है।कैल्शियम हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
- फॉस्फोरस भी हड्डी निर्माण, ऊतकों की मरम्मत और कोशिकाओं की कार्यप्रणाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- विशेष रूप से महिलाओं और वृद्धों को हड्डियों की कमजोरी से बचाने में यह लाभदायक हो सकता है।
4. मानसिक तनाव कम करने में सहायक
- राजभोग में प्रयुक्त इलायची और केसर जैसे मसाले प्राकृतिक रूप से मानसिक तनाव को कम करने वाले माने जाते हैं।
- केसर में मौजूद क्रोसेटिन और क्रोकिन जैसे तत्व मानसिक अवसाद को कम करने में मदद करते हैं।
- इलायची की सुगंध और स्वाद मस्तिष्क को शांति और आराम देता है।इसके अलावा मिठाइयों का सीमित सेवन डोपामिन (हैप्पी हार्मोन) को सक्रिय करता है।
5.प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
- केसर, सूखे मेवे और छेना — तीनों में ऐसे तत्व मौजूद होते हैं जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बेहतर बनाते हैं।
- केसर में एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद करते हैं।
- सूखे मेवों में ज़िंक, आयरन, मैग्नीशियम और सेलेनियम जैसे मिनरल्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मज़बूत करते हैं।
- इलायची में भी संक्रमण से लड़ने की क्षमता होती है।
6.हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी (सीमित मात्रा में)
हालाँकि मिठाइयाँ अधिक मात्रा में खाने से दिल पर असर पड़ सकता है, लेकिन राजभोग में प्रयुक्त कुछ घटक हृदय के लिए फायदेमंद हैं:छेना से मिलने वाला गुड फैट (Healthy Fat) HDL को बढ़ाता है।
सूखे मेवों जैसे बादाम और पिस्ता में ओमेगा-3 फैटी एसिड्स होते हैं जो दिल की धमनियों को लचीलापन देते हैं।
केसर रक्त को पतला रखने में मदद करता है, जिससे रक्तचाप नियंत्रित रहता है।ध्यान रखें, यह लाभ सीमित मात्रा में सेवन के साथ ही संभव है।
7. नेत्रों के लिए लाभकारी
केसर और गाजर के समान ही कुछ घटकों में बीटा-कैरोटीन और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं जो नेत्रों की सेहत को बेहतर बनाए रखते हैं।
राजभोग में प्रयुक्त केसर और सूखे मेवे दृष्टि सुधारने में मदद कर सकते हैं।
बच्चों के लिए यह आंखों की रोशनी को बनाए रखने में उपयोगी हो सकता है।
8. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी
केसर और सूखे मेवों का प्रभाव त्वचा पर स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।केसर में मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को चमकदार और झुर्रियों से मुक्त रखते हैं।
पिस्ता, बादाम और काजू जैसे मेवे बालों को घना और चमकदार बनाने में सहायक होते हैं।
छेना से मिलने वाला प्रोटीन त्वचा की कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में योगदान देता है।
9. पाचन में सहायक (संयमित सेवन से)
राजभोग में प्रयुक्त इलायची और सूखे मेवे पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होते हैं।
इलायची गैस, अपच और अम्लता को कम करने में मदद करती है।
बादाम और पिस्ता फाइबर प्रदान करते हैं, जिससे कब्ज से राहत मिलती है।हल्की मिठास और मलाईदार छेना पेट को संतुष्टि देता है।
10. मानसिक संतुष्टि और सकारात्मकता
राजभोग केवल एक मिठाई नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अनुभव है।
पारंपरिक अवसरों, त्योहारों, शादी-ब्याह या पूजा-पाठ में इसे खाने से भावनात्मक संतुष्टि मिलती है।
मिठाइयाँ सामाजिक जुड़ाव बढ़ाती हैं और सकारात्मक मनोवृत्ति को जन्म देती हैं।
ऐसा माना जाता है कि मिठास जीवन में मधुरता लाती है और राजभोग उस मधुरता का शाही रूप है।
सावधानियाँ:
- डायबिटीज़, मोटापा या हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित व्यक्ति इसे सीमित मात्रा में लें।
- वज़न घटाने की प्रक्रिया में हों तो इसे केवल Cheat Meal के रूप में लें।
- यदि आप हेल्दी विकल्प चाहते हैं तो शुगर-फ्री, लो फैट वर्जन भी घर पर बना सकते हैं।
FAQs राजभोग मिठाई के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर
Q1 क्या राजभोग मिठाई बनाने में दूध फाड़ने के लिए भीनेगर के स्थान पर छेना का पानी या नींबू के रस का उपयोग कर सकते हैं
A अगर छेना का पानी उपलब्ध हो तो आप उपयोग कर सकते हैं नींबू से भी दूध को फाड़ सकते हैं।
Q2 क्या राजभोग मिठाई बनाने के लिए अरारोट के जगह मक्का का आटा का उपयोग कर सकते हैं
A राजभोग मिठाई बनाने के लिए आप अरारोट, मक्का के आटा और मैदा का उपयोग कर सकते हैं।
Q3.बुश कलर के जगह पर किस चीज का उपयोग कर सकते हैं
Aबुश कलर के जगह आप केसर के धागों का उपयोग कर सकते हैं

निष्कर्ष:
राजभोग मिठाई स्वाद, परंपरा और पोषण का अद्भुत संगम है। इसमें प्रयुक्त शुद्ध और प्राकृतिक तत्व जैसे छेना, केसर, इलायची और सूखे मेवे इसे एक ऐसी मिठाई बनाते हैं जो केवल जीभ ही नहीं, बल्कि शरीर और मन दोनों को तृप्त करती है।
स्वास्थ्य लाभ तभी संभव हैं जब इसे संतुलित मात्रा में, उच्च गुणवत्ता की सामग्री के साथ और संयमपूर्वक खाया जाए। अधिक मात्रा में मिठास हर अच्छे गुण को उल्टा कर सकती है।
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