अरबी मसाला का परिचय
अरबी मसाला एक पारंपरिक, स्वादिष्ट और मसालेदार भारतीय सब्ज़ी है जो अरबी (घुइयाँ या तारो रूट) से बनाई जाती है। यह डिश खासतौर पर उत्तर भारत में लोकप्रिय है और इसे रोटी, पराठा या दाल-चावल के साथ परोसा जाता है।
अरबी को आमतौर पर उसकी चिकनी, चिपचिपी बनावट के कारण कम पसंद किया जाता है, लेकिन जब इसे सही मसालों और तरीकों से पकाया जाए, तो इसका स्वाद इतना लाजवाब होता है कि यह किसी भी खास मौके की शान बन सकती है।
अरबी मसाला का स्वाद हल्का तीखा, ज़रा सा खट्टा (अगर अमचूर या नींबू डाला जाए) और बेहद सुगंधित होता है। इसका बाहरी हिस्सा क्रिस्पी (तला या भुना हुआ) होता है जबकि अंदर से यह मुलायम और मलाईदार बनी रहती है।
अरबी मसाला का इतिहास |
अरबी, जिसे हिंदी में घुइयाँ और अंग्रेज़ी में Taro Root कहा जाता है, एक ऐसी सब्ज़ी है जिसका इतिहास हजारों साल पुराना है। यह केवल भारतीय भोजन का हिस्सा नहीं रही, बल्कि इसका उपयोग प्राचीन मिस्र, अफ्रीका, चीन और दक्षिण एशिया की रसोईयों में भी होता आया है। अरबी मसाला जैसी सब्ज़ियाँ समय के साथ स्थानीय स्वादों और मसालों के अनुसार विकसित हुईं।
प्राचीन भारत में
अरबी का उपयोग:भारत में अरबी का ज़िक्र आयुर्वेदिक ग्रंथों में भी मिलता है, जहां इसे वात और कफ को संतुलित करने वाली सब्ज़ी बताया गया है। इसका उपयोग केवल भोजन के रूप में नहीं, बल्कि औषधीय रूप में भी किया जाता रहा है।
सात्विक भोजन परंपरा में अरबी को एक पौष्टिक और सुपाच्य सब्ज़ी माना गया, खासकर व्रत या उपवास के समय में। इसलिए ही इसका “बिना प्याज़-लहसुन वाला मसालेदार संस्करण” भी काफी प्रसिद्ध है।
मसाला जोड़ने की परंपरा:
जैसे-जैसे भारतीय भोजन में मसालों का प्रचलन बढ़ा, वैसे-वैसे अरबी को सिर्फ उबाल कर खाने के बजाय तलकर या भूनकर, उसमें मसाले मिलाकर बनाया जाने लगा। इसने जन्म दिया — अरबी मसाला, जो
आज:उत्तर भारत में सूखी सब्ज़ी के रूप में,
गुजरात और राजस्थान में थोड़ा तीखा-खट्टा रूप लेकर,और
बंगाल में सरसों के साथ अलग अंदाज़ में तैयार किया जाता है
घरेलू स्वाद से लेकर ढाबा तक:
अरबी मसाला एक ऐसी डिश बन चुकी है जिसे अब:आम घरों में रोज़ाना की सब्ज़ी के रूप में,
शादी-ब्याह या त्योहारों में खास स्वाद के लिए,
और यहां तक कि ढाबों पर “अरबी फ्राई मसाला” के नाम से भी परोसा जाता है।
वैश्विक पहुंच:
आज भले ही यह एक साधारण सब्ज़ी लगे, लेकिन भारतीय प्रवासी समुदाय की बदौलत अरबी मसाला ने यूएस, यूके, खाड़ी देशों और अफ्रीका तक में अपनी जगह बना ली है। हेल्दी खाने के बढ़ते चलन के कारण अब लोग इसे डीप फ्राय करने की जगह एयर फ्राय या रोस्टेड फॉर्म में भी पसंद कर रहे हैं।

Table of Contents

अरबी मसाला: भारतीय रसोईघर का राजा
Ingredients
- 300 ग्राम अरबी का फल
- 300 ग्राम प्याज
- 100 ग्राम टमाटर
- 100 ग्राम हरा मिर्च
- 2 चम्मच काली मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 150 ग्राम सरसों तेल
- 50 ग्राम शिमला मिर्च
- 1 चम्मच गरम मसाला
- 1 चम्मच कस्तूरी मेथी पत्ता
- 50 ग्राम धनिया पत्ता
- 1 चुटकी हींग
- 1 चम्मच देसी घी
- नमक स्वाद अनुसार
Instructions
अरबी मसाला बनाने की विधि:-
- Step 1
- अरबी को अच्छी तरह पानी से धोकर चूल्हा जलाकर उस पर पतिला मे पानी डालकर फिर इसमें अरबी फल डालकर 15 से 20 मिनट तक उबलने दे।15 से 20 मिनट उबल जाए तब चूल्हा को बंद कर दे। फिर 1 छन्नी के सहारे अरबी को छानकर एक बर्तन में रख ले,अब बारीकी से अरबी के छिलका हटाकर छिलका फेंक दे।
Step 2
- अब छिलका उतरे अरबी को चाकू से मोटा मोटा पीस काट ले, प्याज को छीलकर पानी से धोकर 1/2 प्याज को बारीक काट ले 1/2 प्याज को 2 टुकड़ा करके परत दर परत निकाल कर अलग रख ले, ,टमाटर को पानी से धोकर 2 भाग में काट ले, शिमला मिर्च को 4 भाग में काट ले बीज को निकाल कर फेंक दे,धनिया पत्ता के जड़ काट कर फेंक दे फिर पानी से धोकर बाड़ीक काट ले, हरा मिर्च को ग्राइंडर में डालकर पीसकर पेस्ट बनाकर अलग बर्तन मे निकालकर रख ले,
Step 3
- चूल्हा जलाकर उसके ऊपर कराही चढ़ाकर,कराही को गर्म होने दे जब कराही गर्म हो जाए तब इसमें सरसों तेल को डालकर सरसो तेल को गर्म होने दे, जब सरसो तेल गर्म हो जाए फिर अरबी को तेल मे डालकर हाफ फ्राई कर ले और निकाल कर अलग बर्तन में रख ले, प्याज के निकाले गए परत को तेल में डालकर तब तक फ्राई करें जब तक ये परत तेल के ऊपर तैरने न लगे, जब प्याज तेल के ऊपर तैरने लगे तो इसे निकाल कर 1 बर्तन में रख ले, अब कटे हुए शिमला मिर्च को तेल में डालकर फुल फ्राई करके अलग निकाल कर एक बर्तन मे रख ले।
Step 4
- अब कराही के गर्म तेल में बारीक कटे प्याज को डालकर तब तक भूने जब तक प्याज का रंग सुनहरा न हो जाए,जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब इसमें हरा मिर्च का पेस्ट, हल्दी पाउडर, काली मिर्च पाउडर,स्वाद अनुसार नमक डालकर चलाएं फिर 2 कप गर्म पानी डालकर 5 मिनट तक इसको पकने दें।
Step 5
- 5 मिनट बाद इसमें फ्राई अरबी को डालकर भूने,फिर फ्राई किए गए प्याज, फ्राई शिमला मिर्च,एवं कस्तूरी मेथी पत्ता को हाथ से मसलकर डालकर चलाएं,आंच को धीमी कर दे कराही को ढक्कन से ढक कर 12 मिनट तक पकने दे।
Step 6
- 12 मिनट बाद ढक्कन हटाकर देखें ग्रेवी का जरूरत महसूस हो तो गर्म पानी डालकर चलाएं,एक छोटी चम्मच से नमक चख कर देखें जरूरत हो तो नमक आवश्यकता अनुसार मिला ले, गरम मसाला डालकर ढक्कन ढक कर 2 मिनट तक पकने दे फिर कराही को उतार ले।
Step 7
- 1 बड़ा चम्मच में देसी घी एवं हींग डालकर चूल्हा पर रख कर गर्म करें जब गर्म हो जाए तब तैयार अरबी मसाला में छौक लगाएं,चूल्हा बंद कर दे अरबी मसाला में बारीक कटे धनिया पत्ता से गार्निश कर सर्व करें ।

INGREDIENTS
- 300 ग्राम अरबी का फल
- 300 ग्राम प्याज
- 100 ग्राम टमाटर
- 100 ग्राम हरा मिर्च
- 2 चम्मच काली मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 150 ग्राम सरसों तेल
- 50 ग्राम शिमला मिर्च
- 1 चम्मच गरम मसाला
- 1 चम्मच कस्तूरी मेथी पत्ता
- 50 ग्राम धनिया पत्ता
- 1 चुटकी हींग
- 1 चम्मच देसी घी
- नमक स्वाद अनुसार
अरबी मसाला बनाने की विधि:-
Step 1
अरबी को अच्छी तरह पानी से धोकर चूल्हा जलाकर उस पर पतिला मे पानी डालकर फिर इसमें अरबी फल डालकर 15 से 20 मिनट तक उबलने दे।15 से 20 मिनट उबल जाए तब चूल्हा को बंद कर दे। फिर 1 छन्नी के सहारे अरबी को छानकर एक बर्तन में रख ले,अब बारीकी से अरबी के छिलका हटाकर छिलका फेंक दे।
Step 2
अब छिलका उतरे अरबी को चाकू से मोटा मोटा पीस काट ले, प्याज को छीलकर पानी से धोकर 1/2 प्याज को बारीक काट ले 1/2 प्याज को 2 टुकड़ा करके परत दर परत निकाल कर अलग रख ले, ,टमाटर को पानी से धोकर 2 भाग में काट ले, शिमला मिर्च को 4 भाग में काट ले बीज को निकाल कर फेंक दे,धनिया पत्ता के जड़ काट कर फेंक दे फिर पानी से धोकर बाड़ीक काट ले, हरा मिर्च को ग्राइंडर में डालकर पीसकर पेस्ट बनाकर अलग बर्तन मे निकालकर रख ले,
Step 3
चूल्हा जलाकर उसके ऊपर कराही चढ़ाकर,कराही को गर्म होने दे जब कराही गर्म हो जाए तब इसमें सरसों तेल को डालकर सरसो तेल को गर्म होने दे, जब सरसो तेल गर्म हो जाए फिर अरबी को तेल मे डालकर हाफ फ्राई कर ले और निकाल कर अलग बर्तन में रख ले, प्याज के निकाले गए परत को तेल में डालकर तब तक फ्राई करें जब तक ये परत तेल के ऊपर तैरने न लगे, जब प्याज तेल के ऊपर तैरने लगे तो इसे निकाल कर 1 बर्तन में रख ले, अब कटे हुए शिमला मिर्च को तेल में डालकर फुल फ्राई करके अलग निकाल कर एक बर्तन मे रख ले।
Step 4
अब कराही के गर्म तेल में बारीक कटे प्याज को डालकर तब तक भूने जब तक प्याज का रंग सुनहरा न हो जाए,जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब इसमें हरा मिर्च का पेस्ट, हल्दी पाउडर, काली मिर्च पाउडर,स्वाद अनुसार नमक डालकर चलाएं फिर 2 कप गर्म पानी डालकर 5 मिनट तक इसको पकने दें।
Step 5
5 मिनट बाद इसमें फ्राई अरबी को डालकर भूने,फिर फ्राई किए गए प्याज, फ्राई शिमला मिर्च,एवं कस्तूरी मेथी पत्ता को हाथ से मसलकर डालकर चलाएं,आंच को धीमी कर दे कराही को ढक्कन से ढक कर 12 मिनट तक पकने दे।
Step 6
12 मिनट बाद ढक्कन हटाकर देखें ग्रेवी का जरूरत महसूस हो तो गर्म पानी डालकर चलाएं,एक छोटी चम्मच से नमक चख कर देखें जरूरत हो तो नमक आवश्यकता अनुसार मिला ले, गरम मसाला डालकर ढक्कन ढक कर 2 मिनट तक पकने दे फिर कराही को उतार ले।
Step 7
1 बड़ा चम्मच में देसी घी एवं हींग डालकर चूल्हा पर रख कर गर्म करें जब गर्म हो जाए तब तैयार अरबी मसाला में छौक लगाएं,चूल्हा बंद कर दे अरबी मसाला में बारीक कटे धनिया पत्ता से गार्निश कर सर्व करें ।
अरबी मसाला की वैराइटीज़
अरबी सिर्फ एक ही तरीके से नहीं बनाई जाती — भारत के अलग-अलग हिस्सों में इसकी कई स्वादिष्ट वैराइटीज़ मिलती हैं। नीचे दी गई सूची में आप पाएँगे अरबी मसाला की कुछ लोकप्रिय और हेल्दी वैराइटीज़:
1 सूखी अरबी मसाला (Dry Arbi Masala)
सबसे आम और लोकप्रिय फ़ॉर्म।उबली अरबी को तेल, अजवाइन, धनिया, हल्दी, अमचूर और लाल मिर्च के साथ भूनकर बनाया जाता है।
रोटी या पराठे के साथ बेस्ट।
2 अरबी की ग्रेवी वाली सब्ज़ी (Arbi Curry)
प्याज़-टमाटर की ग्रेवी में बनी अरबी।तीखा, रिच फ्लेवर – खासकर लंच या डिनर में दाल के साथ खाई जाती है।
चावल के साथ बेहतरीन मेल।
3 दही वाली अरबी (Dahi Arbi)
अरबी को दही और बेसन की ग्रेवी में पकाया जाता है।हल्का और पचने में आसान।
गर्मियों में खाने के लिए उपयुक्त।
4.ब्रत वाला अरबी मसाला
बिना प्याज़-लहसुन, सेंधा नमक और व्रत वाले मसालों से बनी।उबली अरबी को घी/तेल में भूनकर जीरा, काली मिर्च, सौंठ आदि के साथ बनाया जाता है।
उपवास के लिए स्वाद और ऊर्जा से भरपूर विकल्प।
5 अरबी की चिप्स / फ्राई (Crispy Arbi Fry)
पतली कटी हुई अरबी को डीप फ्राई या एयर फ्राय करके चटपटे मसालों में लपेटा जाता है।कुरकुरी और स्नैक जैसी स्वादिष्ट।
टी टाइम स्नैक या बच्चों के टिफिन के लिए परफेक्ट।
6 भरवां अरबी (Stuffed Arbi)
उबली अरबी को चीरकर उसके अंदर मसाला भरकर हल्के तेल में फ्राय किया जाता है।थोड़ा समय लेने वाली पर बहुत ही टेस्टी डिश।
त्योहार या स्पेशल दावत के लिए उपयुक्त।
7अरबी हरा धनिया मसाला
अरबी को हरे धनिया, अदरक और हरी मिर्च के ताज़ा पेस्ट में पकाया जाता है।बहुत ही फ्रेश, कम तीखा और खुशबूदार।
डायजेशन फ्रेंडली और हल्की रेसिपी।
8 साउथ इंडियन स्टाइल अरबी (Colocasia Fry / Cheppankizhangu Fry)
नारियल तेल, सरसों दाना, कड़ी पत्ता और सूखी मिर्च के साथ बनी अरबी।खट्टे-तीखे स्वाद का संयोजन।
सांभर-रसम के साथ बेस्ट पेयरिंग।
9 बेक्ड या एयर फ्रायड अरबी मसाला
हेल्दी वर्जन – बिना डीप फ्राय किए अरबी को एयर फ्रायर या ओवन में भूनकर बनाया जाता है।क्रिस्पी टेक्सचर के साथ लो-फैट कंटेंट।
वजन कम करने वालों के लिए बेहतरीन विकल्प।
10अरबी टिक्की
/ कबाबमैश की हुई अरबी में मसाले मिलाकर टिक्की के रूप में तवा या एयर फ्राय किया जाता है।पार्टी स्नैक या हेल्दी बर्गर पैटी के रूप में उपयोगी।
किड्स फ्रेंडली और टिफिन आइडिया।
अरबी मसाला के स्वास्थ्य लाभ
अरबी, जिसे घुइयाँ या Taro Root कहा जाता है, एक पौष्टिक कंदमूल (root vegetable) है। जब इसे भारतीय मसालों के साथ मिलाकर “अरबी मसाला” के रूप में पकाया जाता है, तो यह स्वाद के साथ-साथ स्वास्थ्य का भी खज़ाना बन जाती है।
1. पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है
अरबी में डायटरी फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो:पाचन को बेहतर बनाता है,
कब्ज की समस्या को कम करता है,पेट को लंबे समय तक भरा रखता है।
डायजेस्टिव सिस्टम के लिए बेहतरीन प्राकृतिक टॉनिक।
2. दिल की सेहत के लिए लाभकारी
अरबी में पोटैशियम होता है, जो:रक्तचाप (Blood Pressure) को नियंत्रित रखता है,धमनियों में ब्लड फ्लो को सुचारु बनाता है,हृदयाघात (Heart Attack) और स्ट्रोक के खतरे को कम करता है।
BP मरीजों के लिए लाभकारी सब्ज़ी।
3. ऊर्जा से भरपूर (Energy Booster)
अरबी एक जटिल कार्बोहाइड्रेट स्रोत है जो:शरीर को धीरे-धीरे ऊर्जा प्रदान करता है,
शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव नहीं आने देता।
वर्किंग प्रोफेशनल्स और स्टूडेंट्स के लिए परफेक्ट लंच ऑप्शन।
4. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
अरबी में पाए जाने वाले:विटामिन C,पॉलीफेनॉल्स,और एंटीऑक्सीडेंट्सइम्युनिटी को बढ़ाते हैं और शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।
बारिश के मौसम में अरबी मसाला ज़रूर खाएँ।
5. हड्डियों को मजबूत बनाता है
अरबी में कैल्शियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे मिनरल्स मौजूद होते हैं जो:हड्डियों की मजबूती बढ़ाते हैं,ऑस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis) से बचाव करते हैं।
बुज़ुर्गों और महिलाओं के लिए विशेष रूप से लाभकारी।
6. मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए उपयोगी
अरबी में मौजूद:विटामिन B6,और एंटीऑक्सीडेंट्सन्यूरोलॉजिकल फंक्शन में सुधार करते हैं।
ध्यान केंद्रित करने, तनाव कम करने और मानसिक थकावट से राहत दिलाने में सहायक।
7. डिटॉक्सिफिकेशन में सहायक
अरबी का सेवन:लिवर को साफ करता है,शरीर से टॉक्सिन्स (विषैले तत्व) को बाहर निकालता है,त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाता है।
डेली डाइट में शामिल कर शरीर को अंदर से साफ़ रखें।
8. वजन घटाने में मददगार
अरबी फाइबर से भरपूर होती है और कम मात्रा में फैट देती है। यदि इसे कम तेल और सही मसालों के साथ पकाया जाए, तो यह:भूख कम करती है,शरीर में अनावश्यक कैलोरी जमा नहीं होने देती।
लो-कैलोरी डाइट वालों के लिए हेल्दी विकल्प।
9. ब्लड शुगर को नियंत्रित करती है (डायबिटीज़ के लिए उपयुक्त)
अरबी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो:धीरे-धीरे ग्लूकोज रिलीज़ करता है,ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होने देता।
डायबिटिक मरीज भी सीमित मात्रा में इसे खा सकते हैं (लो ऑयल वर्जन)।
10. शाकाहारी प्रोटीन का स्रोत
अरबी में भले ही मांस जितना प्रोटीन न हो, लेकिन यह:शाकाहारी डाइट में एक पौष्टिक विकल्प है,शरीर की ज़रूरी रिकवरी और ग्रोथ में मदद करता है।
शाकाहारी और व्रत रखने वालों के लिए बढ़िया रेसिपी।
नोट:यदि आप तेल में तली हुई अरबी मसाला बनाते हैं तो उसके कुछ स्वास्थ्य लाभ कम हो सकते हैं। इसके बजाय:एयर फ्रायर में भूनें,या लो ऑयल वर्जन अपनाएँ।
अरबी मसाला: पोषण चार्ट व स्वास्थ्य लाभ
मात्रा: 1 सर्विंग (लगभग 150 ग्राम अरबी मसाला)
| पोषक तत्व | मात्रा | स्वास्थ्य लाभ |
| ऊर्जा | 120-140 Kcal | शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा देता है; थकान से राहत मिलती है |
| कार्बोहाइड्रेट | 26-30 g | धीमी गति से रिलीज़ होने वाला एनर्जी स्रोत; डायबिटीज़ फ्रेंडली |
| फाइबर | 4-5 g | पाचन में सहायक; कब्ज से राहत; पेट लंबे समय तक भरा रहता है |
| पोटैशियम | 500-600 mg | हाई BP कंट्रोल करता है; दिल की धड़कन को नियमित रखता है |
| मैग्नीशियम | 30-40 mg | हड्डियों और मांसपेशियों को मज़बूती देता है |
| विटामिन B6 | 0.2-0.3 mg | दिमागी थकावट दूर करता है; नर्वस सिस्टम को बेहतर बनाता है |
| विटामिन C | 6-10 mg | रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है; त्वचा को स्वस्थ रखता है |
| कैल्शियम | 40-50 mg | हड्डियों और दाँतों को मज़बूती देता है |
| आयरन | 1.5-2 mg | खून की गुणवत्ता बढ़ाता है; एनीमिया से बचाता है |
| प्रोटीन | 2-3 g | मसल्स रिकवरी और ग्रोथ में मदद करता है |
| फैट | 2-3 g | कम तेल हो तो) हार्मोनल बैलेंस में मददगार; कम मात्रा में उपयोग लाभदायक |
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FAQs अरबी मसाला के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जबाब
Q1.अरबी मसाला क्या है
A अरबी मसाला एक भारतीय पारंपरिक सब्ज़ी है जो अरबी (तारो रूट) को मसालों के साथ भूनकर या तलकर बनाई जाती है। यह सूखी या ग्रेवी दोनों तरह से बनाई जाती है और रोटी, पराठा या दाल-चावल के साथ खाई जाती है।
Q2. अरबी मसाला को किस चीज के साथ खाया जा सकता है
A. अरबी मसला को आप पराठा,रोटी, चावल,कुल्चा,नान के साथ खा सकते हैं।
Q3. अरबी मसाला के साथ कौन सी सब्जी को जोड़ सकते हैं
A. अरबी मसाला के साथ हरा मटर, आलू और शिमला मिर्च को जोड़ सकते हैं
Q4 अरबी को बनाने के लिए इसको क्या उबालना जरूरी है
A हा इस खास विधि से बनाने के लिए अरबी को उबालकर छिलका हटाकर बनाना जरूरी है।
Q5. क्या अरबी मसाला व्यक्तिगत पसंद के अनुसार बनाया जा सकता है?
A हां, अरबी मसाला को व्यक्तिगत पसंद के अनुसार मसाले की मात्रा व्यक्तिगत पसंद के अनुसार कम ज्यादा करके बनाया जा सकता है।
Q6. क्या अरबी मसाला बच्चे के खाने योग्य है?
A हां, अरबी मसाला को बच्चे खा सकते है, लेकिन बच्चों को मसाले का कम प्रयोग करना चाहिए
Q7. अरबी मसाला को स्वादिष्ट बनाने के लिए किस तरह के मसाले का प्रयोग किया जा सकता है .
A अरबी मसाला को स्वादिष्ट बनाने के लिए आमतौर पर धनिया पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर और हल्दी पाउडर का मिश्रण प्रयोग किया जाता है।
Q7 क्या अरबी मसाला का सेवन रोज करना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है?
A नहीं, कोई चीज का ज्यादा सेवन करना नुकसान देह हो सकता है इसलिए संतुलित रूप से संतुलन में ही लेना चाहिए।
Q8. क्या अरबी मसाला व्रत में खा सकते हैं
A हा अरबी को बिना प्याज़-लहसुन और सेंधा नमक के साथ व्रत (उपवास) में खाया जा सकता है। इसे व्रत फ्रेंडली मसालों जैसे – जीरा, सौंठ, काली मिर्च से बनाया जाता है।
Q9क्या अरबी वजन बढ़ाती है या घटाती है
A अरबी में फाइबर अधिक होता है, जो पेट भरा रखता है और वजन घटाने में मदद करता है। लेकिन यदि आप इसे ज्यादा तेल में तलते हैं, तो यह वजन बढ़ा सकती है। कम तेल या भुना हुआ विकल्प वजन कम करने वालों के लिए बेहतर है।
Q10. डायबिटीज़ मरीज अरबी मसाला खा सकते हैं क्या
A हां, अरबी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह डायबिटिक मरीजों के लिए सुरक्षित है। परंतु तेल और मसालों का ध्यान रखें – उबली या भुनी हुई अरबी बेहतर विकल्प है।
अंतिम निष्कर्ष
अरबी मसाला भारतीय रसोई की एक बहुपयोगी और बहुप्रचलित सब्ज़ी है जो स्वाद, पोषण और परंपरा – तीनों का बेहतरीन संगम है। चाहे आप इसे सूखा बनाएं, ग्रेवी में पकाएं, या व्रत में खाएं – इसकी हर वैरायटी स्वाद में भरपूर और स्वास्थ्य में लाभकारी होती है।
इसमें पाए जाने वाले फाइबर, पोटैशियम, आयरन, विटामिन C और B6 जैसे पोषक तत्व इसे न केवल स्वादिष्ट बनाते हैं, बल्कि पाचन, हड्डियों और हृदय स्वास्थ्य के लिए भी उपयुक्त बनाते हैं।
खास बात यह है कि अरबी मसाला एक ऐसी रेसिपी है जिसे कम मसाले, कम तेल और आसान विधि से भी बहुत टेस्टी और हेल्दी बनाया जा सकता है। यह घर के हर सदस्य — बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक — के लिए पोषण का एक उत्तम स्रोत बन सकती है।
