आलू सहजन मसाला स्वाद में खास आकर्षक पौष्टिक गुणों से भरपूर
आलू सहजन मसाला एक बेहद लोकप्रिय सब्जी है जिसका स्वाद बेहद आकर्षित होता है इसमें पोषक तत्व ज्यादा मात्रा में पाया जाता है जो पोषक तत्व हमारे शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है, इसमें विटामिन सी विटामिन ए कैल्शियम और आयरन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है इसलिए इसके स्वादिष्ट सब्जी बनाकर खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, आलू, सहजन, टमाटर,अदरक,लहसुन के साथ मिश्रित मसाले एक आकर्षक स्वाद आपको देंगे।
आलू सहजन मसाला – परिचय
आलू सहजन मसाला एक पारंपरिक और पौष्टिक भारतीय सब्ज़ी है, जिसमें आलू की मुलायम बनावट और सहजन (ड्रमस्टिक) की अनोखी खुशबू व स्वाद का बेहतरीन मेल होता है। यह व्यंजन खासतौर पर उत्तर भारत और बिहार-झारखंड के घरों में लोकप्रिय है, लेकिन दक्षिण भारतीय किचन में भी सहजन का प्रयोग बड़े चाव से किया जाता है।
सहजन के डंडियों (pods) में हल्का मीठा और मिट्टी-सा स्वाद होता है, जो मसालों और टमाटर- प्याज़ की ग्रेवी में पकने पर बेहद लजीज़ लगते हैं। इसमें आलू डालने से डिश का स्वाद और भरापन बढ़ जाता है, जिससे यह रोटी, पराठा या चावल के साथ एक संपूर्ण भोजन बन जाती है।सहजन को सेहत का खजाना माना जाता है — यह विटामिन C, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है, जो इम्यूनिटी बढ़ाने, पाचन सुधारने और हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है।
वहीं आलू इसमें कार्बोहाइड्रेट और ऊर्जा का अच्छा स्रोत है।यह रेसिपी न सिर्फ स्वाद में बेहतरीन है, बल्कि बनाने में भी आसान है। हल्के मसाले, प्याज़-टमाटर का तड़का, और सहजन के प्राकृतिक स्वाद के साथ यह डिश घर के सभी सदस्यों को पसंद आती है।
आलू सहजन मसाला का इतिहास
आलू सहजन मसाला एक पारंपरिक भारतीय सब्ज़ी है, जिसमें आलू (Potato) और सहजन (Drumstick / Moringa pods) का स्वादिष्ट मेल होता है। इसका इतिहास भारतीय ग्रामीण रसोई और आयुर्वेदिक खानपान से जुड़ा हुआ है।
1. ग्रामीण भारतीय भोजन से जुड़ाव
सहजन (सहजन की फलियाँ/सेंजन/मुनगा) भारत के गाँवों में सदियों से पाई जाती हैं। सहजन का पेड़ “सहजन का सागौन” कहलाता है क्योंकि इसके हर हिस्से (पत्ते, फलियाँ, फूल, बीज) का उपयोग भोजन और औषधि दोनों में होता आया है।
2. आलू का आगमन और संयोजन
आलू भारत में पुर्तगालियों के माध्यम से 16वीं शताब्दी में आया। समय के साथ आलू हर घर का प्रमुख हिस्सा बन गया। ग्रामीण इलाकों में सहजन की सब्ज़ी में आलू मिलाकर स्वाद और गाढ़ापन बढ़ाया जाने लगा।
3. आयुर्वेदिक परंपरा
सहजन को आयुर्वेद में “शिग्रु” कहा गया है और इसे पाचन सुधारने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने तथा हड्डियाँ मजबूत करने वाला माना गया है। आलू ऊर्जा और कार्बोहाइड्रेट का प्रमुख स्रोत है। इन दोनों का मेल स्वाद के साथ-साथ औषधीय गुणों से भी भरपूर माना जाता है।
4. क्षेत्रीय विविधता
उत्तर प्रदेश और बिहार में आलू सहजन मसाला पारंपरिक सब्ज़ी के रूप में लोकप्रिय है।दक्षिण भारत में सहजन सांभर का मुख्य हिस्सा होता है, लेकिन उत्तर भारत में इसे आलू और मसालों के साथ सूखी या रसेदार सब्ज़ी के रूप में पकाया जाता है।बंगाल और ओड़िशा में भी इसे आलू और सरसों के मसालों के साथ बनाया जाता है।
इस तरह, आलू सहजन मसाला का इतिहास भारतीय पाककला की उस परंपरा से जुड़ा है जिसमें स्थानीय सब्ज़ियों को मसालों और नई सामग्री (आलू) के साथ मिलाकर नया स्वाद और पोषण तैयार किया गया।

Table of Contents

आलू सहजन मसाला
Ingredients
- 300 ग्राम आलू
- 250 ग्राम सहजन का फली
- 100 ग्राम टमाटर
- 25 ग्राम पीला सरसों
- 25 ग्राम अदरक
- 30 ग्राम लहसुन
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 100 ग्राम प्याज
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच जीरा पाउडर
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1/2 कश्मीरी मिर्च
- 1/2
- आलू सहजन मसाला
Instructions
आलू सहजन मसाला बनाने की विधि:-
Step1
- आलू को छीलकर पानी से धोकर 4 भाग में काट ले, सहजन के रेशा को हटाकर उंगली साइज में काट ले, टमाटर को पानी से धोकर 4 भाग में काट ले, अदरक को छीलकर पानी से धोकर बारीक काट ले, लहसुन को छीलकर बारीक काट ले, धनिया पत्ता को पानी से धोकर बाड़ीक काट ले, प्याज को छीलकर पानी से धोकर बारीक काट ले।
Step 2
- अब चूल्हा जलाकर कराही चढ़ा कर कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब पीला सरसों को डालकर भूनकर अलग निकाल ले और ओखल मुसल में इसे कूट ले,अब कराही में सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब छीले हुए आलू को डालकर हाफ फ्राई करके निकाल के अलग रख ले।
Step 3
- अब कराही के तेल में बाड़ीक कटे अदरक,लहसुन को डालकर भूने, फिर प्याज को डालकर प्याज का रंग सुनहरा होने तक भूने, जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब लाल मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर एवं कुटा हुआ पीला सरसों डालकर भूने।
Step 4
- जब मसाला भून जाए तब इसमें फ्राई आलू,धनिया पाउडर,हल्दी पाउडर और स्वाद अनुसार नमक के साथ आधा कप गर्म पानी डालकर एक चम्मच से चलाएं और उबाल आने दे।
Step 5
- जब उबाल आ जाए तब टमाटर,सहजन,कश्मीरी मिर्च और 2 कप गर्म पानी डालकर ढक्कन से ढक कर 10 से 12 मिनट तक पकने दे।
Step 6
- 10 से 12 मिनट बाद ढक्कन हटाकर चम्मच से चलाएं आलू को चेक करें पक गया है कि नहीं अगर नहीं पका है तो 2 से 3 मिनट के लिए ढक्कन बंद करके और पकने दे
Step 7
- 2 से 3 मिनट बाद आलू पक गया है तो आच धीमी कर दे, फिश मसाला डालकर 5 मिनट तक पकने दे
INGREDIENTS
- 300 ग्राम आलू
- 250 ग्राम सहजन का फली
- 100 ग्राम टमाटर
- 25 ग्राम पीला सरसों
- 25 ग्राम अदरक
- 30 ग्राम लहसुन
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 100 ग्राम प्याज
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 चम्मच जीरा पाउडर
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1/2 कश्मीरी मिर्च
- 1/2
आलू सहजन मसाला बनाने की विधि:-
Step1
आलू को छीलकर पानी से धोकर 4 भाग में काट ले, सहजन के रेशा को हटाकर उंगली साइज में काट ले, टमाटर को पानी से धोकर 4 भाग में काट ले, अदरक को छीलकर पानी से धोकर बारीक काट ले, लहसुन को छीलकर बारीक काट ले, धनिया पत्ता को पानी से धोकर बाड़ीक काट ले, प्याज को छीलकर पानी से धोकर बारीक काट ले।
Step 2
अब चूल्हा जलाकर कराही चढ़ा कर कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब पीला सरसों को डालकर भूनकर अलग निकाल ले और ओखल मुसल में इसे कूट ले,अब कराही में सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब छीले हुए आलू को डालकर हाफ फ्राई करके निकाल के अलग रख ले।
Step 3
अब कराही के तेल में बाड़ीक कटे अदरक,लहसुन को डालकर भूने, फिर प्याज को डालकर प्याज का रंग सुनहरा होने तक भूने, जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब लाल मिर्च पाउडर, जीरा पाउडर एवं कुटा हुआ पीला सरसों डालकर भूने।
Step 4
जब मसाला भून जाए तब इसमें फ्राई आलू,धनिया पाउडर,हल्दी पाउडर और स्वाद अनुसार नमक के साथ आधा कप गर्म पानी डालकर एक चम्मच से चलाएं और उबाल आने दे।
Step 5
जब उबाल आ जाए तब टमाटर,सहजन,कश्मीरी मिर्च और 2 कप गर्म पानी डालकर ढक्कन से ढक कर 10 से 12 मिनट तक पकने दे।
Step 6
10 से 12 मिनट बाद ढक्कन हटाकर चम्मच से चलाएं आलू को चेक करें पक गया है कि नहीं अगर नहीं पका है तो 2 से 3 मिनट के लिए ढक्कन बंद करके और पकने दे
Step 7
2 से 3 मिनट बाद आलू पक गया है तो आच धीमी कर दे, फिश मसाला डालकर 5 मिनट तक पकने दे
आलू सहजन मसाला के प्रकार
आलू सहजन मसाला भारत के अलग-अलग हिस्सों में अलग-अलग अंदाज़ और मसालों के साथ बनाया जाता है। हर क्षेत्र की रसोई में इसका स्वाद बदल जाता है।
| प्रकार | विशेषता |
| सूखा आलू सहजन मसाला | आलू और सहजन को सूखा भूनकर मसालों के साथ पकाया जाता है। यह रोटी और पराठे के साथ अच्छा लगता है। |
| रसेदार आलू सहजन मसाला | इसमें टमाटर, प्याज और दही से ग्रेवी बनाई जाती है। इसे चावल या पूरी के साथ परोसा जाता है। |
| बनारसी स्टाइल आलू सहजन मसाला | इसमें हल्की मिठास और मसालेदार स्वाद होता है। दही और खसखस (पोस्त) का उपयोग होता है। |
| दक्षिण भारतीय शैली | सहजन को इमली और नारियल के साथ पकाया जाता है। इसे सांभर जैसा स्वाद मिलता है। |
| व्रत वाला आलू सहजन मसाला | इसमें प्याज-लहसुन का उपयोग नहीं होता। सेंधा नमक और हल्के मसालों से बनाया जाता है। |
| सरसों वाला आलू सहजन मसाला | इसमें सरसों के दानों और सरसों के तेल का उपयोग होता है, खासकर बिहार और बंगाल में लोकप्रिय। |
| शाही आलू सहजन मसाला | इसमें काजू-पेस्ट, मलाई और क्रीम का प्रयोग होता है। इसका स्वाद बेहद रिच और शाही होता है। |
| घरेलू साधारण आलू सहजन मसाला | साधारण प्याज, टमाटर और मसालों से घर पर जल्दी बनने वाला संस्करण। रोज़मर्रा के खाने में प्रचलित। |
इस तरह, आलू सहजन मसाला कई रूपों में मिलता है, और हर प्रकार का स्वाद अपने आप में अलग और खास होता है।
आलू सहजन मसाला के स्वास्थ्य संबंधी लाभ
- सहजन एक शक्तिशाली एंटीबायोटिक एजेंट के रूप में काम करता है जो खून को शुद्ध करने वाले गुण होते हैं इसका नियमित रूप से सेवन करने से खून के खराबी से होने वाले बीमारी नहीं होते हैं।
- सहजन में नियासिन राइबोफ्लेविन जैसे विटामिन बी और विटामिन 12 का एक बहुत बड़ा स्रोत है जो पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है इसमें फाइबर पाया जाता है जो पाचन प्रक्रिया को प्रभावित करता है।
- सहजन में एंटी डायबिटीज गुण पाया जाता है जो बढ़ा हुआ ब्लड शुगर लेवल को बहुत तेजी से कंट्रोल करता है इसलिए सहजन की फली खान डायबिटीज के मरीज के लिए वरदान साबित हो सकता है।
- मोटापे से ग्रस्त लोगों के लिए सहजन का सेवन करना बहुत फायदेमंद हो सकता है क्योंकि सहजन की फली शरीर के अतिरिक्त कैलोरी को जलाने में सहायता करता है इसमें मौजूद फाइबर वजन कम करने में सहयोग कर सकता है
- सहजन के फली में एंटीबैक्टीरियल एंटीफंगल और एंटीवायरल गुण के कारण निमित्त सेवन से त्वचा को जवा रखा जा सकता है त्वचा को किसी प्रकार का संक्रमण नहीं घेरता है और इसमें खून साफ रखने के गुण के कारण कील-मुंहासे,और फोड़े -फुंसी नहीं होते हैं।
- सहजन का सेवन बच्चों के लिए भी लाभदायक है इसमें मौजूद कैल्शियम,लोहा,मैग्नीशियम और फास्फोरस बच्चों के लिए बहुत फायदेमंद है बच्चे नियमित रूप से इसका सेवन करते हैं तो उनका संपूर्ण शारीरिक विकास होगा।
पोषण मूल्य (100 ग्राम पकी हुई आलू सहजन मसाला में अनुमानित)
| कैलोरी | 95–110 kcal | शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है। |
| कार्बोहाइड्रेट | 18–20 ग्राम | ग्लूकोज़ का स्रोत, शरीर को सक्रिय रखता है। |
| प्रोटीन | 2–3 ग्राम | मांसपेशियों की मजबूती और कोशिकाओं की मरम्मत। |
| वसा | 2–4 ग्राम | शरीर के लिए आवश्यक हेल्दी फैट। |
| फाइबर | 3–4 ग्राम | पाचन सुधारता है और कब्ज से बचाता है। |
| कैल्शियम | 35–40 मि.ग्रा. | हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है। |
| आयरन | 1–1.5 मि.ग्रा. | खून की कमी (एनीमिया) से बचाव करता है। |
| विटामिन C | 20–25 मि.ग्रा | इम्यूनिटी मजबूत करता है, त्वचा व बालों के लिए लाभकारी। |
| पोटैशियम | 300–350 मि.ग्रा. | रक्तचाप नियंत्रित करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। |
| विटामिन A | 150–200 IU | आंखों की रोशनी और त्वचा की सेहत के लिए आवश्यक। |
| विटामिन B6 | 0.2–0.3 mg | मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम को स्वस्थ रखता है। |
| मैग्नीशियम | 20–30 mg | हृदय व मांसपेशियों के लिए अच्छा। |
FAQs आलू सहजन मसाला के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके उत्तर
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Q1. आलू सहजन मसाला सेहत के लिए लाभकारी है कि नहीं
A हाँ, सहजन में विटामिन C, कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर होते हैं, जो इम्यूनिटी, हड्डियों और पाचन के लिए फायदेमंद हैं।
Q2. सहजन के साथ कोई दूसरा सब्जी जोड़ सकते हैं
A हां आप सहजन केला,फिश सहजन, सोया बड़ी के साथ भी बना सकते हैं।
Q3 आलू सहजन मसाला किस-किस चीज के साथ खा सकते हैं
A आलू सहजन मसाला को आप इसे रोटी,चावल, सादा पराठा,नान के साथ खा सकते हैं।
Q4. क्या गर्भवती महिला को सहजन का सेवन करना चाहिए
A नहीं गर्भवती महिला को सहजन का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे गर्भपात होने का खतरा बन सकता है।
Q5. निम्न ब्लड प्रेशर के मरीज क्या सहजन का सब्जी खा सकते हैं
A नहीं निम्न ब्लड प्रेशर के मरीज को सहजन का सब्जी नहीं खाना चाहिए उनको नुकसान हो सकता है।
Q6.क्या इसे बिना प्याज़-लहसुन के बनाया जा सकता है?
A हाँ, व्रत या सात्विक भोजन के लिए इसे टमाटर, अदरक और हल्के मसालों के साथ बिना प्याज़-लहसुन के भी बनाया जा सकता है।
Q7.सहजन का मौसम कब होता है?
A सहजन सर्दियों के अंत से लेकर गर्मियों की शुरुआत तक अधिकतर बाजार में ताज़ा मिलता है, लेकिन कुछ जगह सालभर उपलब्ध रहता है।
Q8.सहजन पकाने से पहले क्या करना चाहिए?
A सहजन की डंडियों को अच्छी तरह धोकर 2–3 इंच के टुकड़ों में काटना चाहिए और पकाने से पहले किनारे हल्के छील लेने चाहिए, ताकि खाने में आसानी हो।