आलू कटहल मसाला शाकाहारियों के लिए खास मांस का बिकल्प है इस जंक फूड को स्वादिष्ट स्वाद पाने के लिए इस विधि से बनाएं आप एक बार बना लेंगे तो इसे बार-बार बना ना पसंद करेंगे
आलू कटहल मसाला का परिचय
आलू कटहल मसाला एक स्वादिष्ट और पारंपरिक भारतीय शाकाहारी व्यंजन है, जिसमें कटहल (जिसे “वेजिटेरियन मीट” भी कहा जाता है) और आलू को मसालेदार ग्रेवी में पकाया जाता है। कटहल का अनोखा टेक्सचर और आलू की मुलायम बनावट, दोनों मिलकर इस डिश को खास बनाते हैं। यह खासकर गर्मियों के मौसम में पसंद किया जाता है, जब कच्चा कटहल आसानी से उपलब्ध होता है।
उत्तर भारत, बिहार, झारखंड और बंगाल में आलू कटहल मसाला त्योहारों, शादियों और दावतों में एक लोकप्रिय डिश है। इसमें प्याज, टमाटर, अदरक-लहसुन और देसी मसालों का गाढ़ा मिश्रण होता है, जो कटहल और आलू में गहराई से समा जाता है।
यह डिश रोटी, पराठा, पूड़ी या चावल – सभी के साथ बेहतरीन लगती है। कटहल के पौष्टिक गुण और आलू की ऊर्जा देने वाली क्षमता इसे स्वाद और सेहत, दोनों का संतुलित मेल बनाती है।
आलू कटहल मसाला का इतिहास
कटहल का इतिहास भारतीय उपमहाद्वीप में हजारों साल पुराना है। माना जाता है कि इसका उद्गम दक्षिण और दक्षिण-पूर्व एशिया में हुआ, विशेषकर भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में। प्राचीन संस्कृत ग्रंथों में कटहल का उल्लेख “पणस” नाम से मिलता है। यह फल न केवल भोजन के रूप में, बल्कि औषधीय गुणों के कारण भी लोकप्रिय था।
मध्यकाल में, जब भारत में विभिन्न राज्यों और संस्कृतियों का मेल हुआ, तब कटहल को मसालेदार करी के रूप में पकाने की परंपरा शुरू हुई। बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में शादी-ब्याह, पूजन या खास आयोजनों में कटहल की सब्ज़ी बनाना एक रिवाज़ बन गया। कटहल के साथ आलू का संयोजन बाद में लोकप्रिय हुआ, जब 17वीं सदी में आलू पुर्तगालियों के माध्यम से भारत आया और धीरे-धीरे भारतीय रसोई का हिस्सा बन गया।
आलू कटहल मसाला असल में दो युगों के स्वाद का संगम है—एक ओर प्राचीन भारतीय कटहल की परंपरा और दूसरी ओर अपेक्षाकृत नए आलू का योगदान। यही वजह है कि यह डिश समय के साथ हर घर में अपनाई गई और आज भी शादी-ब्याह के मेन्यू में इसकी जगह पक्की है।
Table of Contents


आलू कटहल मसाला
Ingredients
- 250 ग्राम आलू
- 500 ग्राम कटहल
- 50 ग्राम दही
- 400 ग्राम प्याज
- 4 pc हरा मिर्च
- 1 चम्मच गरम मसाला पाउडर
- 300 ग्राम सरसों तेल
- 1 चम्मच कश्मीरी मिर्च
- 1 चम्मच किचन किंग
- 2 चम्मच देसी घी
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 4 pc हरा इलायची
- 1 pc बड़ी इलायची
- 1 pc जायफल
- 4 pc तेजपत्ता
- 20 ग्राम लहसुन
- 50 ग्राम अदरक
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- 1 चम्मच जीरा पाउडर
- 100 ग्राम टमाटर
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
Instructions
आलू कटहल मसाला बनाने की विधि:-
- आलू कटहल मसाला बनाने के लिए सबसे पहले हाथ में सरसों तेल लगाकर चाकू के सहारे कटहल को छील कर काट ले,आलू को छीलकर दो भाग में काटकर पानी से धोकर एक अलग बर्तन में रख ले,प्याज को छीलकर पानी से धोकर बाड़ीक काट ले, हरा मिर्च को लंबा में दो भाग में काट ले, धनिया पत्ता के जड़ काटकर फेंक दे फिर पानी से धोकर बारीक काट ले, टमाटर को पानी से धोकर मोटा भाग में काट ले, कटे हुए आलू एवं कटहल वाले बर्तन में नमक और हल्दी पाउडर डालकर मैरिनेट होने दे।
- चूल्हा जलाकर उसके ऊपर कराही चढ़ा दे,कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब 200 ग्राम सरसों तेल को कराही में डाल दे तेल को गर्म होने दे,जब तेल गर्म हो जाए तब आलू को डालकर फूल फ्राई करके अलग बर्तन में निकाल कर रख ले। कटहल के टुकड़ों को हाफ फ्राई करके अलग बर्तन में निकाल कर रख ले। कराही में के बच्चे तेल को एक चम्मच से निकाल कर अलग रख ले।
- अब कराही में 100 ग्राम फ्रेश सरसों तेल डालकर गर्म होने दे,जब तेल गर्म हो जाए तब तेज पत्ता को डाल दे,जब तेज पत्ता भून जाए तब बारीक कटे हुए प्याज को डालकर सुनहरा होने तक भूने, जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर,जीरा पाउडर,बड़ी इलायची, छोटी इलायची, टुकड़ा किया हुआ जायफल, स्वाद अनुसार नमक और 1/2 कप गर्म पानी डालकर भूने। जब तेल ऊपर आ जाए तब फ्राई किए हुए आलू और फ्राई कटहल के साथ दही डालकर चलाएं फिर 2 कप गर्म पानी डालकर 5 मिनट के लिए पकने के लिए छोड़ दे।
- 5 मिनट के बाद पक रहे आलू कटहल मसाला में कटे हुए टमाटर,कश्मीरी मिर्च,किचन किंग डालकर चलाएं और ग्रेवी के जरूरत के अनुसार गर्म पानी डालकर ढक्कन से ढक दे 10 मिनट तक पकने दे। 10 मिनट बाद ढक्कन हटाकर एक चम्मच के सहारे देखे की आलू पका है कि नहीं अगर आलू पक गया है तो चूल्हा पर से करही उतार ले।
- अब एक बड़ा चम्मच(कर्छुल ) मे देसी घी डालकर इसमें लहसुन एवं अदरक डालकर जल रहे चूल्हे पर चढा कर भूनने दे जब भून जाए तब आलू कटहल मसाला में छौंक लगाये, चूल्हा को बंद कर दे।आलू कटहल मसाला बनकर तैयार है बारीक कटे धनिया पत्ता से गार्निश कर सर्व करें।
- नोट :-1.आलू कटहल मसाला चावल के साथ खाना है तो ग्रेवी मे गर्म पानी बढ़ा ले, रोटी के साथ खाना हो तो ग्रेवी में गर्म पानी कम कर ले।
- आलू कटहल मसाला शाकाहारियों के लिए नॉनवेज व्यंजन का विकल्प है।

INGREDIENTS
- 250 ग्राम आलू
- 500 ग्राम कटहल
- 50 ग्राम दही
- 400 ग्राम प्याज
- 4pc हरा मिर्च
- 1 चम्मच गरम मसाला पाउडर
- 300 ग्राम सरसों तेल
- 1 चम्मच कश्मीरी मिर्च
- 1 चम्मच किचन किंग
- 2 चम्मच देसी घी
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 4pc हरा इलायची
- 1pc बड़ी इलायची
- 1pc जायफल
- 4pc तेजपत्ता
- 20 ग्राम लहसुन
- 50 ग्राम अदरक
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- 1 चम्मच जीरा पाउडर
- 100 ग्राम टमाटर
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
आलू कटहल मसाला बनाने की विधि:-
आलू कटहल मसाला बनाने के लिए सबसे पहले हाथ में सरसों तेल लगाकर चाकू के सहारे कटहल को छील कर काट ले,आलू को छीलकर दो भाग में काटकर पानी से धोकर एक अलग बर्तन में रख ले,प्याज को छीलकर पानी से धोकर बाड़ीक काट ले, हरा मिर्च को लंबा में दो भाग में काट ले, धनिया पत्ता के जड़ काटकर फेंक दे फिर पानी से धोकर बारीक काट ले, टमाटर को पानी से धोकर मोटा भाग में काट ले, कटे हुए आलू एवं कटहल वाले बर्तन में नमक और हल्दी पाउडर डालकर मैरिनेट होने दे।
चूल्हा जलाकर उसके ऊपर कराही चढ़ा दे,कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब 200 ग्राम सरसों तेल को कराही में डाल दे तेल को गर्म होने दे,जब तेल गर्म हो जाए तब आलू को डालकर फूल फ्राई करके अलग बर्तन में निकाल कर रख ले। कटहल के टुकड़ों को हाफ फ्राई करके अलग बर्तन में निकाल कर रख ले। कराही में के बच्चे तेल को एक चम्मच से निकाल कर अलग रख ले।
अब कराही में 100 ग्राम फ्रेश सरसों तेल डालकर गर्म होने दे,जब तेल गर्म हो जाए तब तेज पत्ता को डाल दे,जब तेज पत्ता भून जाए तब बारीक कटे हुए प्याज को डालकर सुनहरा होने तक भूने, जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर,जीरा पाउडर,बड़ी इलायची, छोटी इलायची, टुकड़ा किया हुआ जायफल, स्वाद अनुसार नमक और 1/2 कप गर्म पानी डालकर भूने। जब तेल ऊपर आ जाए तब फ्राई किए हुए आलू और फ्राई कटहल के साथ दही डालकर चलाएं फिर 2 कप गर्म पानी डालकर 5 मिनट के लिए पकने के लिए छोड़ दे।
5 मिनट के बाद पक रहे आलू कटहल मसाला में कटे हुए टमाटर,कश्मीरी मिर्च,किचन किंग डालकर चलाएं और ग्रेवी के जरूरत के अनुसार गर्म पानी डालकर ढक्कन से ढक दे 10 मिनट तक पकने दे। 10 मिनट बाद ढक्कन हटाकर एक चम्मच के सहारे देखे की आलू पका है कि नहीं अगर आलू पक गया है तो चूल्हा पर से करही उतार ले।
अब एक बड़ा चम्मच(कर्छुल ) मे देसी घी डालकर इसमें लहसुन एवं अदरक डालकर जल रहे चूल्हे पर चढा कर भूनने दे जब भून जाए तब आलू कटहल मसाला में छौंक लगाये, चूल्हा को बंद कर दे।आलू कटहल मसाला बनकर तैयार है बारीक कटे धनिया पत्ता से गार्निश कर सर्व करें।
नोट :-1.आलू कटहल मसाला चावल के साथ खाना है तो ग्रेवी मे गर्म पानी बढ़ा ले, रोटी के साथ खाना हो तो ग्रेवी में गर्म पानी कम कर ले।
2. आलू कटहल मसाला शाकाहारियों के लिए नॉनवेज व्यंजन का विकल्प है।
आलू कटहल मसाला की वैराइटी
आलू कटहल मसाला को भारत के अलग-अलग राज्यों और स्वाद की पसंद के अनुसार कई तरीकों से बनाया जाता है।
1. सूखा आलू कटहल मसाला
इसमें कटहल और आलू को हल्के मसालों और कम पानी में पकाया जाता है।
शादी-ब्याह और दावतों में पूड़ी या पराठे के साथ परोसी जाती है।
इसमें प्याज, टमाटर और गरम मसाले का ज़्यादा उपयोग होता है।
2. ग्रेवी वाला आलू कटहल मसाला
इसमें मसालेदार प्याज-टमाटर की ग्रेवी में आलू और कटहल पकाए जाते हैं।
खासकर चावल और रोटी के साथ खाने के लिए उपयुक्त।
मसालों में काजू पेस्ट या नारियल पेस्ट डालकर इसे और रिच बनाया जा सकता है।
3. बंगाली स्टाइल आलू कटहल करी (Echorer Dalna)
बंगाल में इसे “एछोरर डालना” कहा जाता है, जो कच्चे कटहल और आलू से बनती है।
इसमें सरसों के तेल, जीरा, हल्दी और गरम मसाले का उपयोग होता है।
हल्का मीठा और सुगंधित स्वाद इसका खास आकर्षण है।
4. बिहारी स्टाइल आलू कटहल मसाला
इसमें सरसों का तेल, पंचफोरन मसाला और सूखी लाल मिर्च का इस्तेमाल होता है।
कटहल और आलू को हल्के पानी में धीमी आंच पर पकाया जाता है।
अक्सर लिट्टी-चोखा या रोटी के साथ खाई जाती है।
5. दक्षिण भारतीय स्टाइल कटहल करी
इसमें नारियल पेस्ट, करी पत्ते और राई का तड़का दिया जाता है।
मसाले में इमली का पल्प मिलाकर खट्टा-तीखा स्वाद बनाया जाता है।
6. दम स्टाइल आलू कटहल
इस वैराइटी में आलू और कटहल को मसालों में मेरिनेट कर, धीमी आंच पर दम देकर पकाया जाता है।
स्वाद में गाढ़ा और खुशबूदार, खास अवसरों के लिए परफेक्ट।
7. वेज बिरयानी स्टाइल आलू कटहल
इसमें कटहल और आलू को मसाले में पका कर चावल के साथ लेयर करके बिरयानी जैसा स्वाद दिया जाता है।
खासकर उन लोगों के लिए जो मांसाहार जैसा स्वाद शाकाहार में चाहते हैं।
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आलू कटहल मसाला – स्वास्थ्य से सम्बंधित लाभ
आलू कटहल मसाला केवल स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि सेहत के लिए भी एक बेहतरीन विकल्प है। इसमें कटहल, आलू, टमाटर, प्याज, अदरक, लहसुन और विभिन्न देसी मसाले शामिल होते हैं, जो पोषण का खज़ाना हैं। कटहल को “वेजिटेरियन मीट” कहा जाता है क्योंकि इसका टेक्सचर मांस जैसा होता है और इसमें भरपूर प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं। वहीं आलू ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत है, जिसमें कार्बोहाइड्रेट और आवश्यक खनिज प्रचुर मात्रा में होते हैं।
1. कटहल के स्वास्थ्य लाभ
(A) पोषक तत्वों से भरपूर
- कच्चे कटहल में पाए जाने वाले मुख्य पोषक तत्व:
- कैलोरी: कम, जिससे यह वजन नियंत्रित रखने में मददगार
- प्रोटीन: शाकाहारी लोगों के लिए अच्छा स्रोत
- फाइबर: पाचन को बेहतर करता है
- विटामिन C: इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
- पोटैशियम: रक्तचाप नियंत्रित करने में सहायक
- मैग्नीशियम व आयरन: हड्डियों और खून के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक-
(B) पाचन में सुधार
- कटहल में मौजूद आहार फाइबर पेट के पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
- यह कब्ज़ को दूर करता है और आंतों की कार्यक्षमता को बेहतर बनाता है।
(C) हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
- कटहल का पोटैशियम और मैग्नीशियम रक्तचाप को नियंत्रित करने और हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में सहायक है।
(D) इम्यूनिटी बूस्टर
- कटहल में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और संक्रमण से बचाते हैं।
(E) हड्डियों और दांतों के लिए अच्छा
- इसमें मौजूद कैल्शियम और मैग्नीशियम हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं, जबकि आयरन एनीमिया से बचाता है।
2. आलू के स्वास्थ्य लाभ
(A) ऊर्जा का स्रोत
आलू में कार्बोहाइड्रेट की भरपूर मात्रा होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
(B) पोटैशियम से भरपूर
आलू पोटैशियम का अच्छा स्रोत है, जो हृदय की धड़कन और मांसपेशियों की कार्यक्षमता बनाए रखने में मदद करता है।
(C) विटामिन और मिनरल्स का खज़ाना
विटामिन C: रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है
विटामिन B6: मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक
मैंगनीज और फॉस्फोरस: हड्डियों के लिए लाभकारी
(D) पाचन के लिए अच्छा
उबालकर या हल्का पकाकर खाने पर आलू पेट के लिए हल्का और आसानी से पचने वाला होता है।
(E) त्वचा और बालों के लिए फायदे
मंदआलू में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट त्वचा की रंगत को निखारते हैं और बालों को स्वस्थ बनाते हैं।
3. आलू कटहल मसाला के संयुक्त लाभ
जब आलू और कटहल को मसालेदार ग्रेवी में पकाया जाता है, तो यह केवल स्वाद ही नहीं, बल्कि पोषण में भी डबल फायदा देता है।
संतुलित भोजन: आलू कार्बोहाइड्रेट का स्रोत है, जबकि कटहल प्रोटीन और फाइबर से भरपूर है।
वजन नियंत्रण: इसमें कैलोरी अपेक्षाकृत कम होती है, जिससे यह वजन बढ़ाए बिना पेट भरता है।
हड्डियों और रक्त स्वास्थ्य: आलू का पोटैशियम और कटहल का मैग्नीशियम-कैल्शियम संयोजन हड्डियों और रक्तचाप दोनों के लिए अच्छा है।
इम्यूनिटी और एनर्जी: कटहल का विटामिन C और आलू की ऊर्जा देने वाली क्षमता मिलकर शरीर को सक्रिय और स्वस्थ रखते हैं।
4. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
आयुर्वेद के अनुसार:कटहल मधुर रस वाला, भारी और बलवर्धक होता है। यह वात को बढ़ा सकता है, लेकिन पित्त और कफ को संतुलित रखता है।
आलू मधुर और स्निग्ध प्रकृति का है, जो ऊर्जा और बल प्रदान करता है।
मसालों का सही संयोजन (जैसे अदरक, जीरा, हल्दी) पाचन को आसान बनाता है और वात को संतुलित रखता है।
5. वैज्ञानिक दृष्टिकोण
कई शोध बताते हैं कि:कटहल का सेवन डायबिटीज़ रोगियों के लिए लाभकारी हो सकता है क्योंकि इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है।
आलू में मौजूद रेसिस्टेंट स्टार्च आंतों के लिए प्रोबायोटिक का काम करता है।दोनों ही सामग्री में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट शरीर में फ्री-रैडिकल्स से होने वाले नुकसान को कम करते हैं, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है।
6. सावधानियां
कटहल भारी होता है, इसलिए जिन लोगों को पाचन की समस्या है, वे इसे सीमित मात्रा में लें।
आलू को अधिक तलकर खाने से ट्रांस फैट बढ़ सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
मसाले अधिक मात्रा में डालने से गैस या एसिडिटी हो सकती है, इसलिए संतुलित मसाले का प्रयोग करें।
आलू कटहल मसाला अनुमानित पोषण चार्ट
| पोषक तत्व | मात्रा | स्वास्थ्य में भूमिका |
| कैलोरी | 95–110 kcal | शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है |
| कार्बोहाइड्रेट | 18–20 g | मांसपेशियों और मस्तिष्क के लिए ऊर्जा |
| प्रोटीन | 2–3 g | कोशिकाओं की मरम्मत और विकास |
| फाइबर | 3–4 g | पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है, कब्ज़ से बचाता है |
| वसा | 3–4 g | शरीर में विटामिन अवशोषण में मदद |
| विटामिन C | 8–12 mg | इम्यूनिटी बढ़ाता है, त्वचा और बालों के लिए अच्छा |
| विटामिन B6 | 0.2–0.3 mg | मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के लिए लाभकारी |
| पोटैशियम | 350–400 mg | रक्तचाप नियंत्रित रखता है, हृदय स्वास्थ्य के लिए अच्छा |
| मैग्नीशियम | 20–25 mg | हड्डियों और मांसपेशियों को मजबूत करता है |
| कैल्शियम | 18–22 mg | हड्डियों और दांतों को स्वस्थ रखता है |
| आयरन | 0.6–0.8 mg | हीमोग्लोबिन निर्माण में सहायक, एनीमिया से बचाता है |
| फॉस्फोरस | 35–40 mg | हड्डियों और कोशिकाओं के लिए जरूरी |
| एंटीऑक्सीडेंट | फ्री रैडिकल्स से बचाकर उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी करता है |
FAQsआलू कटहल मसाला के सम्बन्ध मे पूछे जाने वाले सवाल और जबाब
Q1. आलू कटहल मसाला बनाने के लिए कौन सा कटहल सबसे अच्छा होता है
A कच्चा, हल्का हरा और सख्त कटहल आलू कटहल मसाला के लिए सबसे अच्छा होता है। इसमें बीज पूरी तरह सख्त नहीं होते और टेक्सचर अच्छा बनता है।
Q2. क्या आलू कटहल मसाला बिना प्याज-लहसुन के बनाया जा सकता है
A हाँ, बिल्कुल। इसे केवल टमाटर, अदरक, हरी मिर्च और सूखे मसालों के साथ भी बनाया जा सकता है। यह व्रत या धार्मिक अवसरों के लिए उपयुक्त होता है।
Q3. क्या कटहल को पहले उबालना जरूरी है
A अगर कटहल बहुत सख्त है तो उसे हल्का उबालना या प्रेशर कुकर में 1–2 सीटी देना बेहतर रहता है, जिससे पकाने का समय कम हो जाता है।
Q4. आलू कटहल मसाला के साथ कौन-कौन से व्यंजन अच्छे लगते हैं
A यह रोटी, पराठा, पूड़ी, जीरा राइस, लच्छा पराठा और लिट्टी-चोखा के साथ बहुत स्वादिष्ट लगता है।
Q5. क्या आलू कटहल मसाला को फ्रीज में स्टोर किया जा सकता है
A हाँ, लेकिन 2–3 दिन के भीतर ही खा लें। फ्रीज में रखते समय एयरटाइट कंटेनर का इस्तेमाल करें।
Q6. क्या यह डिश डायबिटीज़ मरीज खा सकते हैं
A कच्चा कटहल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, इसलिए सीमित मात्रा में डायबिटीज़ रोगी भी इसे खा सकते हैं। लेकिन आलू के कारण कार्बोहाइड्रेट थोड़ा ज्यादा होगा, इसलिए मात्रा पर ध्यान दें।
Q7. क्या आलू कटहल मसाला वजन घटाने में मदद करता है
A अगर इसे कम तेल और मसाले में बनाया जाए तो इसमें कैलोरी अपेक्षाकृत कम होती है और फाइबर अधिक होता है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है।
Q8. कटहल काटते समय चिपचिपाहट कैसे दूर करें
A कटहल काटते समय हाथ और चाकू पर सरसों का तेल या नारियल तेल लगाएं। इससे चिपचिपाहट आसानी से निकल जाती है।

अंतिम निष्कर्ष – आलू कटहल मसाला
आलू कटहल मसाला भारतीय रसोई का एक ऐसा पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन है, जो स्वाद, पोषण और परंपरा – तीनों का बेहतरीन संगम है। इसमें कटहल का मांसाहारी जैसा टेक्सचर और आलू की मुलायमियत मिलकर एक अनोखा अनुभव देते हैं। चाहे यह सूखी सब्ज़ी हो या मसालेदार ग्रेवी, यह डिश रोज़मर्रा के भोजन से लेकर खास मौकों तक हर जगह फिट बैठती है।
कटहल में मौजूद प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स, और आलू की ऊर्जा देने वाली क्षमता मिलकर इसे पौष्टिक बनाती है। साथ ही, देसी मसालों की खुशबू और स्वाद इसे बेहद लजीज़ बना देते हैं।
आज के समय में, जब फास्ट फूड की दौड़ में लोग पारंपरिक व्यंजनों से दूर होते जा रहे हैं, आलू कटहल मसाला हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और घर के खाने का असली स्वाद याद दिलाता है। यह सिर्फ एक डिश नहीं, बल्कि भारतीय खानपान की विरासत का हिस्सा है, जिसे हमें संजोकर रखना चाहिए।
Aalu kathal masala 1