केला करी

केला करी सेहत से भरपूर, खास स्वाद का खजाना जो आपको रसोई को बनाएं रहस्य बेमिसाल

केला करी का परिचय

केला करी एक स्वादिष्ट और पौष्टिक भारतीय व्यंजन है, जो कच्चे या पके केले को मसालों और ग्रेवी के साथ पकाकर बनाया जाता है। यह डिश दक्षिण भारत, बंगाल और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में खास लोकप्रिय है, जहाँ कच्चे केले (प्लांटेन) को सब्जी के रूप में उपयोग किया जाता है।

केला करी की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह हल्की मीठी और मसालेदार स्वाद का अनोखा मेल देती है। कच्चे केले आलू जैसी बनावट वाले होते हैं, जो मसालों को अच्छे से सोख लेते हैं, वहीं पके केले से बनी करी में हल्की मिठास और क्रीमी टेक्सचर आता है।

इस डिश में प्याज़, टमाटर, अदरक-लहसुन और हल्दी, धनिया, जीरा, गरम मसाला जैसे भारतीय मसाले डाले जाते हैं। कुछ क्षेत्रों में नारियल दूध, दही या मूँगफली का पेस्ट मिलाकर इसे और भी रिच और फ्लेवरफुल बनाया जाता है।

केला करी न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि सेहत के लिए भी लाभदायक है। केले में पोटैशियम, फाइबर, विटामिन C और विटामिन B6 भरपूर मात्रा में होते हैं, जो पाचन सुधारने, ब्लड प्रेशर नियंत्रित करने और ऊर्जा प्रदान करने में मदद करते हैं।

इसे गरमागरम चपाती, पराठा, पूरी या चावल के साथ परोसा जाता है। शाकाहारी भोजन में यह एक बेहतरीन विकल्प है, खासकर व्रत या उपवास के दिनों में भी कुछ खास वैरायटी बनाई जाती है।

केला करी का इतिहास

केला करी का इतिहास भारतीय पाक-कला और पारंपरिक आहार संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। केले का पौधा भारत के सबसे पुराने और महत्वपूर्ण फलों में से एक माना जाता है, जिसका उल्लेख प्राचीन आयुर्वेद ग्रंथों, पुराणों और यात्रा-वृत्तांतों में मिलता है। भारत को केले की जन्मभूमि माना जाता है और यहाँ 2000 वर्ष से भी पहले केले की खेती की जाती थी।

दक्षिण भारत में केले का पौधा “संपूर्ण पौधा” कहलाता है, क्योंकि इसके फल, फूल, तना और पत्ते सभी भोजन और धार्मिक कार्यों में उपयोग किए जाते हैं। कच्चे केले से सब्जी और करी बनाना दक्षिण भारत, विशेषकर केरल, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में प्राचीन परंपरा रही है।

प्राचीन काल में

मंदिरों और राजाओं के भोज में केले का विशेष महत्व था।

कच्चे केले की सब्जी और करी व्रत या त्यौहार के भोजन का हिस्सा बनती थी।

आयुर्वेद में कच्चे केले को पचने में हल्का, वात और पित्त संतुलित करने वाला बताया गया है।

मध्यकालीन दौर में

व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के चलते बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र और उत्तर भारत के हिस्सों में भी केला करी का चलन शुरू हुआ।

बंगाल में “कাঁচा কলার झोल” (कच्चे केले की करी) लोकप्रिय हुई, जबकि महाराष्ट्र में मूँगफली और नारियल आधारित केला करी विकसित हुई।

आधुनिक काल में

शाकाहारी और वेगन डाइट में केला करी की मांग बढ़ी है क्योंकि यह पौष्टिक और ग्लूटेन-फ्री होती है।

विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय ने इस डिश को ग्लोबल फूड मेन्यू में शामिल किया, खासकर यूके, मलेशिया, श्रीलंका और अफ्रीका के कुछ देशों में।

आज केला करी पारंपरिक घरेलू व्यंजन से लेकर फ्यूज़न रेसिपी तक विकसित हो चुकी है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों के मसालों और पकाने के तरीकों का मेल देखने को मिलता है।

Table of Contents

निष्कर्ष – केला करी

केला करी भारतीय व्यंजनों की एक बहुमुखी, पौष्टिक और स्वादिष्ट डिश है, जो पारंपरिक स्वाद और आधुनिक फ्यूज़न दोनों में अपनी पहचान रखती है। कच्चे या पके केले को मसालों, दही, नारियल या मूँगफली के साथ पकाकर बनने वाली यह करी न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि सेहत के लिए भी अनेक लाभ देती है।

फाइबर, पोटैशियम, विटामिन C, विटामिन B6 और मिनरल्स से भरपूर यह व्यंजन पाचन सुधारने, हृदय स्वास्थ्य बनाए रखने, वजन नियंत्रित करने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और त्वचा व बालों के पोषण में मदद करता है।

इसके विभिन्न क्षेत्रीय और फ्यूज़न वर्ज़न — जैसे दक्षिण भारतीय, बंगाली, महाराष्ट्रीयन, थाई, अफ्रीकन और इंडो-चाइनीज़ — इसे हर स्वाद और अवसर के लिए उपयुक्त बनाते हैं। सही परोसने के तरीके अपनाकर इसे रोज़मर्रा के भोजन से लेकर विशेष आयोजनों तक में आकर्षक और लजीज़ तरीके से पेश किया जा सकता है।

अंततः, केला करी एक ऐसा व्यंजन है जिसमें स्वाद, पोषण और परंपरा का अद्भुत संगम है। यह हमें भारतीय रसोई की विविधता और रचनात्मकता का एहसास कराती है और यह साबित करती है कि सरल सामग्री से भी स्वास्थ्यवर्धक और लाजवाब भोजन तैयार किया जा सकता है।

केला करी
केला करी

केला करी

केला करी सेहत से भरपूर, खास स्वाद का खजाना जो आपको रसोई को बनाएं रहस्य बेमिसाल
Prep Time 15 minutes
Cook Time 30 minutes
Total Time 45 minutes
Course Main Course
Cuisine Indian
Servings 4
Calories 112 kcal

Ingredients
  

  • 6 पीस कच्चा केला
  • 50 ग्राम बेसन
  • 50 ग्राम पीला सरसों
  • 25 ग्राम पोस्ता दाना
  • 100 ग्राम प्याज
  • 50 ग्राम लहसुन
  • 20 ग्राम अदरक
  • 2 चम्मच धनिया पाउडर
  • 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 1/2 चम्मच जीरा पाउडर
  • 1/2 चम्मच किचन किंग
  • 1 चुटकी चीनी
  • 50 ग्राम टमाटर
  • 100 ग्राम सरसों तेल
  • 25 ग्राम धनिया पत्ता
  • 6 pc हरा मिर्च
  • नमक स्वाद अनुसार

Instructions
 

केला करी बनाने की विधि :-

    Step 1

    • केला करी बनाने सबसे पहले केला को चाकू के सहारे छीन ले, छिलके को अलग बर्तन में रख ले, अब छीले हुए केला को तिरछा काट ले फिर पानी से धोकर अलग बर्तन में रख ले औरअब तिरछा काटे केले के पीस के बीच वाले जगह पर गोल काटकर मछली जैसा आकर दे गोल कटे टुकड़े को छिलके वाले बर्तन में रखें।

    Step 2

    • अब मछली आकार वाले केला के पीस को एक बर्तन में डालकर इसमें बेसन,हल्दी और नमक मिलाकर मैरिनेट होने के लिए छोड़ दे।

    Step 3

    • अब चूल्हा जलाकर फ्राई पैन में पानी के साथ छिलके एवं गोल कटे भाग को पानी में डालकर ढक्कन बंद कर 5 से 7 मिनट तक उबलने दे, 5 से 7 मिनट बाद फ्राई पैन के उबले हुए सामान को एक बर्तन में डाल दे ठंडा होने के लिए रख दे।

    Step 4

    • अब फ्राई पैन को गर्म होने दे जब गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर गर्म होने दे जब तेल गर्म हो जाए तब इसमें मैरीनेट किए गये मछली अकार वाला केला को डालकर फुल फ्राई करके निकाल कर अलग बर्तन में रख ले और चूल्हा बंद कर दे बचे हुए सरसों तेल को अलग बर्तन में रख ले।

    Step 5

    • अब पानी में उबले हुए छिलके एवं गुदे को पानी से छान कर निकाल ले फिर से ग्राइंडर मशीन में डालें इसके साथ 2 पीस हरा मिर्च,10 ग्राम पीला सरसों,10 ग्राम धनिया पत्ता और स्वाद अनुसार नमक डालकर पीसकर चटनी बनाकर अलग रख ले।

    Step 6

    • पोस्ता दाना को पानी में डालकर फूलने के लिए छोड़ दे, प्याज को छीलकर लच्छेदार काट ले, हरा मिर्च में चीरा लगा ले, धनिया पत्ता को पानी से धोकर बारीक काट ले, टमाटर को पानी से धोकर कर 4भाग में काट ले, लहसुन को छीलकर एक बर्तन में रख ले, अदरक को छीलकर अलग रख ले।

    Step 7

    • अब ग्राइंडर मशीन चालू करें पोस्ता,दाना पीला सरसों,अदरक,लहसुन सभी को अलग-अलग पीसकर पेस्ट बनाकर अलग-अलग बर्तन में रख ले।

    Step 8

    • अब चूल्हा जलाकर कराही चढ़ाकर गर्म होने दे जब कराही गर्म हो जाए तब बचे हुए सरसों तेल डालकर तेल गर्म होने दे, जब तेल गर्म हो जाए तब प्याज डालकर सुनहरा रंग होने तक भूने, जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब लहसुन और सरसों का पेस्ट डालकर 1 से 2 मिनट तक चलाएं।

    Step 9

    • जब सरसों प्याज में अच्छी तरह मिल जाए तब धनिया पाउडर,लाल मिर्च पाउडर,जीरा पाउडर,कश्मीरी मिर्च,अदरक का पेस्ट और स्वाद अनुसार नमक डालकर मसाला को चलाते रहे, जब मसाला का रंग गोल्डन ब्राउन हो जाए तब इसमें 2 से 3 कप गर्म पानी मिलाकर एक चम्मच से चलाएं एवं उबाल आने दे।

    Step 10

    • जब उबाल आ जाए तब इसमें पोस्ता दाना का पेस्ट एवं टमाटर के साथफ्राई किए गए मछली आकार वाले केले के पीस का 80% पीस डालकर चलाएं फिर ढक्कन से ढककर 10 से 12 मिनट तक पकने के लिए छोड़ दे।

    Step 11

    • 10 से 12 मिनट के बाद ढक्कन हटाकर चीनी को डालकर चलाएं 2 मिनट बाद धनिया के पत्ता से गार्निश करके चूल्हा को बंद कर दे एवं कढ़ाई को उतार ले।

    Step 12

    • अब केले करी को अलग बर्तन में निकाल कर केला फ्राई और केले के छिलके के चटनी के साथ सर्व करें।
    Keyword केला करी

    INGREDIENTS

    • 6 पीस कच्चा केला
    • 50 ग्राम बेसन
    • 50 ग्राम पीला सरसों
    • 25 ग्राम पोस्ता दाना
    • 100 ग्राम प्याज
    • 50 ग्राम लहसुन
    • 20 ग्राम अदरक
    • 2 चम्मच धनिया पाउडर
    • 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
    • 1/2 चम्मच जीरा पाउडर
    • 1/2 चम्मच किचन किंग
    • 1 चुटकी चीनी
    • 50 ग्राम टमाटर
    • 100 ग्राम सरसों तेल
    • 25 ग्राम धनिया पत्ता
    • 6pc हरा मिर्च
    • नमक स्वाद अनुसार

    केला करी बनाने की विधि :-

    Step 1

    केला करी बनाने सबसे पहले केला को चाकू के सहारे छीन ले, छिलके को अलग बर्तन में रख ले, अब छीले हुए केला को तिरछा काट ले फिर पानी से धोकर अलग बर्तन में रख ले औरअब तिरछा काटे केले के पीस के बीच वाले जगह पर गोल काटकर मछली जैसा आकर दे गोल कटे टुकड़े को छिलके वाले बर्तन में रखें।

    Step 2

    अब मछली आकार वाले केला के पीस को एक बर्तन में डालकर इसमें बेसन,हल्दी और नमक मिलाकर मैरिनेट होने के लिए छोड़ दे।

    Step 3

    अब चूल्हा जलाकर फ्राई पैन में पानी के साथ छिलके एवं गोल कटे भाग को पानी में डालकर ढक्कन बंद कर 5 से 7 मिनट तक उबलने दे, 5 से 7 मिनट बाद फ्राई पैन के उबले हुए सामान को एक बर्तन में डाल दे ठंडा होने के लिए रख दे।

    Step 4

    अब फ्राई पैन को गर्म होने दे जब गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर गर्म होने दे जब तेल गर्म हो जाए तब इसमें मैरीनेट किए गये मछली अकार वाला केला को डालकर फुल फ्राई करके निकाल कर अलग बर्तन में रख ले और चूल्हा बंद कर दे बचे हुए सरसों तेल को अलग बर्तन में रख ले।

    Step 5

    अब पानी में उबले हुए छिलके एवं गुदे को पानी से छान कर निकाल ले फिर से ग्राइंडर मशीन में डालें इसके साथ 2 पीस हरा मिर्च,10 ग्राम पीला सरसों,10 ग्राम धनिया पत्ता और स्वाद अनुसार नमक डालकर पीसकर चटनी बनाकर अलग रख ले।

    Step 6

    पोस्ता दाना को पानी में डालकर फूलने के लिए छोड़ दे, प्याज को छीलकर लच्छेदार काट ले, हरा मिर्च में चीरा लगा ले, धनिया पत्ता को पानी से धोकर बारीक काट ले, टमाटर को पानी से धोकर कर 4भाग में काट ले, लहसुन को छीलकर एक बर्तन में रख ले, अदरक को छीलकर अलग रख ले।

    Step 7

    अब ग्राइंडर मशीन चालू करें पोस्ता,दाना पीला सरसों,अदरक,लहसुन सभी को अलग-अलग पीसकर पेस्ट बनाकर अलग-अलग बर्तन में रख ले।

    Step 8

    अब चूल्हा जलाकर कराही चढ़ाकर गर्म होने दे जब कराही गर्म हो जाए तब बचे हुए सरसों तेल डालकर तेल गर्म होने दे, जब तेल गर्म हो जाए तब प्याज डालकर सुनहरा रंग होने तक भूने, जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब लहसुन और सरसों का पेस्ट डालकर 1 से 2 मिनट तक चलाएं।

    Step 9

    जब सरसों प्याज में अच्छी तरह मिल जाए तब धनिया पाउडर,लाल मिर्च पाउडर,जीरा पाउडर,कश्मीरी मिर्च,अदरक का पेस्ट और स्वाद अनुसार नमक डालकर मसाला को चलाते रहे, जब मसाला का रंग गोल्डन ब्राउन हो जाए तब इसमें 2 से 3 कप गर्म पानी मिलाकर एक चम्मच से चलाएं एवं उबाल आने दे।

    Step 10

    जब उबाल आ जाए तब इसमें पोस्ता दाना का पेस्ट एवं टमाटर के साथफ्राई किए गए मछली आकार वाले केले के पीस का 80% पीस डालकर चलाएं फिर ढक्कन से ढककर 10 से 12 मिनट तक पकने के लिए छोड़ दे।

    Step 11

    10 से 12 मिनट के बाद ढक्कन हटाकर चीनी को डालकर चलाएं 2 मिनट बाद धनिया के पत्ता से गार्निश करके चूल्हा को बंद कर दे एवं कढ़ाई को उतार ले।

    Step 12

    अब केले करी को अलग बर्तन में निकाल कर केला फ्राई और केले के छिलके के चटनी के साथ सर्व करें।

    केला करी की वैरायटीज़ और फ्यूज़न वर्ज़न

    1. पारंपरिक दक्षिण भारतीय केला करी

    कच्चे केले को हल्दी, लाल मिर्च और नारियल के साथ पकाया जाता है।

    करी पत्ते और सरसों के दाने तड़के में ज़रूरी होते हैं।

    चावल और सांभर/रसम के साथ परोसी जाती है।

    2. बंगाली स्टाइल कच्चा केला करी

    रोस्टेड जीरा, अदरक-लहसुन और टमाटर के साथ हल्की पतली ग्रेवी।

    इसमें अक्सर आलू भी मिलाया जाता है।

    3. महाराष्ट्रीयन स्टाइल केला करी

    मूँगफली का पेस्ट और नारियल का इस्तेमाल।

    व्रत में सेंधा नमक और जीरा पाउडर के साथ बनती है।

    4. पकी केला करी (स्वीट वर्ज़न)

    पके केले को हल्की मिठास और नारियल दूध के साथ पकाया जाता है।

    केरल में यह त्योहारों के दौरान खास बनती है।

    5. व्रत/उपवास वाला वर्ज़न

    बिना प्याज़-लहसुन, केवल सेंधा नमक, दही और मूँगफली के साथ।

    हल्की और पचने में आसान।

    6. ड्राई केला करी

    मसालों में कच्चे केले को सूखी सब्ज़ी की तरह भूनकर बनाया जाता है।

    पूरी या पराठे के साथ बेहतरीन।

    7. दही-बेस्ड केला करी

    कच्चे केले को दही और बेसन के साथ पकाया जाता है।

    कढ़ी जैसी खट्टी-मीठी स्वाद वाली करी।

    फ्यूज़न वर्ज़न

    8. थाई केला करी

    नारियल दूध, लेमनग्रास और रेड करी पेस्ट का इस्तेमाल।

    हल्का मीठा और सुगंधित।

    9. इटालियन-इंडियन केला करी

    ऑलिव ऑयल, हर्ब्स और टमाटर प्यूरी बेस के साथ।

    पास्ता या ब्रेड के साथ परोसी जाती है।

    10. अफ्रीकन स्टाइल केला करी

    मूँगफली का पेस्ट, टमाटर और हल्की तीखी मिर्च के साथ।

    क्विनोआ या बाजरा के साथ सर्व।

    11. इंडो-चाइनीज़ केला करी

    सोया सॉस, अदरक और हरी मिर्च के साथ, ग्रेवी में हल्की मिठास।

    नूडल्स या राइस के साथ परफेक्ट।

    केला करी के स्वास्थ्य लाभ

    केला करी न केवल स्वाद में बेहतरीन होती है, बल्कि यह सेहत के लिए भी अत्यंत लाभकारी है। इसमें प्रयुक्त कच्चा या पका केला, सब्ज़ियों और मसालों का मेल, नारियल, दही या मूँगफली जैसी सामग्री, सभी मिलकर इसे पौष्टिक, ऊर्जादायक और औषधीय गुणों से भरपूर बनाते हैं। नीचे इसके स्वास्थ्य लाभ विस्तार से दिए जा रहे हैं —

    1. पाचन तंत्र के लिए लाभकारी

    • फाइबर से भरपूर – कच्चे केले में घुलनशील और अघुलनशील दोनों तरह के फाइबर मौजूद होते हैं, जो मल को मुलायम बनाकर कब्ज़ से राहत दिलाते हैं।
    • प्रिबायोटिक गुण – कच्चे केले में मौजूद रेजिस्टेंट स्टार्च आंत में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है, जिससे पाचन बेहतर होता है।
    • एसिडिटी से बचाव – केला करी पेट के एसिड को संतुलित करके गैस और जलन की समस्या को कम करती है।

    2. हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद

    • पोटैशियम का उत्कृष्ट स्रोत – केले में पोटैशियम की उच्च मात्रा रक्तचाप को नियंत्रित करती है और हृदय को स्वस्थ बनाए रखती है।
    • लो-सोडियम भोजन – केला करी में प्राकृतिक रूप से सोडियम कम होता है, जिससे यह हाई ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए सुरक्षित है।
    • कोलेस्ट्रॉल कम करने में मददगार – कच्चा केला शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) के स्तर को घटाने में मदद करता है।

    3. वजन नियंत्रित करने में सहायक

    • लो-कैलोरी और फाइबर युक्त – यह पेट को लंबे समय तक भरा रखती है, जिससे अनावश्यक स्नैकिंग की आदत कम होती है।
    • रेजिस्टेंट स्टार्च – शरीर में धीमे-धीमे पचने के कारण ब्लड शुगर स्तर को स्थिर रखता है और वजन घटाने में मदद करता है।

    4. डायबिटीज़ रोगियों के लिए उपयोगी

    • कच्चे केले का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाता।
    • इसमें मौजूद फाइबर शुगर के अवशोषण को धीमा करता है।

    5. हड्डियों और दाँतों को मज़बूत बनाना

    • केले में मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है, जो हड्डियों की मजबूती और दाँतों की सेहत के लिए आवश्यक हैं।
    • नारियल दूध या दही से बनी केला करी कैल्शियम का अतिरिक्त स्रोत बन जाती है।

    6. ऊर्जा और ताजगी का प्राकृतिक स्रोत

    • कार्बोहाइड्रेट्स और नैचुरल शुगर का संतुलन शरीर को त्वरित ऊर्जा प्रदान करता है।
    • यह खिलाड़ियों, बच्चों और भारी शारीरिक श्रम करने वालों के लिए अच्छा विकल्प है।

    7. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

    • केले में मौजूद विटामिन C और B6 त्वचा में कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं।
    • केले की करी में इस्तेमाल नारियल तेल/दूध या मूँगफली, त्वचा और बालों को पोषण देती है।

    8. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना

    • केले में विटामिन C, एंटीऑक्सीडेंट और कुछ विशेष फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो शरीर को संक्रमण से लड़ने में मदद करते हैं।
    • मसालों जैसे हल्दी, अदरक और लहसुन के साथ पकने पर इसके इम्यूनिटी-बूस्टिंग गुण और बढ़ जाते हैं।

    9. आंत और पेट की बीमारियों में राहत

    • अल्सर, गैस्ट्राइटिस और पेट दर्द में कच्चा केला आराम देता है।
    • यह पेट की परत पर सुरक्षात्मक लेयर बनाता है, जिससे जलन कम होती है।

    10. मानसिक स्वास्थ्य के लिए सहायक

    • केले में मौजूद ट्रिप्टोफैन, शरीर में सेरोटोनिन (खुशी का हार्मोन) में बदलकर मूड को बेहतर करता है।
    • यह तनाव और थकान कम करने में मदद करता है।

    11. व्रत और उपवास के दौरान पोषण

    • व्रत वाले रूप में बनने वाली केला करी हल्की, पचने में आसान और पौष्टिक होती है।
    • इसमें सेंधा नमक, मूँगफली और दही का इस्तेमाल इसे एनर्जी-बूस्टर बनाता है।

    केला करी – पोषण चार्ट व स्वास्थ्य लाभ

    (प्रति 1 कप / 200 ग्राम सर्विंग, अनुमानित मान)

    पोषक तत्वमात्रास्वास्थ्य लाभ
    कैलोरी180-200 kcalऊर्जा प्रदान करता है, दिनभर एक्टिव रखता है।
    कार्बोहाइड्रेट35-38 gशरीर के लिए मुख्य ऊर्जा स्रोत, दिमाग और मांसपेशियों को ऊर्जा देता है।
    प्रोटीन4-5 gमांसपेशियों की मरम्मत व वृद्धि में मदद करता है।
    वसा6-8 gशरीर में विटामिन्स के अवशोषण में सहायक और लंबी अवधि तक तृप्ति देता है।
    फाइबर5-6 gपाचन सुधारता है, कब्ज़ से बचाता है और ब्लड शुगर को नियंत्रित रखता है।
    पोटैशियम450-500 mgरक्तचाप नियंत्रित करता है, हृदय को स्वस्थ रखता है।
    विटामिन C10-12 mgरोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और त्वचा को स्वस्थ रखता है।
    विटामिन B6 0.4-0.5 mg मेटाबॉलिज्म को सपोर्ट करता है और मूड बेहतर करता है।
    मैग्नीशियम35-40 mg हड्डियों और मांसपेशियों की मजबूती के लिए ज़रूरी।
    कैल्शियम35-45 mgहड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाता है।
    आयरन1.2-1.5 mgहीमोग्लोबिन बढ़ाता है और एनीमिया से बचाता है।

    सावधानियाँ

    • डायबिटीज़ रोगियों को पके केले से बनी करी सीमित मात्रा में खानी चाहिए।
    • गुर्दे की बीमारी वाले मरीज पोटैशियम की अधिकता से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।
    • अत्यधिक तेल और मसाले वाली केला करी पाचन पर असर डाल सकती है, इसलिए संतुलित मात्रा में सेवन करें।

    FAQs केला करी के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

    Q1.क्या केला के छिलके का उपयोग करना जरूरी है

    A नहीं लेकिन केले का हर चीज सेहत से भरपूर और खाने के लिए उपयुक्त है तो इसे नष्ट क्यों करें।

    Q2. इस केला करी में कोई दूसरा सब्जी जोड़ सकते हैं

    A हां इसमें आप आलू के सब्जी को जोड़ सकते हैं।

    Q3. क्या माल भोग केला से करी बन सकता है

    A नहीं क्योंकि मालभोग, अल्पान,चिनिया, केनाइन( हरी छाल )केले का सब्जी के रूप में उपयोग नहीं होता है इसलिए सब्जी में उपयोग होने वाले केला का उपयोग करें।

    Q4. केला क्या स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है

    A हां केला में प्रचुर मात्रा में आयरन, फाइबर पाया जाता है इसलिए बहुत लाभकारी है।

    Q5 केला करी क्या बच्चे का सकते हैं

    A हां बच्चे के विकास में लाभदायक है साथ में पेट के पाचन भी ठीक रखता है।

    Q6.केला करी को किस-किस चीज के साथ खा सकते हैं

    A आप इसे रोटी चावल पराठा नान के साथ खा सकते हैं

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