मटन निहारी

मटन निहारी इस बिधि से बनाएंगे तो आपके रसोई के जायका मे चार चाँद लग जायगा खाने बाले आपके तारीफ़ करते नहीं थकेंगे खाने बाले मांग मांग कर तृप्त होकर खाएंगे

मटन निहारी का परिचय

मटन निहारी एक बेहद मशहूर और लज़ीज़ मुगलई व्यंजन है, जो अपनी गहरी खुशबू, मुलायम मांस और मसालेदार ग्रेवी के लिए जाना जाता है। इसका नाम “निहारी” अरबी शब्द “निहार” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “सुबह”। परंपरागत रूप से इसे सुबह-सुबह नाश्ते में परोसा जाता था, खासकर सर्दियों में, ताकि शरीर को गर्माहट और ऊर्जा मिल सके।

यह व्यंजन धीमी आंच पर लंबे समय तक पकाया जाता है, जिससे मटन का स्वाद और मसालों का मिश्रण गाढ़ा और समृद्ध हो जाता है। निहारी में गरम मसाले, अदरक-लहसुन का पेस्ट, प्याज और खास तरह के धीमे-धीमे पकने वाले मसाले डाले जाते हैं, जो इसके स्वाद को बेहद खास बनाते हैं।

मटन निहारी न केवल भारत बल्कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और खाड़ी देशों में भी काफी लोकप्रिय है। इसे खास मौकों, त्योहारों और दावतों में बनाना एक परंपरा बन चुकी है। गरमागरम निहारी को आमतौर पर तंदूरी रोटी, खमीरी रोटी या नान के साथ परोसा जाता है।

मटन निहारी का इतिहास

मटन निहारी का इतिहास मुगल काल से जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि यह व्यंजन 18वीं सदी में दिल्ली के मुगल शाही रसोईघर में तैयार किया जाने लगा। “निहारी” शब्द अरबी के “नहार” (सुबह) से लिया गया है, और शुरुआत में इसे सुबह-सुबह नाश्ते के रूप में परोसा जाता था।

कहा जाता है कि यह व्यंजन खासकर सर्दियों में मुग़ल सम्राटों और नवाबों के लिए बनाया जाता था, ताकि सुबह के समय ठंड में शरीर को गर्माहट और ताकत मिले। शाही बावर्ची मटन को धीमी आंच पर रातभर पकाते थे, जिससे मांस बेहद नरम और स्वादिष्ट हो जाता था। सुबह दरबारियों और सैनिकों को निहारी परोसी जाती थी, ताकि वे पूरे दिन ऊर्जावान रह सकें।

एक और लोकप्रिय किस्सा लखनऊ और दिल्ली से जुड़ा है। दिल्ली के चाँदनी चौक क्षेत्र में पुराने समय में मस्जिदों के पास निहारी बनाई जाती थी और सुबह की नमाज़ के बाद लोगों को परोसी जाती थी। धीरे-धीरे यह परंपरा आम जनता में फैल गई और निहारी सड़क किनारे ढाबों और होटलों का मुख्य आकर्षण बन गई।

मुगल काल के बाद, नवाबी रसोई में भी निहारी का जलवा कायम रहा, खासकर लखनऊ और हैदराबाद में। वहीं, 1947 के विभाजन के बाद निहारी पाकिस्तान के कराची और लाहौर में भी बेहद लोकप्रिय हो गई। आज मटन निहारी भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और यहां तक कि खाड़ी देशों में भी एक विशेष व्यंजन के रूप में जानी जाती है।

मटन निहारी
मटन निहारी

मटन निहारी

Delicious and rich मटन निहारी
Prep Time 25 minutes
Cook Time 3 hours
Total Time 3 hours 25 minutes
Course Main Course
Cuisine Indian
Servings 4
Calories 188 kcal

Ingredients
  

  • 1 kg मटन
  • 500 ग्राम प्याज
  • 150 ग्राम सरसों तेल
  • 4 चम्मच गेहूं का आटा
  • 5 pc दालचीनी
  • 20 ग्राम हरा मिर्च
  • 7 pc काली इलायची
  • 5 pc हरा इलायची
  • 4 pc तेज पत्ता
  • 1 चम्मच अदरक पेस्ट
  • 1 चम्मच लहसुन पेस्ट
  • 1 चम्मच धनिया पाउडर
  • 25 ग्राम अदरक
  • 2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
  • 2 चम्मच सोंठ अदरक पाउडर
  • 2 चम्मच सौफ
  • 100 ग्राम दही
  • 1/2 चम्मच जायफल पाउडर
  • 1/2 चम्मच इलायची पाउडर
  • 2 चम्मच गरम मसाला
  • 1 चम्मच हल्दी पाउडर
  • 2 चम्मच गुलाब जल
  • 100 ग्राम धनिया पत्ता
  • 1 चम्मच केसर
  • 1/4 मीटर मार्किंन कपड़ा
  • नमक स्वाद अनुसार

Instructions
 

मटन निहारी बनाने की विधि:-

    Step1

    • मटन निहारी बनाने के लिए मटन को अच्छा से धोकर एक अलग बर्तन में रख ले इसमें पानी डालकर चूल्हा जलाकर इसको उबालने के लिए चूल्हा पर चढ़ा दे 30 मिनट तक इसको उबलने दे 30 मिनट के बाद चूल्हा पर से बर्तन उतार ले चूल्हा पर तवा चढ़ा दे जब तवा गरम हो जाए तब इस पर गेहूं के आटा डालकर अच्छा से भून ले आटा भूनेने के बाद इसे निकालकर अलग रख ले चूल्हा को बंद कर दे

    Step 2

    • बर्तन में से उबले हुए मटन के पीस को छानकर अलग बर्तन में निकाल ले पानी को फेंक दे, प्याज को छीलकर बारीक काट ले हरा मिर्च को लंबा में दो भाग में काट ले आदि को छीलकर दो भाग में काट ले

    Step 3

    • चूल्हा जलाकर हांडी को चढ़ाए हांडी को गर्म होने दे जब गर्म हो जाए तो इसमें सरसों तेल डालकर सरसो तेल को गर्म होने दे जब सरसो तेल गर्म हो जाए तब इसमें बारीक कटे हुए प्याज डालकर भूने,,तब तक भूनेजब तक प्याज का रंग सुनहरा ना हो जाए।

    Step 4

    • जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब लहसुन, और अदरक के पेस्ट और लाल मिर्च पाउडर डालकर चलाएं, और अच्छी तरह इसको भुने फिर इसमें स्वाद अनुसार नमक हल्दी पाउडर डालकर चलाएं फिर इसमें उबले हुए मटन के पीस को डालकर अच्छी तरह चलाएं, मटन और मसाला अच्छी तरह फ्राई हो जाना चाहिए अच्छी तरह फ्राई होने के बाद चूल्हा बंद करके बर्तन उतार ले

    Step 5

    • चूल्हा जलाकर दूसरा बर्तन चढ़ा दे बर्तन गर्म होने दे फिर इसमें एक चम्मच सरसों तेल डाल दे जब तेल गर्म हो जाए तब इसमें तेज पत्ता दालचीनी,लौंग,बड़ी इलायची,छोटी इलायची डालकर भूने जब यह भून जाए तब पहले वाले बर्तन के मटन को इसमें डाल दे एक कप गर्म पानी मिलाकर चलाएं अब इसमें दही, एक चम्मच भीगा हुआ केसर, गरम मसाला,जायफल,गुलाब जल,दालचीनी पाउडर दो कप गर्म पानी डालकर ढक्कन से ढक कर 10 मिनट तक पकाएं।

    Step 6

    • 10 मिनट के बाद ढक्कन हटाकर देखें, ग्रेवी की आवश्यकता के अनुसार गर्म पानी मिला ले,फिर ढक्कन बंद कर दे, 10 मिनट बाद ढक्कन हटाकर,मारकिन कपड़ा में सौफ, सोंठ आदि पाउडर, बड़ी इलायची को पोटली में बांधकर पक रहे मटन में डुबोकर ढक्कन बंद कर दे,20 मिनट तक धीमी आंच पर इसको पकने दें।

    Step 7

    • 20 मिनट बाद ढक्कन हटाकर कपड़ा के पोटली को चम्मच के सहारे से निकाल कर अलग कर ले,इसमें दो कप गर्म पानी डालें कटे हुए अदरक, हरा मिर्च, गरम मसाला पाउडर और भुने हुए गेहूं के आटे को डालकर चलाएं और 5 मिनट तक पकने दे।

    Step 8

    • तब तक ढक्कन को सील करने के लिए थोड़ा गेहूं के आटा को गूथ ले फिर ढक्कन को सील कर दें आंच पूर्णतः धीमी कर दे 40 मिनट तक इसको पकने दे 40 मिनट के बाद चूल्हा बंद कर दे आटा के सील हटाकर मटन निहारी में कटे हुए कच्चा अदरक एवं धनिया पत्ता से गार्निश करें, मटन निहारी तैयार है सर्व करें।
    Keyword मटन निहारी

    INGREDIENTS

    • 1 kg मटन
    • 500 ग्राम प्याज
    • 150 ग्राम सरसों तेल
    • 4 चम्मच गेहूं का आटा
    • 5pc दालचीनी
    • 20 ग्राम हरा मिर्च
    • 7pc काली इलायची
    • 5pc हरा इलायची
    • 4pc तेज पत्ता
    • 1 चम्मच अदरक पेस्ट
    • 1 चम्मच लहसुन पेस्ट
    • 1 चम्मच धनिया पाउडर
    • 25 ग्राम अदरक
    • 2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
    • 2 चम्मच सोंठ अदरक पाउडर
    • 2 चम्मच सौफ
    • 100 ग्राम दही
    • 1/2 चम्मच जायफल पाउडर
    • 1/2 चम्मच इलायची पाउडर
    • 2 चम्मच गरम मसाला
    • 1 चम्मच हल्दी पाउडर
    • 2 चम्मच गुलाब जल
    • 100 ग्राम धनिया पत्ता
    • 1 चम्मच केसर
    • 1/4 मीटर मार्किंन कपड़ा
    • नमक स्वाद अनुसार

    मटन निहारी बनाने की विधि:-

    Step1

    मटन निहारी बनाने के लिए मटन को अच्छा से धोकर एक अलग बर्तन में रख ले इसमें पानी डालकर चूल्हा जलाकर इसको उबालने के लिए चूल्हा पर चढ़ा दे 30 मिनट तक इसको उबलने दे 30 मिनट के बाद चूल्हा पर से बर्तन उतार ले चूल्हा पर तवा चढ़ा दे जब तवा गरम हो जाए तब इस पर गेहूं के आटा डालकर अच्छा से भून ले आटा भूनेने के बाद इसे निकालकर अलग रख ले चूल्हा को बंद कर दे

    Step 2

    बर्तन में से उबले हुए मटन के पीस को छानकर अलग बर्तन में निकाल ले पानी को फेंक दे, प्याज को छीलकर बारीक काट ले हरा मिर्च को लंबा में दो भाग में काट ले आदि को छीलकर दो भाग में काट ले

    Step 3

    चूल्हा जलाकर हांडी को चढ़ाए हांडी को गर्म होने दे जब गर्म हो जाए तो इसमें सरसों तेल डालकर सरसो तेल को गर्म होने दे जब सरसो तेल गर्म हो जाए तब इसमें बारीक कटे हुए प्याज डालकर भूने,,तब तक भूनेजब तक प्याज का रंग सुनहरा ना हो जाए।

    Step 4

    जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब लहसुन, और अदरक के पेस्ट और लाल मिर्च पाउडर डालकर चलाएं, और अच्छी तरह इसको भुने फिर इसमें स्वाद अनुसार नमक हल्दी पाउडर डालकर चलाएं फिर इसमें उबले हुए मटन के पीस को डालकर अच्छी तरह चलाएं, मटन और मसाला अच्छी तरह फ्राई हो जाना चाहिए अच्छी तरह फ्राई होने के बाद चूल्हा बंद करके बर्तन उतार ले

    Step 5

    चूल्हा जलाकर दूसरा बर्तन चढ़ा दे बर्तन गर्म होने दे फिर इसमें एक चम्मच सरसों तेल डाल दे जब तेल गर्म हो जाए तब इसमें तेज पत्ता दालचीनी,लौंग,बड़ी इलायची,छोटी इलायची डालकर भूने जब यह भून जाए तब पहले वाले बर्तन के मटन को इसमें डाल दे एक कप गर्म पानी मिलाकर चलाएं अब इसमें दही, एक चम्मच भीगा हुआ केसर, गरम मसाला,जायफल,गुलाब जल,दालचीनी पाउडर दो कप गर्म पानी डालकर ढक्कन से ढक कर 10 मिनट तक पकाएं।

    Step 6

    10 मिनट के बाद ढक्कन हटाकर देखें, ग्रेवी की आवश्यकता के अनुसार गर्म पानी मिला ले,फिर ढक्कन बंद कर दे, 10 मिनट बाद ढक्कन हटाकर,मारकिन कपड़ा में सौफ, सोंठ आदि पाउडर, बड़ी इलायची को पोटली में बांधकर पक रहे मटन में डुबोकर ढक्कन बंद कर दे,20 मिनट तक धीमी आंच पर इसको पकने दें।

    Step 7

    20 मिनट बाद ढक्कन हटाकर कपड़ा के पोटली को चम्मच के सहारे से निकाल कर अलग कर ले,इसमें दो कप गर्म पानी डालें कटे हुए अदरक, हरा मिर्च, गरम मसाला पाउडर और भुने हुए गेहूं के आटे को डालकर चलाएं और 5 मिनट तक पकने दे।

    Step 8

    तब तक ढक्कन को सील करने के लिए थोड़ा गेहूं के आटा को गूथ ले फिर ढक्कन को सील कर दें आंच पूर्णतः धीमी कर दे 40 मिनट तक इसको पकने दे 40 मिनट के बाद चूल्हा बंद कर दे आटा के सील हटाकर मटन निहारी में कटे हुए कच्चा अदरक एवं धनिया पत्ता से गार्निश करें, मटन निहारी तैयार है सर्व करें।

    मटन निहारी की प्रमुख वैरायटी

    1. दिल्ली स्टाइल मटन निहारी

    गाढ़े मसालों, देसी घी और बोन मैरो (हड्डी का मज्जा) से बनी निहारी।

    स्वाद में भारी और तीखी।आमतौर पर तंदूरी रोटी या शीरमाल के साथ परोसी जाती है।

    2. लखनवी (अवधी) मटन निहारी

    हल्के मसालों, केसर और गुलाब जल का उपयोग।

    स्वाद में नाजुक, खुशबूदार और मुग़लई अंदाज़ वाली।

    3. हैदराबादी मटन निहारी

    इसमें सूखे नारियल, खसखस और गरम मसालों का तड़का लगाया जाता है।

    हैदराबादी बिरयानी जैसे मसालों का हल्का असर भी रहता है।

    4. पाकिस्तानी कराची स्टाइल निहारी

    बहुत ज्यादा लाल मिर्च और घी का इस्तेमाल।

    ऊपर से अदरक, हरी मिर्च और नींबू का रस डालकर परोसी जाती है।

    5. स्वास्थ्यवर्धक (हेल्दी) मटन निहारी

    कम तेल, कम नमक और ओट्स/ब्राउन राइस फ्लोर से ग्रेवी गाढ़ी की जाती है।

    फिटनेस-फ्रेंडली वर्जन, जो वजन घटाने वालों के लिए उपयुक्त है।

    पारंपरिक बनाम आधुनिक बनाने के तरीके

    पारंपरिक तरीका (Slow Cooking Method)

    मटन को मसालों के साथ मिट्टी के बर्तन या देग में रखा जाता है।

    धीमी आँच (लकड़ी या कोयले की) पर 6-8 घंटे तक पकाया जाता है।

    हड्डियों का मज्जा, मसाले और मटन का रस एक साथ मिलकर गाढ़ी, रिच ग्रेवी बनाते हैं।

    स्वाद बेहद गहरा और असली निहारी जैसा होता है।

    आधुनिक तरीका (Pressure Cooker / Instant Pot Method)

    समय बचाने के लिए प्रेशर कुकर या इंस्टेंट पॉट का इस्तेमाल।

    पकने का समय 40-60 मिनट तक घट जाता है।

    स्वाद में हल्का फर्क, लेकिन आजकल के व्यस्त जीवन के लिए सुविधाजनक।

    मटन निहारी के स्वास्थ्य संबंधी लाभ

    मटन निहारी सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि पोषण के मामले में भी काफी समृद्ध है। अगर इसे सही तरीके और संतुलित मात्रा में खाया जाए, तो यह शरीर को कई तरह के फायदे दे सकती है।

    1. प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत

    मटन निहारी में मौजूद मटन उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन प्रदान करता है, जो मांसपेशियों की मरम्मत, विकास और शरीर की संपूर्ण ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करता है। यह खासतौर पर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो शारीरिक मेहनत करते हैं।

    2. आयरन और हीमोग्लोबिन में वृद्धि

    मटन हीम आयरन का एक बेहतरीन स्रोत है, जो शरीर द्वारा आसानी से अवशोषित होता है। निहारी का सेवन एनीमिया से बचाव में मदद कर सकता है और रक्त में ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता को बढ़ा सकता है।

    3. सर्दियों में शरीर को गर्माहट

    निहारी में इस्तेमाल होने वाले गरम मसाले, अदरक, लहसुन और धीमी आंच पर पका मटन सर्द मौसम में शरीर को प्राकृतिक गर्माहट देता है और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है।

    4. हड्डियों और जोड़ों के लिए फायदेमंद

    लंबे समय तक धीमी आंच पर पकाने से मटन की हड्डियों से निकलने वाला कोलेजन और जिलेटिन ग्रेवी में घुल जाता है, जो हड्डियों, जोड़ों और त्वचा के लिए बेहद लाभकारी है।

    5. विटामिन और मिनरल से भरपूर

    मटन में विटामिन B12, जिंक, फॉस्फोरस और सेलेनियम प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं, जो मस्तिष्क की कार्यक्षमता, हड्डियों की मजबूती और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।

    6. ऊर्जा का बेहतरीन स्रोत

    इसमें मौजूद वसा और प्रोटीन लंबे समय तक पेट भरा हुआ महसूस कराते हैं और शरीर को निरंतर ऊर्जा देते हैं। यही कारण है कि पारंपरिक रूप से इसे सुबह के भोजन में परोसा जाता था, ताकि दिनभर ताकत बनी रहे।

    7. पाचन में सहायक

    अदरक, लहसुन, दालचीनी, इलायची और अन्य मसाले न केवल स्वाद बढ़ाते हैं, बल्कि पाचन में भी मदद करते हैं और गैस या अपच जैसी समस्याओं को कम कर सकते हैं।

    8. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना

    निहारी में इस्तेमाल होने वाले लौंग, दालचीनी, काली मिर्च और इलायची जैसे मसाले एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल गुणों से भरपूर होते हैं। ये शरीर को संक्रमण से बचाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं।

    9. त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद

    मटन में मौजूद कोलेजन त्वचा की लोच बनाए रखने और समय से पहले झुर्रियां आने से रोकने में सहायक होता है। वहीं, जिंक और प्रोटीन बालों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं।

    10. शरीर के ऊतकों की मरम्मत

    प्रोटीन और अमीनो एसिड का मिश्रण शरीर के क्षतिग्रस्त ऊतकों को जल्दी ठीक करता है, जिससे चोट या ऑपरेशन के बाद रिकवरी तेज होती है।

    11. हार्मोनल संतुलन

    मटन में मौजूद जिंक हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है, खासकर पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन लेवल और महिलाओं में प्रजनन स्वास्थ्य के लिए।

    12. मानसिक स्वास्थ्य में सहायक

    विटामिन B12 और आयरन मस्तिष्क की नसों को स्वस्थ रखते हैं, याददाश्त को बेहतर बनाते हैं और थकान व चिड़चिड़ापन कम करते हैं।

    13. लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखना

    धीमी आंच पर पकी निहारी में वसा और प्रोटीन का संतुलित मिश्रण होता है, जो ग्लूकोज लेवल को स्थिर रखता है और अचानक भूख या थकान आने से बचाता है।

    14. सर्दी-जुकाम से राहत

    अदरक, लहसुन और गरम मसालों का मिश्रण गले की खराश, सर्दी और कफ जैसी समस्याओं को दूर करने में मददगार है।

    15. हड्डियों में कैल्शियम की पूर्ति

    हड्डियों और अस्थि मज्जा से निकला जिलेटिन और मिनरल हड्डियों को मजबूत और स्वस्थ बनाए रखने में सहायक है, खासकर उम्रदराज़ लोगों के लिए।

    16. खून के प्रवाह में सुधार

    मटन और मसालों का संयोजन रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है, जिससे हृदय स्वास्थ्य भी मजबूत होता है।

    मटन निहारी का पोषण चार्ट

    (100 ग्राम सर्विंग के आधार पर)

    पोषक तत्वमात्रास्वास्थ्य लाभ
    कैलोरी250-280 kcalशरीर को पर्याप्त ऊर्जा देता है, खासकर ठंड के मौसम में।
    प्रोटीन18-20 ग्राम मांसपेशियों की मजबूती, ऊतकों की मरम्मत और इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है।
    वसा15-18 ग्राम लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखता है और शरीर को गर्म रखता है।
    सैचुरेटेड फैट6-7 ग्रामठंड में शरीर को आवश्यक गर्माहट प्रदान करता है, लेकिन संतुलित मात्रा में लें।
    कार्बोहाइड्रेट 5-6 ग्रामऊर्जा का अतिरिक्त स्रोत।
    आयरन2.5-3 mg हीमोग्लोबिन बढ़ाकर एनीमिया से बचाता है।
    विटामिन B122-3 mcgमस्तिष्क और नसों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक।
    जिंक3-4 mgरोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और हार्मोनल संतुलन बनाए रखता है।
    फॉस्फोरस150-170 mg हड्डियों और दांतों की मजबूती में सहायक।
    सेलेनियम 20-25 mcg एंटीऑक्सीडेंट गुणों से शरीर को बीमारियों से बचाता है।
    कोलेजन और जिलेटिन त्वचा, बाल और जोड़ों के लिए लाभकारी।

    FAQs

    1 मटन निहारी बनाने के लिए किस जगह का मटन ज्यादा उपयुक्त होता है

    उतर,:- मटन निहारी बनाते समय मटन का पीस हमेशा रान का पीस का ही प्रयोग करें

    2 मटन निहारी बनाने में क्या ज्यादा समय लगता है

    उत्तर :- हा मटन निहारी बनाते समय हमेशा इस बात का ध्यान जरूर रखें कि इस व्यंजन को बनाने में ज्यादा समय लगता है

    3. मटन निहारी को किस समय खाया जा सकता है

    उत्तर :- मटन निहारी को हम सुबह के नाश्ता से लेकर दोपहर और रात के भोजन में खा सकते हैं

    4.मटन निहारी को रोटी पराठे के साथ खाया जा सकता है

    उत्तर :-हा मटन निहारी को रोटी,पराठा,नान,कुल्चा और चावल के साथ उपयोग कर सकते हैं

    5. मटन निहारी का उद्भव कहाँ हुआ था

    मटन निहारी का उद्भव दिल्ली और लखनऊ के मुग़लई खानपान से जुड़ा है। यह व्यंजन नवाबों के नाश्ते में परोसा जाता था और धीरे-धीरे आम जनता में भी लोकप्रिय हो गया।

    6. निहारी और करी में क्या अंतर है

    निहारी धीमी आँच पर लंबे समय तक पकाई जाती है, जिसमें हड्डियों का मज्जा और मसालों का स्वाद गहराई से घुल जाता है, जबकि सामान्य करी अपेक्षाकृत कम समय में पक जाती है।

    7क्या मटन निहारी हेल्दी होती है

    हाँ, यदि इसे सीमित मात्रा में और कम तेल-घी के साथ बनाया जाए तो यह प्रोटीन, आयरन और विटामिन B12 का अच्छा स्रोत है। यह मांसपेशियों, हड्डियों और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है

    8. मटन निहारी बनाने में कितना समय लगता है?पारंपरिक तरीके से निहारी बनाने में 6-8 घंटे लग सकते हैं, जबकि प्रेशर कुकर या इंस्टेंट पॉट में यह 40-60 मिनट में बन जाती है।

    अंतिम निष्कर्ष – मटन निहारी

    मटन निहारी सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भारतीय और पाकिस्तानी खानपान की एक समृद्ध धरोहर है। इसका स्वाद, खुशबू और धीमी आँच पर पकाने की परंपरा इसे खास बनाती है। चाहे ठंडी सर्दियों की सुबह हो या खास पारिवारिक दावत, निहारी हमेशा एक यादगार अनुभव देती है।

    यह डिश न सिर्फ स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण से भरपूर भी है – इसमें प्रोटीन, आयरन, विटामिन और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है, जो शरीर को ऊर्जा, ताकत और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करते हैं। हाँ, इसे संतुलित मात्रा में खाना जरूरी है, खासकर अगर आप अपनी कैलोरी इनटेक पर ध्यान दे रहे हैं।

    आज के समय में निहारी सिर्फ पुराने शहरों की गलियों में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में भारतीय और पाकिस्तानी रेस्टोरेंट्स में भी अपने अनोखे स्वाद से लोगों का दिल जीत रही है।

    संक्षेप में कहा जाए तो मटन निहारी एक ऐसी डिश है जो स्वाद, परंपरा और पोषण – तीनों का बेहतरीन मेल है। अगर आपने इसे अभी तक नहीं चखा है, तो अगली बार अपनी रसोई में इसे ज़रूर आज़माएँ और धीमी आँच पर पकी इस मुग़लई विरासत का आनंद लें।

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