स्वाद में खास लाजवाब खाने में बहुत ही स्वादिष्ट मूंग दाल की बर्फी आप इस विधि से बनाकर खाएंगे और खिलाएंगे तो खाने वाले आपकी रसोई का प्रशंसा करते नहीं थकेंगे
मूंग दाल बर्फी” का परिचय
मूंग दाल बर्फी भारतीय मिठाइयों में एक ऐसा रत्न है, जो हर खास मौके को और भी खास बना देती है। हल्के पीले रंग की यह बर्फी सिर्फ दिखने में ही नहीं, बल्कि स्वाद में भी बेहद समृद्ध होती है।
इसे मूंग दाल, घी, दूध और शुद्ध देसी चीनी से धीमी आँच पर पकाकर बनाया जाता है, जिससे इसका हर टुकड़ा मुँह में घुल जाने जैसा लगता है।यह मिठाई उत्तर भारत की पारंपरिक रसोई का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही है – खासकर दिवाली, होली, रक्षाबंधन, शगुन, और त्योहारों में।घी में धीमी आंच पर भूनी गई मूंग दाल की भीनी-भीनी महक, और इलायची की मिठास इसे एक सादा लेकिन शाही मिठाई बना देती है।
यह मिठाई खास क्यों है?
- सिर्फ चार मुख्य सामग्रियों से बनती है
- बिना मावा या कृत्रिम स्वाद के, पूरी तरह देसी और शुद्धघर में आसानी से बनने योग्य
- बच्चों और बुज़ुर्गों सभी को प्रिय
- लंबे समय तक स्टोर की जा सकती है

Table of Contents

मूंग दाल की बर्फी

INGREDIENT
- 200 ग्राम मूंग दाल
- 200 ग्राम देसी घी
- 250 ग्राम दूध
- 150 ग्राम चीनी
- 50 ग्राम काजू
- 50 ग्राम किशमिश
- 50 ग्राम बादाम
- 1 चम्मच बेसन
- 2 चम्मच सूजी
- चांदी वर्क वैकल्पिक है
- 1/2 चम्मच इलायची पाउडर
मूंग दाल की बर्फी बनाने की विधि:-
Step1
मूंग दाल की बर्फी बनाने के लिए सबसे पहले मूंग दाल को पानी से अच्छा तरह धो ले। ध्यान दे केवल धोना है फूलने के लिए नहीं भिगोना है।
Step2
चूल्हा जलाकर फ्राई पैन चढ़ा कर फ्राई पैन को गर्म होने दे जब फ्राई पैन गर्म हो जाए तब इसमें मूंग दाल डालकर चलाते हुए भूने ध्यान रखें कि मूंग दाल की नमी को खत्म करना है 5 मिनट तक भुनेंगे तो नमी भी खत्म हो जाएगा और डाल कुरकुरा हो जाएगा 5 मिनट बाद चूल्हा को बंद कर दे और दाल को ठंडा होने दे।
Step3
जब दाल ठंडा हो जाए तब ग्राइंडर मशीन को चालू कर इसमें मूंग दाल को डालकर पीसकर पाउडर बनाकर निकाल ले एक दो मुंग दाल भी दिखे तो चिंता नहीं करेंगे वह भी आगे के प्रक्रिया में मुलायम हो जाएंगे।
Step4
चूल्हा जलाकर कराही चढ़ा कर कराही को गर्म होने दे जब कराही गर्म हो जाए तब देसी घी 150 ग्राम डालकर गर्म होने दे जब देसी घी गर्म हो जाए तब काजू किशमिश और बादाम डालकर हाफ फ्राई करके निकाल कर अलग रख ले।
Step5
अब कराही के घी में बेसन और सूजी डालकर सूजी का रंग सुनहरा होने तक चम्मच से चलाते हुए भुने जब सूजी का रंग सुनहरा हो जाए तब मूंग दाल का पाउडर डालकर लगातार चलाते हुए 4 से 5 मिनट तक भूने।
Step6
4 से 5 मिनट बाद आप देखेंगे कि इसका रंग ब्राउन कलर का होने लगा है तब आधा भाग दूध डालकर चलाएं फिर ढक्कन से ढक कर 2 मिनट तक पकने दे।
Step7
2 मिनट बाद ढक्कन हटाकर चम्मच से चलाएं फिर चीनी डालकर चम्मच से अच्छा तरह चीनी को चला कर मिलाये फिर बाकी बचे दूध को डालकर चलाते हुए 2 मिनट तक पकाएं।
Step8
2 मिनट बाद जब ड्राई होने लगेगा तब हाफ फ्राई काजू किशमिश बादाम डालकर चलाते रहे फिर बाकी बचे देसी घी डालकर चलाते हुए पकाएं फिर इलायची पाउडर डालकर 2 से 3 मिनट तक चलाते हुए पकाए। 2 से 3 मिनट बाद चूल्हा बंद कर दें।
Step 9
अब एक थाली में किचन ब्रश के सहारे देसी घी का लेप चढ़ा कर उसके ऊपर तैयार मुंग दाल के पेस्ट फैला दें चम्मच से बराबर करके चिकना कर दे ऊपर आप चांदी वर्क लगा सकते हैं 2 घंटा तक सेट होने के लिए ढक कर रख दे। 2 घंटा बाद चाकू से अपने मन मुताबिक आकार में काटकर मूंग दाल की बर्फी सर्व करें।
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मूंग दाल बर्फी के स्वास्थ्य लाभ
स्वाद और सेहत का सुनहरा संगम भारत की पारंपरिक मिठाइयों में “मूंग दाल बर्फी” का एक खास स्थान है। यह मिठाई न केवल स्वाद में बेजोड़ है, बल्कि इसके पोषक तत्व और आयुर्वेदिक गुण इसे सेहत के लिए भी लाभकारी बनाते हैं। आमतौर पर मिठाइयों को अस्वास्थ्यकर माना जाता है, लेकिन मूंग दाल बर्फी उन गिनी-चुनी पारंपरिक मिठाइयों में से एक है जो स्वाद के साथ-साथ शरीर को पोषण भी देती है – बशर्ते इसे सीमित मात्रा और शुद्ध सामग्री से बनाया जाए।आइए जानते हैं कि यह साधारण-सी दिखने वाली मिठाई वास्तव में कितनी असाधारण है, और इसके क्या-क्या स्वास्थ्य लाभ हैं:
1. उच्च गुणवत्ता वाला शाकाहारी प्रोटीन
मूंग दाल बर्फी का मुख्य घटक – पीली मूंग दाल – प्रोटीन का एक बेहतरीन स्रोत है। एक बर्फी (लगभग 30 ग्राम) में लगभग 3–4 ग्राम तक शुद्ध प्रोटीन होता है।
यह प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत, शरीर की ग्रोथ और इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनाने में सहायता करता है।शाकाहारी लोगों के लिए, मूंग दाल प्रोटीन का एक स्थायी और सस्ता स्रोत है जो दूध या मांस की तुलना में हल्का और सुपाच्य भी है।
2. ऊर्जा का प्राकृतिक स्रोत
मूंग दाल बर्फी में प्रयुक्त देसी घी और प्राकृतिक शक्कर इसे एक धीमी ऊर्जा प्रदान करने वाली मिठाई बनाते हैं। देसी घी में उपस्थित सैचुरेटेड फैट्स शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा देने में सक्षम होते हैं।
यदि आप दिनभर की थकान के बाद कुछ मीठा और एनर्जेटिक खाना चाहते हैं, तो एक छोटा टुकड़ा मूंग दाल बर्फी एक उत्तम विकल्प है — खासकर सर्दियों में।
3. सुपाच्य और पेट के लिए लाभकारी
अन्य दालों की तुलना में मूंग दाल का पाचन सबसे सरल माना गया है। यह पेट में गैस नहीं बनाती और आयुर्वेद में इसे “त्रिदोष शमनकारी” कहा गया है — यानी यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करती है।
इसके साथ बर्फी में प्रयुक्त इलायची और घी भी पाचन को बेहतर बनाते हैं। इसलिए यह मिठाई बुज़ुर्गों, बच्चों और बीमार से उबर रहे लोगों के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है।
4. दिमागी सेहत के लिए सहायक
मूंग दाल में मौजूद विटामिन B6, फोलेट और मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्व मस्तिष्क की कार्यक्षमता, तंत्रिका तंत्र की मजबूती और मानसिक शांति बनाए रखने में मदद करते हैं। नियमित सेवन से एकाग्रता, मूड स्टेबिलिटी और याददाश्त पर सकारात्मक असर देखा गया है।
5. हड्डियों और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद
मूंग दाल में कैल्शियम, फॉस्फोरस और मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं जो हड्डियों और जोड़ों को मज़बूती प्रदान करते हैं। घी में मौजूद फैट्स इन खनिजों के अवशोषण को और अधिक प्रभावी बनाते हैं।
इसलिए बच्चों, महिलाओं और वृद्धजनों को यह मिठाई ज़रूर खिलानी चाहिए – बशर्ते यह सीमित मात्रा में दी जाए।
6. आयरन और रक्त निर्माण में सहायक
मूंग दाल और सूखे मेवे (काजू, बादाम) में अच्छी मात्रा में आयरन होता है। यह शरीर में हीमोग्लोबिन बनाने और खून की कमी (एनीमिया) से लड़ने में सहायक हो सकते हैं। खासकर गर्भवती महिलाएं, किशोरियाँ और थकान महसूस करने वाले लोग मूंग दाल बर्फी से लाभ पा सकते हैं।
7. एंटीऑक्सिडेंट्स का स्रोत
मूंग दाल में पाये जाने वाले फ्लावोनॉइड्स, फेनोलिक यौगिक और विटामिन E जैसे पोषक तत्व शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जिससे कोशिकाओं की क्षति नहीं होती और एजिंग धीमी होती है।
घी भी वसा में घुलनशील विटामिन्स (A, D, E, K) का अच्छा वाहक है, जो कोशिका संरक्षण, हॉर्मोनल बैलेंस और इम्यूनिटी के लिए ज़रूरी हैं।
8. एंटी-इंफ्लेमेटरी और रिकवरी में उपयोगी
घी और मूंग दाल दोनों में प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो शरीर में सूजन और दर्द को कम करने में मदद कर सकते हैं। यह खासकर पोस्ट-इन्फेक्शन रिकवरी, ऑपरेशन के बाद की स्थिति, और थकावट में उपयोगी साबित होती है।
9. कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स – डायबिटिक फ्रेंडली
यदि बर्फी में प्रयुक्त शक्कर की मात्रा सीमित हो, या डेट पेस्ट/नारियल शुगर जैसी प्राकृतिक मिठास का प्रयोग किया जाए, तो यह बर्फी डायबिटिक मरीजों के लिए भी एक सुरक्षित विकल्प बन सकती है। मूंग दाल का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को तेजी से नहीं बढ़ाती।
10. व्रत और सात्विक आहार में उत्तम विकल्प
मूंग दाल बर्फी में न प्याज़ होता है, न लहसुन। यह पूरी तरह से सात्विक और बिना अंडे की मिठाई है। इसलिए यह व्रत, पूजा-पाठ, और भोग प्रसाद में उपयोग करने योग्य होती है।
FAQsमूंग दाल की बर्फी के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके उत्तर
Q1. मूंग दाल की बर्फी में दूध का प्रयोग करना जरूरी है
A हां मूंग दाल की बर्फी में हमने मावा का उपयोग नहीं किया है इसलिए दूध का प्रयोग करना बहुत जरूरी है
Q2. मूंग दाल की बर्फी के लिए बेसन का उपयोग कर सकते हैं
A हां अगर मूंग दाल का बेसन उपलब्ध हो तो आप उस से मूंग दाल की बर्फी बना सकते हैं।
Q3. मूंग दाल की बर्फी में ड्राई फ्रूट को फ्राई करके डालना जरूरी है
A नहीं आप ड्राई फ्रूट को बिना फ्राई किये भी डाल सकते हैं।
Q4 मूंग दाल की बर्फी क्या स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है
A हां मूंग के दाल में प्रचुर मात्रा में फाइबर, विटामिन बी कांप्लेक्स,आयरन,पोटेशियम, कैल्शियम और प्रोटीन पाया जाता है जो हमारे शरीर के जरूरी पोषक तत्व को पूरा करता है।

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