दही करी चावल इस विधि से बनायेगे तो आपकी रसोई में चार चांद लग जाएगा खाने वाले आपकी तारीफ करते नहीं थकेंगे स्वाद का अनोखा संगम आप इसे बार-बार बनाना पसंद करेंगे आपके घर बाले मांग मांग के खाएंगे
दही करी चावल का परिचय
दही करी चावल (Curd Curry Rice) एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है, जो खासतौर पर दक्षिण भारत, राजस्थान, गुजरात और उत्तर भारत के कुछ हिस्सों में लोकप्रिय है। यह एक हल्का, खट्टा-मीठा और सुगंधित भोजन है जिसमें दही और बेसन से बनी करी को मसालों के साथ पकाकर चावल के साथ परोसा जाता है।
इस व्यंजन की खासियत है कि यह पेट के लिए हल्का, पचने में आसान और स्वाद में बेहद संतुलित होता है। गर्मियों में इसे खाने से शरीर को ठंडक मिलती है, जबकि सर्दियों में गरम-गरम दही करी और चावल का मेल आरामदायक महसूस कराता है।
दही करी चावल की उत्पत्ति अलग-अलग क्षेत्रों में अलग तरह से मानी जाती है—राजस्थान में इसे ‘कढ़ी चावल’ के नाम से जाना जाता है, जिसमें हल्की या गाढ़ी कढ़ी के साथ सादा चावल परोसा जाता है, वहीं दक्षिण भारत में ‘दही अन्नम’ या ‘कर्ड राइस’ के रूप में ठंडी दही और चावल को मिलाकर तड़का लगाया जाता है।
यह व्यंजन न केवल रोज़मर्रा के खाने में बल्कि त्योहारों, उपवास के बाद और खास पारिवारिक दावतों में भी पसंद किया जाता है। इसके स्वाद में दही की खटास, बेसन की गाढ़ी परत और मसालों की खुशबू का बेहतरीन संतुलन होता है।
दही करी चावल का इतिहास
दही करी चावल का इतिहास भारतीय भोजन संस्कृति से गहराई से जुड़ा हुआ है। इसकी जड़ें प्राचीन भारतीय पाक परंपराओं में मिलती हैं, जहां दही (या छाछ) और अनाज का मेल रोज़मर्रा के भोजन का अहम हिस्सा रहा है।
1. वैदिक काल से शुरुआत
प्राचीन ग्रंथों में दही को पाचन के लिए लाभकारी और शीतल माना गया है। वैदिक युग में लोग अनाज (विशेषकर चावल या जौ) को दही और पानी के साथ मिलाकर हल्के भोजन के रूप में खाते थे। यह मिश्रण लंबे समय तक पेट भरा रखने और ऊर्जा देने के लिए जाना जाता था।
2. राजस्थान और गुजरात में विकास
राजस्थान और गुजरात जैसे शुष्क व गर्म क्षेत्रों में पानी की कमी और तापमान को देखते हुए छाछ व दही का भरपूर उपयोग होता था। वहां कढ़ी चावल का रूप विकसित हुआ—जहां बेसन और दही को मसालों के साथ पकाकर गाढ़ी करी बनाई जाती और इसे चावल के साथ खाया जाता। इससे स्वाद, पोषण और पेट की ठंडक तीनों मिलते थे।
3. दक्षिण भारत का योगदान
दक्षिण भारत में इसका रूप ‘कर्ड राइस’ (Curd Rice) या ‘थायर साधम’ के रूप में प्रसिद्ध हुआ। यहां दही को सीधे उबले चावल में मिलाकर तड़का (सरसों, करी पत्ता, हरी मिर्च, अदरक) लगाया जाता था। यह विशेषकर गर्म जलवायु में दोपहर के भोजन का आम हिस्सा बन गया।
4. मुगल और अन्य क्षेत्रीय प्रभाव
मुगल काल में दही का उपयोग बिरयानी, कबाब और सलाद में बढ़ा, लेकिन ग्रामीण इलाकों में दही करी चावल अपने सरल और किफायती रूप में बना रहा। समय के साथ, इसमें स्थानीय मसाले और पकाने की तकनीक जुड़ती गईं, जिससे इसके कई क्षेत्रीय संस्करण तैयार हुए।
5. आधुनिक दौर में लोकप्रियता
आज दही करी चावल केवल घरों तक सीमित नहीं, बल्कि होटलों, ढाबों और फूड फेस्टिवल्स में भी खूब पसंद किया जाता है। यह डिश न केवल भारतीय राज्यों में, बल्कि विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के बीच भी लोकप्रिय है, क्योंकि इसे बनाना आसान, जल्दी और स्वादिष्ट होता है।

Table of Contents

दही करी चावल
Ingredients
- 400 ग्राम बासमती चावल
- 4 pc तेजपत्ता
- 4 pc लौंग
- 50 ग्राम गाजर
- 50 ग्राम बिन्स
- 100 ग्राम हरा मटर
- 2 चम्मच देसी घी
- 25 ग्राम अदरक
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 200 ग्राम उड़द दाल
- 100 ग्राम बेसन
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 pc नींबू
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 चुटकी मंगरैला
- 400 ग्राम दही
- 1/2 कप छेना का पानी
- नमक स्वाद अनुसार
Instructions
दही करी चावल बनाने की विधि
Step 1
- दही करी चावल बनाने के लिए सबसे पहले उड़द दाल को एक बर्तन में रखकर पानी से भिगोकर 5 घंटा के लिए छोड़ दे। बासमती चावल को एक बर्तन में रखकर उसमें पानी से भिगोकर 20 मिनट तक के लिए रख दे।
Step 2
- गाजर को पानी से धोकर छीलकर मोटा भाग में काट ले, बिन्स के रेशा निकालकर फिर मोटा काट ले, धनिया पत्ता को पानी से धोकर बारीक काट ले, अदरक को छीलकर अलग रख ले।
Step 3
- 5 घंटा समय बीत गया हो तो उड़द दाल को पानी से छान कर निकाल ले, ग्राइंडर मशीन चालू करें इसमें अदरक को डालकर पीसकर पेस्ट बनाकर निकाल कर अलग रख ले, अब पानी से भिगोए हुए उड़द दाल को ग्राइंडर में डालकर पीस कर निकाल कर अलग बर्तन में रख ले।
Step 4
- पिसे हुए उड़द दाल में हल्दी पाउडर, मंगरैल और स्वाद अनुसार नमक डालकर अच्छा से मिला ले फिर छोटा -छोटा गोल बना ले, अब चूल्हा जलाकर फ्राई पैन चढ़ा कर फ्राई पैन को गर्म होने दे जब फ्राई पैन गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब उड़द के गोला को डालकर फुल फ्राई करके निकाल कर अलग बर्तन में पानी के साथ रख दे।
Step 5
- अब फ्राई पैन को उतार कर चूल्हा पर एक हांडी को चढ़ाए हांडी में पानी डालकर पानी जब आधा गर्म हो जाए तब इसमें बासमती चावल,तेज पत्ता, लौंग,गाजर,हरा मटर,बिन्स और एक चम्मच नमक डालकर एक चम्मच से चला ले ढक्कन से ढक कर 5 मिनट पकने दें।
Step 6
- 5 मिनट बाद ढक्कन हटाकर चम्मच से चलाएं फिर ढक्कन से ढक कर 15 मिनट तक पकने दे ध्यान रखें की बीच-बीच में चलाते रहे पानी का अगर जरूरत महसूस करें तो पानी भी डाले।
Step 7
- 15 मिनट बाद चावल पक जाए तब चावल को छान्नी से छानकर अलग बर्तन में रख ले चूल्हा पर से हांडी को उतार कर एक कराही को चढ़ा कर कराही को गर्म होने दे जब कराही गर्म हो जाए तब इसमें 2 चम्मच सरसों तेल डालें सरसों तेल को गर्म होने दे।
Step 8
- जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब इसमें जीरा डालें जीरा को चटकने दे जब जीरा चटक जाए तब दही को डालें फिर लाल मिर्च पाउडर,हल्दी पाउडर,स्वाद अनुसार नमक डालकर भूने जब दही में से तेल छोड़ने लगे तब 2 कप गर्म पानी,बेसन और अदरक का पेस्ट डालकर उबाल आने दे।
Step 9
- जब उबाल आ जाए तब इसमें छेना के पानी को डाल दे 10 मिनट तक पकने दे जब वेशन अपना रंग बदल दे टॉप पानी में से उड़द के फ्राई बड़ी को निकाल कर हाथ से निचोड़ कर पानी निकाल कर फिर इसमें डाल दे 1 मिनट पकने दे 1 1 मिनट बाद चूल्हा पर से कराही उतार कर बारीक कटे धनिया पत्ता से गार्निश कर ले।
Step 10
- अब एक बड़ा चम्मच में देसी घी डालकर चूल्हा पर गर्म करें फिर तैयार चावल में इसको डालकर चम्मच से मिला दे चुला बंद कर दे, अब दही कड़ी चावल चावल को सर्व करें।
INGREDIENTS
- 400 ग्राम बासमती चावल
- 4pc तेजपत्ता
- 4pc लौंग
- 50 ग्राम गाजर
- 50 ग्राम बिन्स
- 100 ग्राम हरा मटर
- 2 चम्मच देसी घी
- 25 ग्राम अदरक
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 200 ग्राम उड़द दाल
- 100 ग्राम बेसन
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1pc नींबू
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1 चुटकी मंगरैला
- 400 ग्राम दही
- 1/2 कप छेना का पानी
- नमक स्वाद अनुसार

दही करी चावल बनाने की विधि
Step 1
दही करी चावल बनाने के लिए सबसे पहले उड़द दाल को एक बर्तन में रखकर पानी से भिगोकर 5 घंटा के लिए छोड़ दे। बासमती चावल को एक बर्तन में रखकर उसमें पानी से भिगोकर 20 मिनट तक के लिए रख दे।
Step 2
गाजर को पानी से धोकर छीलकर मोटा भाग में काट ले, बिन्स के रेशा निकालकर फिर मोटा काट ले, धनिया पत्ता को पानी से धोकर बारीक काट ले, अदरक को छीलकर अलग रख ले।
Step 3
5 घंटा समय बीत गया हो तो उड़द दाल को पानी से छान कर निकाल ले, ग्राइंडर मशीन चालू करें इसमें अदरक को डालकर पीसकर पेस्ट बनाकर निकाल कर अलग रख ले, अब पानी से भिगोए हुए उड़द दाल को ग्राइंडर में डालकर पीस कर निकाल कर अलग बर्तन में रख ले।
Step 4
पिसे हुए उड़द दाल में हल्दी पाउडर, मंगरैल और स्वाद अनुसार नमक डालकर अच्छा से मिला ले फिर छोटा -छोटा गोल बना ले, अब चूल्हा जलाकर फ्राई पैन चढ़ा कर फ्राई पैन को गर्म होने दे जब फ्राई पैन गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब उड़द के गोला को डालकर फुल फ्राई करके निकाल कर अलग बर्तन में पानी के साथ रख दे।
Step 5
अब फ्राई पैन को उतार कर चूल्हा पर एक हांडी को चढ़ाए हांडी में पानी डालकर पानी जब आधा गर्म हो जाए तब इसमें बासमती चावल,तेज पत्ता, लौंग,गाजर,हरा मटर,बिन्स और एक चम्मच नमक डालकर एक चम्मच से चला ले ढक्कन से ढक कर 5 मिनट पकने दें।
Step 6
5 मिनट बाद ढक्कन हटाकर चम्मच से चलाएं फिर ढक्कन से ढक कर 15 मिनट तक पकने दे ध्यान रखें की बीच-बीच में चलाते रहे पानी का अगर जरूरत महसूस करें तो पानी भी डाले।
Step 7
15 मिनट बाद चावल पक जाए तब चावल को छान्नी से छानकर अलग बर्तन में रख ले चूल्हा पर से हांडी को उतार कर एक कराही को चढ़ा कर कराही को गर्म होने दे जब कराही गर्म हो जाए तब इसमें 2 चम्मच सरसों तेल डालें सरसों तेल को गर्म होने दे।
Step 8
जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब इसमें जीरा डालें जीरा को चटकने दे जब जीरा चटक जाए तब दही को डालें फिर लाल मिर्च पाउडर,हल्दी पाउडर,स्वाद अनुसार नमक डालकर भूने जब दही में से तेल छोड़ने लगे तब 2 कप गर्म पानी,बेसन और अदरक का पेस्ट डालकर उबाल आने दे।
Step 9
जब उबाल आ जाए तब इसमें छेना के पानी को डाल दे 10 मिनट तक पकने दे जब वेशन अपना रंग बदल दे टॉप पानी में से उड़द के फ्राई बड़ी को निकाल कर हाथ से निचोड़ कर पानी निकाल कर फिर इसमें डाल दे 1 मिनट पकने दे 1 1 मिनट बाद चूल्हा पर से कराही उतार कर बारीक कटे धनिया पत्ता से गार्निश कर ले।
Step 10
अब एक बड़ा चम्मच में देसी घी डालकर चूल्हा पर गर्म करें फिर तैयार चावल में इसको डालकर चम्मच से मिला दे चुला बंद कर दे, अब दही कड़ी चावल चावल को सर्व करें।
दही करी चावल के वैरायटी
दही करी चावल की खूबसूरती यही है कि इसे अलग-अलग क्षेत्रों और स्वाद की पसंद के अनुसार कई तरीकों से बनाया जाता है।
1. राजस्थानी दही कढ़ी चावल
राजस्थान की कढ़ी में बेसन और दही का गाढ़ा मिश्रण होता है, जिसमें हींग, मेथी दाना और सूखी लाल मिर्च का तड़का लगाया जाता है।
आमतौर पर इसे गरम-गरम उबले चावल और पापड़ के साथ परोसा जाता है।
2. गुजराती मीठी कढ़ी चावल
इसमें हल्की खटास के साथ मीठा स्वाद भी मिलता है, क्योंकि पकाते समय इसमें गुड़ या चीनी डाली जाती है।
इसका रंग हल्का पीला और स्वाद बहुत ही संतुलित होता है।
3. दक्षिण भारतीय कर्ड राइस (Thayir Sadam)
उबले चावल में ठंडी दही, नमक और तड़का (सरसों, करी पत्ता, हरी मिर्च, अदरक) डालकर बनाया जाता है।
गर्मी में यह बहुत ठंडक देने वाला भोजन है और आमतौर पर केले के पत्ते पर परोसा जाता है।
4. पंजाबी कढ़ी पकोड़ा चावल
पंजाबी कढ़ी में प्याज या आलू के पकोड़े डालकर गाढ़ी करी बनाई जाती है।
इसमें हल्का खट्टा स्वाद और पकोड़ों की कुरकुराहट का मेल इसे खास बनाता है।
5. पालक दही करी चावल
इसमें दही-बेसन की करी में बारीक कटी पालक डालकर पकाया जाता है, जो स्वाद के साथ-साथ पौष्टिकता भी बढ़ाता है।
6. मूंग दाल दही करी चावलदही और बेसन के साथ भिगोई और पीसी हुई मूंग दाल मिलाकर हल्की और प्रोटीन-युक्त करी बनाई जाती है।
यह व्रत के बाद खाने के लिए बेहतरीन विकल्प है।
7. कश्मीरी दही चावल
इसमें दही के साथ चावल में किशमिश, अखरोट, बादाम जैसे ड्राई फ्रूट मिलाए जाते हैं, जिससे यह रिच और खास मौके का व्यंजन बन जाता है।
दही करी चावल के सर्विंग सुझाव
दही करी चावल एक बहुमुखी व्यंजन है जिसे साधारण से लेकर खास मौकों तक अलग-अलग तरह से परोसा जा सकता है। सही सर्विंग से इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
1. गरमा-गरम सर्विंग
राजस्थानी या पंजाबी स्टाइल दही कढ़ी चावल को हमेशा गरम-गरम परोसें।
ऊपर से ताज़ा हरा धनिया और थोड़ा सा देसी घी डालकर सर्व करें, इससे खुशबू और स्वाद दोगुना हो जाता है।
2. ठंडी सर्विंग (समर स्पेशल)
दक्षिण भारतीय कर्ड राइस को ठंडा परोसें।
ऊपर से अनार के दाने, कद्दूकस किया गाजर, और हरा धनिया डालकर सजाएँ।
3. साइड डिश के साथ
पापड़ – कुरकुरे पापड़ का साथ कढ़ी चावल के स्वाद को बैलेंस करता है।
अचार – आम का अचार, नींबू का अचार या मिर्च का अचार इसके साथ बेहतरीन लगता है।
सलाद – प्याज, टमाटर, खीरा, और हरी मिर्च वाला सलाद इसके साथ ताज़गी लाता है।
4. त्योहार या मेहमानों के लिए
कश्मीरी स्टाइल दही चावल को ड्राई फ्रूट और केसर से गार्निश करके परोसें।
प्लेटिंग में केले के पत्ते, मिट्टी के बर्तन या स्टाइलिश बोल का उपयोग करें, इससे प्रस्तुति आकर्षक लगेगी।
5. स्वास्थ्य के लिए खास
ऑयल कम करके और लो-फैट दही का उपयोग करके इसे डाइट फ्रेंडली बनाएं।साथ में स्टीम्ड सब्ज़ियों या मूंग स्प्राउट्स का सलाद दें।
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दही करी चावल के स्वास्थ्य लाभ
दही करी चावल भारतीय रसोई का एक ऐसा पारंपरिक और संतुलित व्यंजन है जो न केवल स्वाद में लाजवाब है, बल्कि पोषण और स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद फायदेमंद है। इस डिश में मुख्य रूप से तीन प्रमुख सामग्री होती हैं – दही, बेसन और चावल। ये तीनों ही चीज़ें अपने-अपने तरीके से शरीर को जरूरी पोषक तत्व, ऊर्जा और कई तरह के स्वास्थ्य लाभ देती हैं।
1. पाचन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी
दही करी चावल पचने में हल्का होता है, खासकर तब जब इसे कम तेल और मसालों के साथ तैयार किया जाए।दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स (Lactobacillus bacteria) आंतों में अच्छे बैक्टीरिया की संख्या बढ़ाते हैं। ये बैक्टीरिया पाचन को आसान बनाते हैं और भोजन से पोषक तत्वों के अवशोषण में मदद करते हैं।
बेसन, जो चने से बनाया जाता है, फाइबर से भरपूर होता है, जो आंतों की सफाई और कब्ज को दूर करने में सहायक है।चावल, खासकर अगर वह सादा उबला हुआ हो, पचने में आसान होता है और पेट पर ज्यादा बोझ नहीं डालता।
कब फायदेमंद है?
गैस, कब्ज या एसिडिटी की समस्या होने पर
बीमारियों से उबरने के दौरान
यात्रा से लौटकर हल्का खाना खाने की जरूरत होने पर
2. गर्मी में ठंडक और हाइड्रेशन बनाए रखना
दही करी चावल गर्मियों में एक प्राकृतिक कूलेंट की तरह काम करता है।दही शरीर के तापमान को संतुलित रखता है और गर्मी से होने वाली लू या डिहाइड्रेशन से बचाता है।इसमें पानी की मात्रा अच्छी होती है, जिससे शरीर हाइड्रेटेड रहता है।
दक्षिण भारत में गर्मियों के मौसम में ‘कर्ड राइस’ ठंडा करके खाने की परंपरा है, जो पाचन और शरीर की ठंडक दोनों के लिए फायदेमंद है।
कब फायदेमंद है?
तेज गर्मी और उमस में
धूप में काम करने वालों के लिए
हीट स्ट्रोक से बचाव में
3. हड्डियों और दांतों के लिए मजबूतीदही में कैल्शियम और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में होता है।कैल्शियम – हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है, हड्डियों की घनत्व (Bone Density) बनाए रखता है।फॉस्फोरस – हड्डियों के विकास और उनकी मरम्मत में मदद करता है।
नियमित रूप से दही करी चावल खाने से ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डियों के कमजोर होने की बीमारी) का खतरा कम होता है।
कब फायदेमंद है?
बच्चों के विकास के दौरान
बुजुर्गों में हड्डियों की कमजोरी रोकने के लिए
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए
4. इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाना
दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स और बेसन में पाए जाने वाले पौध-आधारित प्रोटीन, दोनों ही रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करते हैं।
दही के अच्छे बैक्टीरिया शरीर में हानिकारक जीवाणुओं से लड़ते हैं।बेसन में मौजूद जिंक और विटामिन B6 इम्यून सेल्स के निर्माण में सहायक होते हैं।कढ़ी में डाले जाने वाले मसाले (हल्दी, हींग, जीरा) एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर होते हैं।
कब फायदेमंद है?
मौसम बदलने के समयसर्दी-जुकाम या वायरल इंफेक्शन के दौरान
कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए
5. लो-फैट और वेट मैनेजमेंट में मददगार
दही करी चावल, खासकर अगर इसमें कम तेल और लो-फैट दही का इस्तेमाल किया जाए, तो यह एक लो-कैलोरी और लो-फैट भोजन बन जाता है।
बेसन में फैट की मात्रा बहुत कम होती है।दही का लो-फैट वर्ज़न कैलोरी कंट्रोल में मदद करता है।चावल से तुरंत ऊर्जा मिलती है, जिससे जंक फूड की क्रेविंग कम होती है।
कब फायदेमंद है?
वजन कम करने की कोशिश कर रहे लोगों के लिए
फिटनेस डाइट मेंऑफिस लंच या हल्के डिनर में
6. त्वचा और बालों की सेहत में सुधार
दही में मौजूद विटामिन B, प्रोटीन और लैक्टिक एसिड त्वचा और बालों के लिए बेहद फायदेमंद हैं।त्वचा में नमी बनाए रखते हैं और रूखापन कम करते हैं।बालों को मजबूत और चमकदार बनाते हैं।
कढ़ी में डाले जाने वाले हल्दी और करी पत्ता भी त्वचा और बालों के लिए लाभकारी हैं।
कब फायदेमंद है?
ड्राई स्किन या ड्राई हेयर वालों के लिए
मौसम बदलने के समय त्वचा की नमी बनाए रखने में
बालों के झड़ने को रोकने में
7. त्वरित ऊर्जा का स्रोत
दही करी चावल में चावल से मिलने वाले कार्बोहाइड्रेट और दही से मिलने वाले प्रोटीन का मिश्रण शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करता है।
लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखता है, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती।खिलाड़ियों और एक्टिव लाइफस्टाइल वाले लोगों के लिए बढ़िया है।
कब फायदेमंद है?
वर्कआउट के बादलंबी यात्रा पर निकलने से पहले
ऑफिस या स्कूल के लंच में
8. मानसिक स्वास्थ्य में सहायक
हाल के शोध बताते हैं कि आंतों का स्वास्थ्य मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा होता है।दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंत के माइक्रोबायोम को संतुलित रखते हैं, जिससे स्ट्रेस, एंग्जायटी और डिप्रेशन जैसी समस्याओं में सुधार हो सकता है।
हल्का और संतुलित भोजन मानसिक शांति और सुकून देता है।
कब फायदेमंद है?
मानसिक तनाव के समयनींद न आने की समस्या में
पढ़ाई या दिमागी काम के दौरान
9. सभी मौसम और उम्र के लिए उपयुक्तगर्मी में – ठंडा कर्ड राइससर्दियों में – गरम-गरम कढ़ी चावलबच्चों से लेकर बुजुर्गों तक – हर कोई इसे आसानी से पचा सकता है।
10. रोगों की रोकथाम में मददगार
हल्दी के एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया और जोड़ों के दर्द में सहायक होते हैं।दही का नियमित सेवन ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल लेवल को नियंत्रित रख सकता है।प्रोबायोटिक्स आंत के कैंसर के खतरे को कम कर सकते हैं।
पोषण चार्ट
(प्रति 100 ग्राम – अनुमानित)
| पोषक तत्व | मात्रा |
| ऊर्जा (कैलोरी) | 120-140 kcal |
| कार्बोहाइड्रेट | 20-22 g |
| प्रोटीन | 4-5 g |
| वसा (Fat) | 3-4 g |
| फाइबर | 1-2 g |
| कैल्शियम | 80-100 mg |
| आयरन | 0.5-1 mg |
| विटामिन B12 | 0.3-0.5 mcg |
| सोडियम | 100-150 mg |
| पोटैशियम | 150-200 mg |
| विटामिन A | 30-40 IU |
| विटामिन C | 1-2 mg |
नोट: यह मान सामग्री की मात्रा और पकाने के तरीके के अनुसार थोड़ा बदल सकता है।
FAQs दही करी चावल के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर
Q1. दही करी चावल बनाने में कौन सा दही सबसे अच्छा होता है
A ताज़ा और हल्का खट्टा दही सबसे अच्छा रहता है। बहुत ज्यादा खट्टा दही स्वाद बिगाड़ सकता है।
Q2. क्या दही करी चावल को फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है
A हाँ, लेकिन कढ़ी चावल को फ्रिज में रखने से इसका स्वाद और गाढ़ापन थोड़ा बदल जाता है। कर्ड राइस को 4-5 घंटे ठंडा रख सकते हैं।
Q3. कढ़ी चावल और कर्ड राइस में क्या अंतर है
A कढ़ी चावल में दही और बेसन को पकाकर मसाले डाले जाते हैं, जबकि कर्ड राइस में दही और चावल को ठंडा मिलाकर तड़का लगाया जाता है।
Q4. दही करी चावल को हेल्दी कैसे बनाया जा सकता है
A कम तेल का उपयोग करें, लो-फैट दही लें, और सब्जियाँ जैसे पालक, गाजर, मटर मिलाएँ।
Q5. क्या इसमें बेसन की जगह कोई और चीज़ डाल सकते हैं
A जी हाँ, आप बेसन की जगह मूंग दाल का पेस्ट या चना आटा का उपयोग कर सकते हैं।
Q6. क्या यह डिश बच्चों के लिए सही है
A हाँ, लेकिन बच्चों के लिए इसमें मिर्च कम डालें और दही ताज़ा रखें।
Q7. दही करी में गांठें क्यों पड़ जाती हैं
A अगर दही को बेसन और पानी के साथ अच्छे से फेंटकर धीमी आँच पर पकाएँ तो गांठें नहीं पड़ेंगी।
Q8. दही करी चावल में कौन-कौन से मसाले सबसे जरूरी हैं
A हींग, हल्दी, लाल मिर्च पाउडर, जीरा, और सरसों के दाने इसके स्वाद की पहचान हैं।
Q9. क्या इसे उपवास में खा सकते हैं
A कुछ व्रतों में बेसन और चावल मान्य नहीं होते, ऐसे में आप सामक चावल और सिंघाड़े के आटे से दही करी बना सकते हैं।
Q10. दही करी चावल को और स्वादिष्ट बनाने का राज़ क्या है
A ताज़ा दही, सही मसाले का संतुलन, और तड़के में देसी घी का उपयोग इसे लाजवाब बनाता है।

अंतिम निष्कर्ष
दही करी चावल भारतीय भोजन संस्कृति का एक ऐसा हिस्सा है, जो स्वाद, सेहत और परंपरा – तीनों का सुंदर संगम है।
चाहे यह राजस्थान का मसालेदार कढ़ी चावल हो, गुजरात का मीठा-खट्टा स्वाद, या दक्षिण भारत का ठंडा कर्ड राइस – हर रूप में इसका स्वाद अलग और लाजवाब होता है।
यह पेट के लिए हल्का, पचने में आसान और सभी मौसम में अनुकूल भोजन है।साधारण सी सामग्री जैसे दही, बेसन और चावल से बनने के बावजूद यह व्यंजन घर की रसोई से लेकर बड़े-बड़े भोजों तक अपनी खास जगह बनाए हुए है।
आज के समय में, जब लोग हेल्दी और आसानी से बनने वाले विकल्प खोज रहे हैं, दही करी चावल एक परफेक्ट चॉइस है – जल्दी बनने वाला, पौष्टिक और स्वाद से भरपूर।