लिट्टी चोखा

लिट्टी चोखा अंतराष्ट्रीय अस्तर पर बिहार के ये व्यंजन अपना पहचान बना चूका है अनोखा स्वाद से भरपूर चना सतु आटा लाजबाब चोखा और देसी घी के साथ इसका स्वाद सोने पर सुहागा जैसा है

लिट्टी चोखा का परिचय

लिट्टी चोखा बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और झारखंड का पारंपरिक और प्रसिद्ध व्यंजन है, जिसे भारत ही नहीं बल्कि अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिल चुकी है।

यह व्यंजन अपनी सादगी, स्वाद और पौष्टिकता के लिए जाना जाता है।लिट्टी – गेहूं के आटे की छोटी-छोटी गोलियों में सत्तू (भुनी हुई चने की दाल का आटा), हरी मिर्च, अदरक, लहसुन, प्याज़, अजवाइन, मसाले और सरसों तेल डालकर भरा जाता है। इन्हें तंदूर, अंगीठी, कोयले की आँच या ओवन पर सेंककर तैयार किया जाता है। बाहर से यह कुरकुरी और अंदर से सत्तू वाली भराई नरम और स्वादिष्ट होती है।

चोखा – भुने हुए बैंगन, आलू और टमाटर को मसलकर उसमें सरसों तेल, प्याज, हरी मिर्च, धनिया और नींबू का रस मिलाकर बनाया जाता है। यह बिना मसाले की सिंपल लेकिन बेहद चटपटी डिश होती है।

लिट्टी और चोखा का संयोजन एक क्लासिक फूड पेयरिंग है – लिट्टी की भरपूरता और चोखा की सादगी मिलकर ऐसा स्वाद देती है जो हर किसी की जुबान पर बस जाता है।

लिट्टी चोखा की खासियत

यह पूरी तरह से देशी और पौष्टिक व्यंजन है।इसमें सरसों का तेल और सत्तू जैसे हेल्दी व पारंपरिक सामग्री का उपयोग होता है।यह गाँव की मिट्टी, देसी चूल्हे और अंगीठी की याद दिलाता है।सड़क किनारे ढाबों से लेकर बड़े शहरों के रेस्टोरेंट तक, यह डिश हर जगह लोकप्रिय है।

संक्षेप में, लिट्टी-चोखा सिर्फ एक व्यंजन नहीं बल्कि बिहार और पूर्वांचल की संस्कृति, परंपरा और मिट्टी की खुशबू का प्रतीक है। इसे खाने के साथ-साथ लोग अपनी जड़ों और विरासत से भी जुड़ाव महसूस करते हैं।

लिट्टी चोखा का इतिहास

लिट्टी चोखा सिर्फ एक व्यंजन नहीं बल्कि पूर्वी भारत की संस्कृति, परंपरा और लोक-जीवन का आईना है। इसका इतिहास काफ़ी पुराना और रोचक है।

1. लोकजीवन और ग्रामीण परंपरा से जुड़ाव

लिट्टी का जन्म बिहार और पूर्वांचल के गाँवों में हुआ।यह किसानों और मजदूरों का पसंदीदा भोजन था क्योंकि इसे बनाने में ज्यादा मेहनत नहीं लगती थी और यह लंबे समय तक खराब नहीं होता था।सत्तू (भुना हुआ चना पीसकर बना आटा) सदियों से सस्ता, पौष्टिक और पेट भरने वाला भोजन माना जाता है। लिट्टी में इसी सत्तू का उपयोग भरावन के रूप में किया जाता है।

2. मगध साम्राज्य और सत्तू का महत्व

कहा जाता है कि मगध साम्राज्य (आज का बिहार और झारखंड क्षेत्र) के सैनिक और यात्री सत्तू साथ रखते थे क्योंकि यह आसानी से ले जाने योग्य और लंबे समय तक टिकाऊ भोजन था।पानी या तेल में सत्तू गूँथकर जल्दी से ऊर्जा मिल जाती थी। यही परंपरा धीरे-धीरे लिट्टी के रूप में विकसित हुई।

3. अंग्रेज़ी हुकूमत के समय

इतिहासकार मानते हैं कि 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भारतीय सिपाहियों ने लिट्टी-सत्तू को अपना प्रमुख आहार बनाया।क्योंकि यह बिना ज्यादा बर्तनों और मसालों के जंगल या यात्रा के दौरान आसानी से बन जाता था।इसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का साथी भोजन भी कहा जाता है।

4. लिट्टी और चोखा का मेल

लिट्टी के साथ चोखा (बैंगन, आलू और टमाटर का मसला हुआ मिश्रण) खाना धीरे-धीरे प्रचलन में आया।यह मेल किसानों और गरीब तबके के लिए सस्ता, स्वादिष्ट और पेट भरने वाला भोजन था।मिट्टी की खुशबू और देसी सरसों के तेल का स्वाद इस जोड़ी को खास बनाता है।

5. आधुनिक दौर में लिट्टी-चोखा

पहले इसे गाँव और खेत-खलिहानों तक सीमित माना जाता था, लेकिन अब यह रेस्टोरेंट, फाइव-स्टार होटल और विदेशों में भी लोकप्रिय हो चुका है।बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश से बाहर रहने वाले लोग इसे अपनी जड़ों से जुड़ने के लिए बड़े शौक से बनाते और खाते हैं।आज यह भारत की विरासत फूड डिश के रूप में अंतरराष्ट्रीय फूड फेस्टिवल्स में भी परोसा जाता है।

लिट्टी चोखा
लिट्टी चोखा

लिट्टी चोखा

लिट्टी चोखा
Prep Time 25 minutes
Cook Time 30 minutes
Total Time 55 minutes
Course Main Course
Cuisine Indian
Servings 4 People
Calories 326 kcal

Ingredients
  

  • 400 ग्राम गेहूं का आटा
  • 100 ग्राम मैदा
  • 300 ग्राम देसी घी
  • 150 ग्राम शुद्ध चना सत्तू
  • 50 ग्राम धनिया पत्ता
  • 25 ग्राम कच्चा लहसुन के पत्ता
  • 30 ग्राम प्याज के पत्ता
  • 50 ग्राम प्याज
  • 1 चम्मच गोल मिर्च पाउडर
  • 2 पीस नींबू
  • 2 चम्मच आम के अचार का तेल
  • 20 ग्राम हरा मेथी पत्ता
  • 100 ग्राम हरा मिर्च
  • नमक स्वाद अनुसार
  • 50 ग्राम सरसों का तेल
  • 100 ग्राम टमाटर
  • 250 ग्राम बैगन
  • 200 ग्राम आलू
  • 20 पीस गाय के उपले
  • 3 मीटर मार्किंन कपड़ा
  • 1 चम्मच लवण भास्कर
  • 100 ग्राम दूध
  • 50 ग्राम रिफाइन
  • 200 ग्राम मस्टर्ड सॉस
  • 100 ग्राम टमाटर सॉस

Instructions
 

  • लिट्टी चोखा बनाने की विधि:-
    Step1
    लिट्टी चोखा बनाने के लिए सबसे पहले चूल्हा को जलाकर एक पतिला में पानी डालकर पानी को गर्म होने के लिए चढ़ा दे
    फिर इसमें टमाटर, बैगन,एवं आलू को डाल दे,इसमें 1 चम्मच नमक मिला दे,ढक्कन बंद करके 20 से 25 मिनट तक इसको उबलने दे।
    20 से 25 मिनट बाद चूल्हा बंद कर दे, पतिला से आलू,टमाटर एवं बैगन को पानी से निकाल कर अलग बर्तन में रख ले।
    Step2
    छन्नी से शुद्ध चना सत्तू को चाल कर अलग बर्तन में रख ले,।
    चाकू से धनिया पत्ता, कच्चा लहसुन के पत्ता, प्याज के पत्ता, प्याज,हरा मिर्च, मेथी के पत्ता को बारीक से बारीक काटकर एक बर्तन में रख ले।
    एक बर्तन में बारीक कटे हुए मसाले को चना सत्तू में डालकर अच्छा से मिला ले,आम के अचार के तेल सत्तू में डाल लें।
    1 चम्मच लवण भास्कर एवं नमक स्वाद अनुसार डाल ले।
    नींबू को काटकर इसमें निचोड़ दे,2 चम्मच सरसों तेल डालकर हाथ से अच्छा से मिलाये।
    Step3
    अब गेहूं के आटा एवं मैदा को छन्नी से चाल कर अलग बर्तन में रख ले।
    मैदा और आटा एक साथ मिला ले, इसमें 50 ग्राम रिफाइंन तेल डालकर हाथ से आटा मे मिलाये
    फिर इसमें कच्चा दूध डालकर हाथ से आटा मे मिलाये,जरूरत महसूस होने पर इसमें पानी मिला सकते हैं।
    आटा को अच्छा तरह से गुथे,मुलायम होने तक आटा को गुथे। ध्यान रखें आटा जितना अच्छा गुथेगा उतना अच्छा लिट्टी बनेगा।
    Step4
    जब अच्छा से आटा गूथ जाये तब आटा को 20 ग्राम के साइज का टुकड़ा कर ले आटा के 1 टुकड़े में लगभग 6 ग्राम सत्तू भर ले, सत्तू भरने के बाद इसे हाथ के सहारे गोल कर ले।
    आटा के सभी 20 ग्राम के प्रत्येक टुकड़े में इसी तरह से 6 ग्राम सत्तू भर ले, अलग बर्तन में रख ले।
    Step5
    एक बर्तन में उबले हुए बैगन, आलू एवं टमाटर के छिलकों को छिलकर रखे,छिलका फेक दे।
    आलू, बैगन और टमाटर को हाथ से मसल दे बारीक कटे हुए हरा मिर्च, प्याज और स्वाद अनुसार नमक, बारीक कटे हुए अदरक,बचे हुए लहसुन के पत्ता, गोल मिर्च पाउडर,इन सब को मिलाकर चोखा तैयार करके अलग रख ले।
    Step6
    अब गाय के उपले को खुली आसमान के नीचे जला दे,उपले के जब धुँआ खत्म हो जाए।
    जब लाल चिंगारी नजर आने लगे तब सत्तू भरे हुए आटे के गोले को आग के ऊपर डाल दे,
    50 ग्राम हरा मिर्च डाल दे, आटा के गोले को आग से ढक दे 15 से 20 मिनट के बाद चिमटा के सहारे आग को हटाकर लिट्टी को देखें।
    Step7
    आग मे जो लिट्टी भूरा रंग का हो गया है उसे निकाल कर अलग बर्तन मे रखे।
    बाकी को 5 मिनट और पकने दे,इसी तरह सब लिट्टी भूरा रंग के हो जाए तब निकाल के एक बर्तन में रख ले,
    सभी लिट्टी को मार्किंन कपड़े में डालकर एक और आदमी के सहारे झूला के तरह हिलाकर साफ कर ले साफ किए हुए लिट्टी को एक अलग बर्तन में रख ले।
    Step8
    चूल्हा जलाकर धीमी आंच पर कराही को चढ़ा दे इसमें सफेद देसी घी को डालकर लाल होने तक इसमें पकाए।
    जब घी लाल हो जाए तब चूल्हा बंद कर दे,घी वाले बर्तन में सभी लिट्टी को डाल दे, 1 प्लेट में लिट्टी निकाल कर, मस्टर्ड सॉस, टमाटर सॉस और भुने हुए हरा मिर्च के साथ लिट्टी चोखा का आनंद ले।
Keyword लिट्टी चोखा

लिट्टी चोखा बनाने की विधि:-

Step1

  • लिट्टी चोखा बनाने के लिए सबसे पहले चूल्हा को जलाकर एक पतिला में पानी डालकर पानी को गर्म होने के लिए चढ़ा दे
  • फिर इसमें टमाटर, बैगन,एवं आलू को डाल दे,इसमें 1 चम्मच नमक मिला दे,ढक्कन बंद करके 20 से 25 मिनट तक इसको उबलने दे।
  • 20 से 25 मिनट बाद चूल्हा बंद कर दे, पतिला से आलू,टमाटर एवं बैगन को पानी से निकाल कर अलग बर्तन में रख ले।

Step2

  • छन्नी से शुद्ध चना सत्तू को चाल कर अलग बर्तन में रख ले,।
  • चाकू से धनिया पत्ता, कच्चा लहसुन के पत्ता, प्याज के पत्ता, प्याज,हरा मिर्च, मेथी के पत्ता को बारीक से बारीक काटकर एक बर्तन में रख ले।
  • एक बर्तन में बारीक कटे हुए मसाले को चना सत्तू में डालकर अच्छा से मिला ले,आम के अचार के तेल सत्तू में डाल लें।
  • 1 चम्मच लवण भास्कर एवं नमक स्वाद अनुसार डाल ले।
  • नींबू को काटकर इसमें निचोड़ दे,2 चम्मच सरसों तेल डालकर हाथ से अच्छा से मिलाये।

Step3

  • अब गेहूं के आटा एवं मैदा को छन्नी से चाल कर अलग बर्तन में रख ले।
  • मैदा और आटा एक साथ मिला ले, इसमें 50 ग्राम रिफाइंन तेल डालकर हाथ से आटा मे मिलाये
  • फिर इसमें कच्चा दूध डालकर हाथ से आटा मे मिलाये,जरूरत महसूस होने पर इसमें पानी मिला सकते हैं।
  • आटा को अच्छा तरह से गुथे,मुलायम होने तक आटा को गुथे। ध्यान रखें आटा जितना अच्छा गुथेगा उतना अच्छा लिट्टी बनेगा।

Step4

  • जब अच्छा से आटा गूथ जाये तब आटा को 20 ग्राम के साइज का टुकड़ा कर ले आटा के 1 टुकड़े में लगभग 6 ग्राम सत्तू भर ले, सत्तू भरने के बाद इसे हाथ के सहारे गोल कर ले।
  • आटा के सभी 20 ग्राम के प्रत्येक टुकड़े में इसी तरह से 6 ग्राम सत्तू भर ले, अलग बर्तन में रख ले।

Step5

  • एक बर्तन में उबले हुए बैगन, आलू एवं टमाटर के छिलकों को छिलकर रखे,छिलका फेक दे।
  • आलू, बैगन और टमाटर को हाथ से मसल दे बारीक कटे हुए हरा मिर्च, प्याज और स्वाद अनुसार नमक, बारीक कटे हुए अदरक,बचे हुए लहसुन के पत्ता, गोल मिर्च पाउडर,इन सब को मिलाकर चोखा तैयार करके अलग रख ले।

Step6

  • अब गाय के उपले को खुली आसमान के नीचे जला दे,उपले के जब धुँआ खत्म हो जाए।
  • जब लाल चिंगारी नजर आने लगे तब सत्तू भरे हुए आटे के गोले को आग के ऊपर डाल दे,
  • 50 ग्राम हरा मिर्च डाल दे, आटा के गोले को आग से ढक दे 15 से 20 मिनट के बाद चिमटा के सहारे आग को हटाकर लिट्टी को देखें।

Step7

  • आग मे जो लिट्टी भूरा रंग का हो गया है उसे निकाल कर अलग बर्तन मे रखे।
  • बाकी को 5 मिनट और पकने दे,इसी तरह सब लिट्टी भूरा रंग के हो जाए तब निकाल के एक बर्तन में रख ले,
  • सभी लिट्टी को मार्किंन कपड़े में डालकर एक और आदमी के सहारे झूला के तरह हिलाकर साफ कर ले साफ किए हुए लिट्टी को एक अलग बर्तन में रख ले।

Step8

  • चूल्हा जलाकर धीमी आंच पर कराही को चढ़ा दे इसमें सफेद देसी घी को डालकर लाल होने तक इसमें पकाए।
  • जब घी लाल हो जाए तब चूल्हा बंद कर दे,घी वाले बर्तन में सभी लिट्टी को डाल दे, 1 प्लेट में लिट्टी निकाल कर, मस्टर्ड सॉस, टमाटर सॉस और भुने हुए हरा मिर्च के साथ लिट्टी चोखा का आनंद ले।

लिट्टी-चोखा के प्रकार और वैरायटी

लिट्टी-चोखा मूलतः एक ग्रामीण व्यंजन है, लेकिन समय और स्वाद की विविधता के साथ इसमें कई तरह की वैरायटी विकसित हो गई है। आज यह सिर्फ सत्तू और आलू-भरे चोखे तक सीमित नहीं है, बल्कि स्वाद और स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर कई तरह से बनाई जाने लगी है।

लिट्टी की वैरायटी

1. साधारण सत्तू वाली लिट्टी

पारंपरिक लिट्टी जिसमें चने के सत्तू, अदरक, लहसुन, प्याज, हरी मिर्च और मसालों का मिश्रण भरकर अंगारों पर पकाया जाता है।

2. आलू वाली लिट्टी

सत्तू के साथ उबले हुए आलू मिलाकर भरी जाती है जिससे इसका स्वाद और भरपूर हो जाता है।

3. पनीर लिट्टी

पनीर, प्याज और मसालों के मिश्रण से भरी हुई लिट्टी। यह खासकर युवाओं और बच्चों को पसंद आती है।

4. मिक्स वेज लिट्टी

सत्तू के साथ-साथ गाजर, मटर और बीन्स जैसी सब्जियों का मिश्रण इसमें डाला जाता है।

5. चीज़ लिट्टी

पारंपरिक लिट्टी में चीज़ मिलाकर इसे मॉडर्न फ्यूज़न का स्वाद दिया जाता है।

6. तंदूरी लिट्टी

कोयले के अंगारे या ओवन में तंदूरी स्टाइल में पकाई गई लिट्टी, जिसे घी या मक्खन के साथ परोसा जाता है।

चोखे की वैरायटी

1. आलू का चोखा

उबले आलू, प्याज, हरी मिर्च, सरसों का तेल और हरी धनिया से बनाया जाता है। यह सबसे लोकप्रिय है।

2. बैंगन का चोखा

भुना हुआ बैंगन, लहसुन, प्याज और सरसों के तेल से तैयार किया जाता है। इसका स्वाद धुँआदार होता है।

3. टमाटर का चोखा

भुने हुए टमाटर, हरी मिर्च, प्याज और लहसुन से तैयार किया जाने वाला खट्टा-मीठा चोखा।

4. मिक्स चोखा

आलू, बैंगन और टमाटर तीनों को मिलाकर एक ही चोखा तैयार किया जाता है। यह सबसे ज़्यादा पौष्टिक और स्वादिष्ट होता है।

आधुनिक वैरायटी

स्टफ्ड लिट्टी बटर और चीज़ के साथड्राई फ्रूट्स लिट्टी (बादाम, काजू, किशमिश मिलाकर)डायट लिट्टी (कम तेल और कम मसाले वाली हेल्दी लिट्टी, जिसे ओवन में बेक किया जाता है)फ्यूज़न लिट्टी (पास्ता, नूडल्स या कॉन्टिनेंटल फिलिंग के साथ प्रयोग)

लिट्टी-चोखा के स्वास्थ्य लाभ

लिट्टी-चोखा भारतीय उपमहाद्वीप, विशेषकर बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश का पारंपरिक और पौष्टिक भोजन है। यह व्यंजन न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पोषण की दृष्टि से भी बेहद लाभकारी माना जाता है। इसमें गेहूँ, चने का सत्तू, सब्ज़ियाँ (आलू, बैंगन, टमाटर) और देसी घी जैसे प्राकृतिक व स्वास्थ्यवर्धक तत्व होते हैं, जो शरीर को संतुलित पोषण देते हैं।

1. ऊर्जा का उत्कृष्ट स्रोत

लिट्टी का मुख्य आधार गेहूँ का आटा और सत्तू (भुना हुआ चना) है। यह दोनों ही कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन से भरपूर होते हैं।कार्बोहाइड्रेट शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं।प्रोटीन मांसपेशियों की मरम्मत और विकास में मदद करता है।इसलिए लिट्टी-चोखा किसानों, मजदूरों और मेहनतकश लोगों के लिए दिनभर की ऊर्जा का संपूर्ण स्रोत है।

2. पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है

सत्तू और चोखा (आलू, बैंगन, टमाटर) दोनों ही फाइबर से भरपूर होते हैं।यह पेट साफ रखने में मदद करता है।कब्ज और गैस की समस्या को दूर करता है।पाचन तंत्र को सक्रिय और स्वस्थ बनाए रखता है।इस कारण इसे गर्मियों और बरसात के मौसम में डिटॉक्स फूड भी माना जाता है।

3. वज़न घटाने में सहायक

लिट्टी-चोखा हेल्दी और बैलेंस्ड मील है।इसमें मौजूद फाइबर और प्रोटीन लंबे समय तक भूख को नियंत्रित रखते हैं।यह बार-बार खाने की आदत को कम करता है।देसी घी का नियंत्रित प्रयोग शरीर को स्वस्थ फैट देता है, जिससे मोटापा नहीं बढ़ता।

इसलिए डायटिंग करने वाले लोग भी इसे संतुलित मात्रा में खाकर तंदुरुस्त रह सकते हैं।

4. डायबिटीज़ में फायदे

मंदसत्तू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, यानी यह धीरे-धीरे शुगर रिलीज करता है।ब्लड शुगर अचानक नहीं बढ़ता।डायबिटीज़ के रोगियों के लिए यह सुरक्षित भोजन है।साथ ही फाइबर इंसुलिन को नियंत्रित रखने में मदद करता है।

5. दिल की सेहत के लिए अच्छा

लिट्टी में घी और सरसों का तेल दोनों का उपयोग होता है।घी में ओमेगा-3 फैटी एसिड और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो हृदय के लिए लाभकारी हैं।सरसों का तेल कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखता है।पोटैशियम और मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर संतुलित रखते हैं।

इस तरह यह हार्ट-फ्रेंडली डिश है, यदि इसे संतुलित मात्रा में खाया जाए।

6. हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाता है

गेहूँ और सत्तू में कैल्शियम और फॉस्फोरस पाया जाता है।घी शरीर को विटामिन D प्रदान करता है।ये तीनों पोषक तत्व मिलकर हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाते हैं। इसलिए बच्चों और बुजुर्गों दोनों के लिए यह डिश उपयुक्त है।

7. इम्युनिटी बूस्टर

लिट्टी-चोखा में प्रयुक्त बैंगन, आलू और टमाटर शरीर को विभिन्न विटामिन और मिनरल्स देते हैं।टमाटर में विटामिन C और एंटीऑक्सीडेंट लाइकोपीन होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।बैंगन में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं, जो शरीर को संक्रमण से बचाते हैं।आलू शरीर को ऊर्जा और पोटैशियम देते हैं।

8. ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है

लिट्टी-चोखा में प्रयुक्त सत्तू और आलू पोटैशियम से भरपूर होते हैं।यह शरीर से अतिरिक्त सोडियम बाहर निकालने में मदद करता है।ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखता है।

हाइपरटेंशन के मरीज भी इसे खाकर फायदा उठा सकते हैं।

खून की कमी (एनीमिया) को दूर करता हैसत्तू और हरी सब्ज़ियाँ आयरन का अच्छा स्रोत हैं।आयरन हीमोग्लोबिन को बढ़ाता है और खून की कमी दूर करता है।

खासकर महिलाओं और बच्चों के लिए यह डिश फायदेमंद है।

10. त्वचा और बालों के लिए लाभकारी

टमाटर और बैंगन में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को ग्लोइंग बनाते हैं।विटामिन C कोलेजन उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे त्वचा जवां दिखती है।प्रोटीन और आयरन बालों को मजबूत और घना बनाते हैं।

11. मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है

सत्तू और गेहूँ में मैग्नीशियम और विटामिन B कॉम्प्लेक्स होता है।यह मस्तिष्क की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाता है।तनाव और थकान कम करने में मदद करता है।

इसलिए छात्रों और कामकाजी लोगों के लिए यह डिश बेहद फायदेमंद है।

12. डिटॉक्स और प्राकृतिक क्लेंज़र

चोखे में प्रयुक्त बैंगन और टमाटर शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालते हैं।सरसों का तेल शरीर की सफाई करता है और पाचन शक्ति बढ़ाता है।

इसे प्राकृतिक डिटॉक्स फूड भी कहा जा सकता है।

13. ग्रामीण सुपरफूड

लिट्टी-चोखा को “ग्रामीण सुपरफूड” कहना गलत नहीं होगा क्योंकि—यह सस्ता है।इसमें सभी आवश्यक पोषक तत्व मौजूद हैं।लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करता है।यह पूरी तरह प्राकृतिक और ऑर्गेनिक सामग्रियों से बनता है।

लिट्टी-चोखा का पोषण चार्ट

(100 ग्राम लिट्टी और 100 ग्राम चोखा, मिलाकर)

पोषक तत्वमात्रास्वास्थ्य लाभ
कैलोरी220–250 kcal शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है
कार्बोहाइड्रेट35–40 g लंबे समय तक पेट भरे रहने में मदद करता है
प्रोटीन7–9 g मांसपेशियों को मजबूत करता है, बॉडी बिल्डिंग में सहायक
फैट5–8 g शरीर को आवश्यक ऊर्जा देता है, घी/तेल से प्राप्त
फाइबर6–8 g पाचन तंत्र को दुरुस्त रखता है, कब्ज से बचाता है
विटामिन A 120 mcg आँखों और त्वचा के लिए लाभकारी
विटामिन C 10–12 mg रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
आयरन2–3 mg हीमोग्लोबिन और खून की कमी दूर करता है
कैल्शियम35–40 mg हड्डियों और दाँतों को मजबूत करता है
पोटैशियम300–350 mg ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में मदद करता है
मैग्नीशियम25–30 mg शरीर की मांसपेशियों और नर्व सिस्टम के लिए ज़रूरी

FAQs लिट्टी चोखा के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जबाब

Q1. लिट्टी-चोखा किस राज्य की प्रसिद्ध डिश है

A लिट्टी-चोखा बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की पारंपरिक और लोकप्रिय डिश है।

Q2. लिट्टी और बाटी में क्या फर्क है

A लिट्टी के अंदर सत्तू (भुनी चना दाल का आटा) का भरावन होता है, जबकि बाटी में भरावन नहीं होता। साथ ही लिट्टी को आमतौर पर बैंगन, आलू और टमाटर के चोखे के साथ खाया जाता है।

Q3. लिट्टी-चोखा बनाने के लिए कौन सा आटा इस्तेमाल होता है

A गेहूं का आटा (Whole Wheat Flour) मुख्य रूप से इस्तेमाल होता है। कई बार स्वाद और नरमी के लिए इसमें थोड़ा सा मैदा या सूजी भी मिलाई जाती है।

Q4. क्या लिट्टी को बिना ओवन या तंदूर के घर पर बनाया जा सकता है

A हाँ, बिल्कुल।लिट्टी को तवे पर धीमी आंच पर सेंका जा सकता है।गैस पर जाली रखकर सेंका जा सकता है।एयर फ्रायर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

Q5. लिट्टी के लिए सत्तू कैसे बनाया जाता है

A सत्तू भुनी हुई चना दाल को पीसकर बनाया जाता है। इसमें नमक, नींबू का रस, हरी मिर्च, अदरक, धनिया पत्ती और सरसों का तेल डालकर भरावन तैयार किया जाता है।

Q6. लिट्टी चोखा खाने के स्वास्थ्य लाभ क्या हैं

A यह डिश पौष्टिक होती है क्योंकि इसमें फाइबर, प्रोटीन और मिनरल्स भरपूर होते हैं। सरसों का तेल और सत्तू पाचन के लिए भी फायदेमंद है।

Q7. चोखा किन-किन चीजों से बनता है

A चोखा आलू, बैंगन और टमाटर से अलग-अलग या मिक्स करके बनाया जाता है। इसमें हरी मिर्च, प्याज, धनिया और सरसों का तेल मिलाकर स्वाद बढ़ाया जाता है।

Q8. लिट्टी-चोखा खाने का असली मजा कब आता है

A जब इसे ताज़ा-ताज़ा घी में डुबोकर गरमा-गरम परोसा जाए और साथ में बैंगन-आलू-टमाटर का चोखा और हरी मिर्च हो।

Q9. क्या लिट्टी-चोखा को स्टोर किया जा सकता है

हाँ, लेकिन 6-8 घंटे तक ही ताज़ा रहता है। अगर लंबी यात्रा के लिए ले जाना हो तो लिट्टी को घी में डुबोकर पैक करना बेहतर होता है।

Q10. क्या लिट्टी-चोखा को बिजनेस के रूप में बेचना संभव है

A जी हाँ, आजकल कई जगह लिट्टी-चोखा आउटलेट्स और फूड ट्रक भी शुरू हो चुके हैं। इसकी मांग लगातार बढ़ रही है और यह बिजनेस काफी लाभकारी साबित हो सकता है।

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