स्वाद का खजाना सेहत के लिए वरदान
चना दो प्याजा इस खास विधि से बनायेगे तो खाने वाले उंगली चाटने लगे। चना प्याज सरसों तेल के साथ मिश्रित मसाले आपके व्यंजन को लाजवाब बनाने के लिए बहुत उपयोगी होगा
चना दो प्याजा– परिचय
चना दो प्याजा एक स्वादिष्ट, मसालेदार और खुशबूदार उत्तर भारतीय व्यंजन है, जिसमें काबुली चना (सफ़ेद चना) और प्याज़ का गहरा मेल होता है। “दो प्याज़ा” नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें प्याज़ की मात्रा सामान्य सब्ज़ियों की तुलना में लगभग दोगुनी डाली जाती है। प्याज़ को दो अलग-अलग तरीकों से पकाया जाता है — एक हिस्सा ग्रेवी में पकाया जाता है और दूसरा हिस्सा हल्का क्रंच बनाए रखते हुए अंत में डाला जाता है, जिससे डिश में एक साथ मुलायम और कुरकुरे प्याज़ का स्वाद मिलता है।
यह डिश खासतौर पर मुगलई और पंजाबी व्यंजनों से प्रभावित है, और इसे अक्सर रेस्टोरेंट-स्टाइल में परोसा जाता है। मसालों की रिच ग्रेवी, टमाटर की हल्की खटास, और चने की मलाईदार बनावट के साथ इसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है।
स्वास्थ्य की दृष्टि से, काबुली चना प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन B का बेहतरीन स्रोत है, जबकि प्याज़ में एंटीऑक्सीडेंट और विटामिन C भरपूर होता है। यह डिश न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि पेट भरने वाला और पोषण से भरपूर भी है।
चना दो प्याज़ा को आप तंदूरी रोटी, नान, पराठा, जीरा राइस या साधारण बासमती चावल के साथ परोस सकते हैं। इसकी खुशबू और लुक इसे किसी भी खास मौके या पार्टी के लिए परफेक्ट बनाती है।
चना दो प्याज़ा का इतिहास
चना दो प्याज़ा (Chana Do Pyaza) उत्तर भारतीय और मुग़लई व्यंजनों की देन है। “दो प्याज़ा” नामक व्यंजन मुग़लकाल से प्रसिद्ध है, और इसकी खासियत है – इसमें प्याज़ की मात्रा अधिक होती है और प्याज़ को दो अलग-अलग तरीकों से पकाया जाता है – एक बार ग्रेवी में और दूसरी बार ऊपर से डालकर।
1. मुग़लई रसोई से उत्पत्ति
“दो प्याज़ा” व्यंजन की शुरुआत मुग़ल दरबार में हुई मानी जाती है।कहा जाता है कि अकबर के समय दरबारी रसोइए मिर्ज़ा दो प्याज़ा ने यह डिश तैयार की थी, और उसी के नाम पर इसे “दो प्याज़ा” कहा गया।इस शैली में बनी सब्ज़ियों और मांसाहारी व्यंजनों में प्याज़ को मुख्य सामग्री की तरह इस्तेमाल किया जाने लगा।
2. चना का समावेश
मूल रूप से “दो प्याज़ा” डिश मांस (चिकन/मटन) में बनाई जाती थी।लेकिन समय के साथ शाकाहारी विकल्पों में भी इसे अपनाया गया।उत्तर भारत और पंजाब में काले चने (काबुली चना या काले चना) को मसालेदार ग्रेवी और प्याज़ के साथ पकाकर “चना दो प्याज़ा” बनाया जाने लगा।
3. क्षेत्रीय लोकप्रियता
पंजाब, दिल्ली और लखनऊ की रसोई में यह खासा लोकप्रिय है।धार्मिक पर्व और रोज़मर्रा के भोजन में, खासकर चावल, पूरी और रोटी के साथ इसे परोसा जाता है।शाकाहारी मुग़लई व्यंजनों में इसे विशेष स्थान मिला हुआ है।
4. परंपरा और आधुनिकता
पहले यह धीमी आंच पर तांबे के बर्तनों में पकाई जाती थी, ताकि प्याज़ और मसालों का स्वाद चनों में गहराई से उतर सके।आजकल यह रेस्टोरेंट्स में और घरों में प्रेशर कुकर या नॉन-स्टिक पैन में बनाई जाती है।
संक्षेप में, चना दो प्याज़ा मुग़लई व्यंजनों की परंपरा और भारतीय शाकाहारी रसोई का सुंदर संगम है।
Table of Contents


चना दो प्याजा
Ingredients
- 300 ग्राम काला चना
- 100 ग्राम प्याज
- 1 चम्मच गरम मसाला
- 4 pc दालचीनी
- 2 चम्मच अदरक का पेस्ट
- 2 चम्मच लहसुन का पेस्ट
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 1 चम्मच देगी मिर्च
- 1/2 चम्मच कश्मीरी मिर्च
- 1/2 चम्मच किचन किंग
- 50 ग्राम टमाटर पेउरी
- 2 चम्मच देसी घी
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 6 pc हरा मिर्च
- 4 pc तेज पत्ता
- नमक स्वाद अनुसार
Instructions
चना दो प्याजा बनाने की विधि:-
Step 1
- एक बर्तन में चना को पानी से भिगोकर 5 घंटा के लिए छोड़ दे
Step 2
- प्याज को छीलकर पानी से धोकर बाड़ीक काट ले, हरा मिर्च को बीच से चीरा लगा ले, धनिया पत्ता के जड़ को काटकर फेंक दे फिर पानी से धोकर बारीक काट ले।
Step 3
- 5 घंटा समय हो गया हो तो चना को पानी से निकाल कर साफ पानी से 2-3 पानी से फिर से धो ले,
Step 4
- अब चूल्हा जलाकर कराही को चढ़ा कर कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब, देसी घी को डालकर गर्म होने दे जब देसी घी गर्म हो जाए तब चना को डालकर चम्मच से भूने,2 से 3 मिनट बाद चना को निकाल कर अलग बर्तन में रख ले।
Step 5
- अब कराही में सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे,जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब तेज पत्ता डालें तेज पत्ता को चटकने दे जब तेज पत्ता चटक जाए तब बारीक कटे प्याज को डालकर सुनहरा रंग होने तक भूने।
Step 6
- जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब अदरक के पेस्ट,लहसुन के पेस्ट,लाल मिर्च पाउडर,देगी मिर्च पाउडर,किचन किंग पाउडर,टमाटर पेउरी और स्वाद अनुसार नमक डालकर भूने तब तक भूने जब तक मसाला का रंग सुनहरा ना हो जाए।
Step 7
- जब मसाला का रंग सुनहरा हो जाए तब इसमें चना और 3 कप गर्म पानी डालकर चम्मच से चलाएं फिर इसमें उबाल आने दे जब उबाल आ जाए तब इसमें किचन किंग डालकर ढक्कन से ढककर 15 से 17 मिनट तक पकने दें।
Step 8
- 15 से 17 मिनट बाद ढक्कन हटाकर फिर चलाएं फिर इसमें गरम मसाला डालकर ढक्कन से ढक कर 2 से 3 मिनट तक पकने दे, 2 से 3 मिनट बाद चूल्हा बंद कर दे,कराही को उतार कर ढक्कन हटाकर बाड़ीक कटे धनिया पत्ता से गार्निश करके चना दो प्याजा सर्व करें।

INGREDIENTS
- 300 ग्राम काला चना
- 100 ग्राम प्याज
- 1 चम्मच गरम मसाला
- 4pc दालचीनी
- 2 चम्मच अदरक का पेस्ट
- 2 चम्मच लहसुन का पेस्ट
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 1 चम्मच देगी मिर्च
- 1/2 चम्मच कश्मीरी मिर्च
- 1/2 चम्मच किचन किंग
- 50 ग्राम टमाटर पेउरी
- 2 चम्मच देसी घी
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 6pc हरा मिर्च
- 4pc तेज पत्ता
- नमक स्वाद अनुसार
चना दो प्याजा बनाने की विधि:-
Step 1
एक बर्तन में चना को पानी से भिगोकर 5 घंटा के लिए छोड़ दे
Step 2
प्याज को छीलकर पानी से धोकर बाड़ीक काट ले, हरा मिर्च को बीच से चीरा लगा ले, धनिया पत्ता के जड़ को काटकर फेंक दे फिर पानी से धोकर बारीक काट ले।
Step 3
5 घंटा समय हो गया हो तो चना को पानी से निकाल कर साफ पानी से 2-3 पानी से फिर से धो ले,
Step 4
अब चूल्हा जलाकर कराही को चढ़ा कर कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब, देसी घी को डालकर गर्म होने दे जब देसी घी गर्म हो जाए तब चना को डालकर चम्मच से भूने,2 से 3 मिनट बाद चना को निकाल कर अलग बर्तन में रख ले।
Step 5
अब कराही में सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे,जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब तेज पत्ता डालें तेज पत्ता को चटकने दे जब तेज पत्ता चटक जाए तब बारीक कटे प्याज को डालकर सुनहरा रंग होने तक भूने।
Step 6
जब प्याज का रंग सुनहरा हो जाए तब अदरक के पेस्ट,लहसुन के पेस्ट,लाल मिर्च पाउडर,देगी मिर्च पाउडर,किचन किंग पाउडर,टमाटर पेउरी और स्वाद अनुसार नमक डालकर भूने तब तक भूने जब तक मसाला का रंग सुनहरा ना हो जाए।
Step 7
जब मसाला का रंग सुनहरा हो जाए तब इसमें चना और 3 कप गर्म पानी डालकर चम्मच से चलाएं फिर इसमें उबाल आने दे जब उबाल आ जाए तब इसमें किचन किंग डालकर ढक्कन से ढककर 15 से 17 मिनट तक पकने दें।
Step 8
15 से 17 मिनट बाद ढक्कन हटाकर फिर चलाएं फिर इसमें गरम मसाला डालकर ढक्कन से ढक कर 2 से 3 मिनट तक पकने दे, 2 से 3 मिनट बाद चूल्हा बंद कर दे,कराही को उतार कर ढक्कन हटाकर बाड़ीक कटे धनिया पत्ता से गार्निश करके चना दो प्याजा सर्व करें।
चना दो प्याज़ा के प्रकार
चना दो प्याज़ा एक पारंपरिक व्यंजन है, लेकिन अलग-अलग क्षेत्रों और स्वाद की पसंद के अनुसार इसके कई प्रकार बनाए जाते हैं।
| प्रकार | विशेषता |
| काला चना दो प्याज़ा | इसमें काले चने का उपयोग होता है। यह ज्यादा पौष्टिक और प्रोटीन से भरपूर होता है। |
| काबुली चना दो प्याज़ा | इसमें बड़े सफेद चने (काबुली चना ) का इस्तेमाल होता है। इसका स्वाद हल्का और मलाईदार होता है। |
| सूखा चना दो प्याज़ा | इसमें ज्यादा ग्रेवी नहीं होती, प्याज़ और मसाले के साथ सूखा ही परोसा जाता है। यह पूड़ी या पराठे के साथ लोकप्रिय है। |
| ग्रेवी वाला चना दो प्याज़ा | इसमें टमाटर और प्याज़ की ग्रेवी बनाई जाती है, जिसे चावल या नान के साथ खाया जाता है। |
| मसालेदार चना दो प्याज़ा | इसमें लाल मिर्च और गरम मसाला अधिक डाला जाता है, जिससे यह तीखा और चटपटा बनता है। |
| माइल्ड चना दो प्याज़ा | इसमें मसाले कम डाले जाते हैं और दही/क्रीम का प्रयोग कर स्वाद को हल्का बनाया जाता है। |
| फ्यूजन स्टाइल चना दो प्याज़ा | इसमें इंडो-चाइनीज़ या दक्षिण भारतीय स्वाद जोड़कर नया प्रयोग किया जाता है। जैसे—चना दो प्याज़ा विद कोकोनट ग्रेवी। |
इस तरह “चना दो प्याज़ा” का स्वाद हर घर और हर क्षेत्र में बदल जाता है।
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चना दो प्याजा के स्वास्थ्य संबंधी लाभ
- शरीर में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में चना का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है चना शरीर में अतिरिक्त ब्लड शुगर को दबाने का काम कर सकता है मधुमेह का एक कारण अधिक भूख लगना भी है चना भूख को कम करने का काम कर सकता है चना में फाइबर प्रोटीन जैसे तत्व भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो मधुमेह को नियंत्रित करने में सहायता कर सकता है।
- पाचन स्वास्थ्य के लिए चना का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है चना में फाइबर की मात्रा अधिक होता है इसलिए चना पेट संबंधी समस्या जैसे गैस की परेशानी कब्ज की शिकायत डायरिया की समस्या एवं सख्त मल को ठीक कर स्वस्थ पाचन को बढ़ावा दे सकता है।
- मोटापे की समस्या से जूझ रहे लोग को चना का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है क्योंकि चना में ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है जो अत्यधिक भूख को नियंत्रित कर वजन घटाने में सहायक हो सकता है,चना फाइबर और प्रोटीन से समृद्ध होता है जो वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
- आंखों के लिए भी चना का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है चना में विटामिन c और बिटा- कैरोटीन नामक तत्व पाया जाता है जो बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कम होने के जोखिम को कम कर सकता है, इसके साथ ही विटामिन सी को भी आंखों के स्वास्थ्य के लिए जरूरी माना जाता है।
- चना के औषधीय गुण एनीमिया जैसी घातक बीमारी से भी बचा सकता है क्योंकि एनीमिया का सबसे मुख्य कारण शरीर में आयरन की कमी को माना जाता है जबकि चना आयरन से संबृद्ध होता है, ऐसे में चना का सेवन शरीर में आयरन की कमी को पूरा कर एनीमिया के समस्या से निजात दिला सकता है।
- चना प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है प्रोटीन हमारे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व है यह हड्डी मांसपेशियों और त्वचा को बनाने में महत्वपूर्ण हो सकता है प्रोटीन के कमी को दूर करने के लिए चना का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है।
पोषण मूल्य
(प्रति 1 कप पका हुआ चना दो प्याज़ा – अनुमानित)
| पोषक तत्व | मात्रा | स्वास्थ्य लाभ |
| कैलोरी | 180–200 kcal | शरीर को तुरंत ऊर्जा देता है और पेट भरने का एहसास कराता है। |
| प्रोटीन | 8–10 ग्राम | मांसपेशियों की मजबूती और विकास में सहायक। |
| कार्बोहाइड्रेट | 25–28 ग्राम | लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करता है। |
| वसा | 5–7 ग्राम | हेल्दी वसा प्रदान करता है, ऊर्जा भंडार बढ़ाता है। |
| फाइबर | 7–8 ग्राम | पाचन सुधारता है और वजन नियंत्रण में मदद करता है। |
| कैल्शियम | 40–50 मि.ग्रा. | हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है। |
| मैग्नीशियम | 40–50 mg | हृदय और मांसपेशियों के लिए फायदेमंद। |
| आयरन | 2–3 मि.ग्रा. | खून की कमी (एनीमिया) से बचाता है। |
| विटामिन C | 8–10 मि.ग्रा. | इम्यूनिटी मजबूत करता है और त्वचा के लिए अच्छा है। |
| विटामिन B6 | 0.3 mg | मेटाबॉलिज्म और मस्तिष्क स्वास्थ्य में सहायक। |
| फोलेट (B9) | 150–180 mcg | खून बनाने में सहायक और गर्भवती महिलाओं के लिए लाभकारी। |
| पोटैशियम | 300–350 मि.ग्रा. | रक्तचाप नियंत्रित करता है और हृदय को स्वस्थ रखता है। |
FAQs चना दो प्याजा के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जबाब
Q1. चना दो प्याज़ा किस प्रकार की डिश है
A यह एक उत्तर भारतीय शाकाहारी करी है जिसमें काले/काबुली चने और प्याज़ की भरपूर मात्रा का उपयोग किया जाता है।
Q2. इसका नाम “दो प्याज़ा” क्यों पड़ा
A”दो प्याज़ा” का मतलब है – इसमें प्याज़ सामान्य से दोगुनी मात्रा में डाला जाता है, जिससे इसका स्वाद मीठा, गाढ़ा और मसालेदार बनता है।
Q3. क्या चना दो प्याज़ा सेहतमंद है
A हाँ, इसमें प्रोटीन, फाइबर, आयरन और विटामिन भरपूर मात्रा में होते हैं। यह पाचन शक्ति, हड्डियों और खून की सेहत के लिए लाभकारी है।
Q4. चना दो प्याज़ा बनाने के लिए कौन-सा चना सबसे अच्छा है
A आमतौर पर काले चने (काला चना) और काबुली चने (सफेद चना) दोनों का प्रयोग किया जा सकता है। स्वाद और बनावट के हिसाब से घरों में काला चना ज़्यादा पसंद किया जाता है।
Q5. क्या इसे रोज़ाना खाया जा सकता है
A हाँ, लेकिन सीमित मात्रा में। चना फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होता है, इसलिए ज़्यादा खाने पर गैस या अपच हो सकता है।
Q6. चना दो प्याज़ा के साथ क्या खाया जाता है
A इसे रोटी, पराठा, नान, पूरी या जीरा राइस के साथ परोसा जाता है।
Q7. क्या व्रत (उपवास) में चना दो प्याज़ा खा सकते हैं
A सामान्य व्रत में यह नहीं खाया जाता क्योंकि इसमें प्याज़ और मसाले होते हैं, लेकिन बिना प्याज़ और हल्के मसालों के इसे उपवास शैली में भी बनाया जा सकता है।
Q8. क्या चना दो प्याज़ा बच्चों के लिए सही है
A हाँ, यह बच्चों के लिए पौष्टिक है, लेकिन मसाले हल्के रखने चाहिए ताकि आसानी से पच सके।
Q 5. क्या चना दो प्याज़ा को व्रत में खा सकते हैं
निष्कर्ष
दो प्याज़ा भारतीय खानपान की एक ऐसी पारंपरिक डिश है जिसमें स्वाद, पोषण और परंपरा तीनों का बेहतरीन संगम है। इसका इतिहास मुगलई दौर से जुड़ा हुआ है, जहाँ “दो प्याज़ा” शैली की शुरुआत हुई और बाद में इसे चने के साथ अपनाया गया।
इसमें प्याज़ की अधिक मात्रा स्वाद को मीठा और मसालेदार संतुलन देती है।
चना उच्च प्रोटीन, फाइबर और आयरन से भरपूर होता है, जो इसे ऊर्जा देने वाला और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजन बनाता है।
शाकाहारी परिवारों के लिए यह एक बेहतरीन विकल्प है, क्योंकि यह न सिर्फ स्वादिष्ट बल्कि पोषण की दृष्टि से भी पूर्ण है।
चना दो प्याज़ा रोज़मर्रा के भोजन से लेकर त्योहारों और दावतों तक हर अवसर पर खास स्वाद प्रदान करता है।
अतः, चना दो प्याज़ा एक ऐसा व्यंजन है जो भारतीय परंपरा और आधुनिक सेहत दोनों को साथ लेकर चलता है। यह डिश घर की थाली से लेकर रेस्टोरेंट के मेन्यू तक हर जगह लोकप्रिय है।