परिचय: स्वाद, परंपरा और स्वास्थ्य का संगम साबूदाना की खीर रेसिपी
साबूदाना क्या है?
साबूदाना, जिसे अंग्रेज़ी में Tapioca Pearls कहा जाता है, कसावा (Cassava) नामक जड़ से निकाला गया स्टार्च होता है। इसे छोटे सफेद मोती जैसे दानों में बदला जाता है। यह भारत में विशेष रूप से व्रत-उपवास के दौरान उपयोग किया जाता है।
साबूदाना:
- ग्लूटन-फ्री होता है
- उच्च स्टार्च युक्त होता है
- ऊर्जा से भरपूर होता हैआसानी से पच जाता है
क्यों खास है साबूदाना की खीर रेसिपी?
जब भी उपवास होता है – चाहे वह सावन सोमवार, श्रावण पूर्णिमा, हरियाली तीज, या नाग पंचमी – लोग फलाहारी भोजन का सेवन करते हैं। ऐसे में मिठाई के रूप में साबूदाना की खीर रेसिपी एक आदर्श विकल्प होती
- उपवास योग्य (फलाहारी)
- दूध और ड्रायफ्रूट्स से भरपूर
- स्वाद में लाजवाब
- जल्दी बनने वाली मिठाई
- व्रत के नियमों के अनुसार अनाज रहित
सावन में साबूदाना की खीर रेसिपी का धार्मिक महत्व
सावन महीना भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दौरान शिवभक्त व्रत रखते हैं, सोमवार को विशेष पूजा करते हैं और सात्विक भोजन करते हैं। इस पावन महीने में मीठे पकवान भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं – और साबूदाना खीर उनमें प्रमुख है।
पारंपरिक मान्यता:
दूध और शुद्ध घी से बनी साबूदाना की खीर भोलेनाथ को अत्यंत प्रिय मानी जाती है। इसे शिवभोग या फलाहारी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।
आयुर्वेदिक दृष्टि से:
सावन में पाचन अग्नि धीमी होती है। साबूदाना जैसे हल्के, पौष्टिक और ऊर्जा देने वाले पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य के लिए उत्तम माना गया है।
साबूदाना की खीर रेसिपी – क्यों चुनें इस सावन?
कारण विवरण
स्वाद मलाईदार, हल्की मिठास और मोती जैसे साबूदाने का टेक्सचर
पौष्टिकता दूध, ड्रायफ्रूट्स, और स्टार्च – एनर्जी से भरपूर
व्रत अनुकूल. अनाज रहित, फलाहारी सामग्री
सरलता. कम सामग्री, कम समय में तैयार
विविधता. केसर, नारियल, खजूर आदि से फ्लेवर वैरिएशन संभव
सामग्री, तैयारी का समय, और आवश्यक बर्तन
आवश्यक सामग्री (4 लोगों के लिए)
सामग्री मात्रा विवरण
सामग्रीमात्राविवरण
साबूदाना. ½ कप (100 ग्राम). मध्यम आकार के मोती, साफ धोए हुए
फुल क्रीम दूध. 1 लीटर. उबालकर ठंडा किया गया
शक्कर. ½ कप (या स्वाद अनुसार)सफेद या ब्राउन शुगर भी चल सकती है
काजू. 8-10 नगटुकड़ों में कटे हुए
बादाम. 8-10 नगपतले स्लाइस
किशमिश. 1 टेबलस्पून
गरम पानी में 10 मिनट भिगोकर
देशी घी. 1 टेबलस्पून ड्रायफ्रूट्स भूनने हेतु
इलायची पाउडर ½ टीस्पून खुशबू और स्वाद के लिए
केसर (वैकल्पिक) 7-8 रेशे गर्म दूध में भिगोए हुए
गुलाब जल (वैकल्पिक)2-3 बूँदखीर में सुगंध के लिए
नारियल का बुरादा (वैकल्पिक) 1 टेबलस्पून स्वाद और टेक्सचर के लिए
तैयारी का समय
चरण. समय
साबूदाना. भिगोना4-5 घंटे (या रातभर)
तैयारी (कटाई, भूनना) 10-15 मिनट
पकाने का समय 30-40 मिनट
कुल समयलगभग 1 घंटा (साबूदाना पहले से भिगोया हो तो)

आवश्यक बर्तन और उपकरण
बर्तन उपयोग
भारी तले वाला पतीला या भगौना दूध उबालने और खीर पकाने के लिए
कड़छी / चम्मच लगातार चलाने के लिए
छोटी कढ़ाई ड्रायफ्रूट्स भूनने के लिए
छलनी साबूदाना धोने और छानने के लिए
ढक्कन दूध ढककर पकाने हेतु
स्टील की प्लेट ड्रायफ्रूट्स ठंडा करने के लिए
कटोरी / सर्विंग बाउलपरोसने के लिए
टिप्स: सामग्री चयन करते समय ध्यान देने योग्य बातें
- साबूदाना: मध्यम साइज का चुनें, ज्यादा महीन ना हो। भिगोने पर नरम और पारदर्शी हो जाता है – यह पर्फेक्ट है।
- दूध: फुल क्रीम दूध से खीर ज्यादा मलाईदार बनती है। टोंड दूध से हल्की खीर बनेगी।
- शक्कर: डायबिटिक या स्वास्थ्य के प्रति सजग लोग गुड़ या शहद का विकल्प चुन सकते हैं (पर शहद गर्म नहीं करें)।
- ड्रायफ्रूट्स: इन्हें घी में हल्का भूनने से स्वाद बढ़ता है।
- इलायची व केसर: खीर की सुगंध को प्राकृतिक तरीके से बढ़ाते हैं।
स्टेप-बाय-स्टेप बनाने की विधि:-
चरण 1: साबूदाना को भिगोना
समय: 4–5 घंटे या रातभर
विधि:
- ½ कप साबूदाना को एक बाउल में लें।
- साफ पानी से 2-3 बार धो लें जब तक कि पानी साफ न हो जाए।
- 1 कप पानी डालकर ढक दें और 4-5 घंटे के लिए छोड़ दें।
- (रातभर भिगोना सबसे अच्छा होता है)
सावधानी: पानी बहुत ज्यादा न हो, नहीं तो साबूदाना चिपचिपा हो जाएगा।
चरण 2: दूध उबालना
विधि:
- एक भारी तले वाले भगौने में 1 लीटर दूध डालें।
- मध्यम आँच पर उबालें और लगातार चलाते रहें ताकि तला न जले।
- जब दूध में एक उबाल आ जाए, आँच धीमी करें और 10-15 मिनट तक पकाएँ, ताकि दूध थोड़ा गाढ़ा हो जाए।
टिप: साइड्स से मलाई को स्क्रैप कर दूध में मिलाते रहें।
चरण 3: साबूदाना पकाना
विधि:
- भीगे हुए साबूदाना को दूध में डालें।
- लगातार चलाते हुए धीमी आँच पर पकाएँ।
- 10–12 मिनट में साबूदाना पारदर्शी और नरम हो जाएगा। (यह पकने की पहचान है)
सावधानी: लगातार चलाते रहें नहीं तो दूध नीचे लग सकता है।
चरण 4: ड्रायफ्रूट्स तैयार करना
विधि:
- एक छोटी कढ़ाई में 1 टेबलस्पून घी गर्म करें।
- पहले काजू और बादाम डालें, हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
- फिर किशमिश डालें, यह फूलेगी तो निकाल लें।अब यह भुने।
वैकल्पिक: ऊपर से थोड़ा नारियल का बुरादा भी डाल सकते हैं।
चरण 5: स्वाद और मिठास मिलाना
- अब दूध में ½ कप या स्वादानुसार चीनी डालें।
- इलायची पाउडर मिलाएँ।
- (वैकल्पिक) केसर वाला दूध मिलाएँ – 10 मिनट पहले से गर्म दूध में 7–8 केसर रेशे भिगोकर।
अगर गुलाब जल का प्रयोग कर रहे हैं तो गैस बंद करने के बाद डालें (2-3 बूँदें)।
चरण 6: खीर को गाढ़ा और परफेक्ट बनाना
- धीमी आँच पर और 8-10 मिनट तक पकाएँ।
- खीर में लगातार चलाते रहें जब तक सही कंसिस्टेंसी न आ जाए।
- खीर को गाढ़ा करना है तो 1 टेबलस्पून दूध में 1 टीस्पून कॉर्नफ्लोर घोलकर मिलाया जा सकता है (वैकल्पिक)।
चरण 7: परोसने की तैयारी
- गरम या ठंडी – दोनों तरीकों से परोसी जा सकती है।
- ऊपर से थोड़ा ड्रायफ्रूट्स और केसर डालें।
- व्रत में खाने के लिए उत्तम, साथ में फल भी खाए जा सकते हैं।
विशेष टिप्स
- साबूदाना एकदम नरम और पारदर्शी हो, तभी समझें सही पक गया।
- दूध को जलने से बचाने के लिए भगौना मोटे तले का लें।
- यदि खीर बहुत गाढ़ी हो जाए तो उबला दूध थोड़ा और मिला सकते हैं।
- अधिक मलाईदार स्वाद के लिए 2 टेबलस्पून कंडेन्स्ड मिल्क मिला सकते हैं।
रेसिपी के वैरिएशन – हर स्वाद और आहार के अनुसार
साबूदाना खीर को आप अपनी ज़रूरत और स्वादानुसार कई तरीकों से बना सकते हैं। यह भाग बताएगा 5 सबसे लोकप्रिय और उपयोगी वैरिएशन:
1. नारियल दूध वाली साबूदाना खीर
सामग्री:
- साबूदाना – ½ कप
- नारियल दूध – 2 कप (घर का बना या डिब्बाबंद)
- शक्कर या नारियल शुगर – 3 टेबलस्पून
- काजू, किशमिश – 1-1 टेबलस्पून
- इलायची पाउडर – ¼ टीस्पून
- नारियल का बुरादा – 1 टेबलस्पून
विधि:
- साबूदाना को पहले की तरह भिगो लें और उबालें (पानी में)।
- जब यह नरम हो जाए, तब गैस बंद कर दें और ठंडा करें।
- अब नारियल दूध डालें और धीमी आँच पर 5 मिनट गर्म करें।
- शक्कर व इलायची डालें।
- ऊपर से बुरादा और भुने काजू डालें।
व्रत व वेगन दोनों के लिए उत्तम, डायजेशन में हल्की, गर्मियों में बढ़िया विकल्प
2. गुड़ वाली साबूदाना खीर
सामग्री:
- साबूदाना – ½ कप
- दूध – 1 लीटर
- गुड़ (कद्दूकस किया हुआ) – ½ कप
- ड्रायफ्रूट्स – 2 टेबलस्पून
- इलायची पाउडर – ¼ टीस्पून
विधि:
- साबूदाना और दूध की प्रक्रिया पहले जैसी ही रखें।
- जब खीर पूरी तरह पक जाए, गैस बंद करें और थोड़ा ठंडा होने दें।
- अब गुड़ डालें और मिलाएँ (गर्म दूध में गुड़ डालने से दूध फट सकता है)।
- भुने ड्रायफ्रूट्स और इलायची मिलाकर सर्व करें।
डायबिटिक लोगों के लिए बेहतर विकल्प (थोड़ी मात्रा में), स्वाद में देसी मिठास
3. कंडेन्स्ड मिल्क वाली मलाईदार खीर
सामग्री:
- दूध – 750मल
- कंडेन्स्ड मिल्क – ¼ कप
- साबूदाना – ½ कप
- शक्कर – 2 टेबलस्पून (स्वाद अनुसार)
- ड्रायफ्रूट्स, केसर, इलायची
विधि:
- दूध को गरम करें, फिर उसमें साबूदाना डालें।
- जब खीर थोड़ी गाढ़ी हो जाए, तब कंडेन्स्ड मिल्क डालें।
- शक्कर कम डालें क्योंकि कंडेन्स्ड मिल्क में पहले से मिठास होती है।
- बाकी स्वादानुसार सामग्री मिलाएँ और सर्व करें।
बच्चों के लिए पसंदीदा व मलाईदार विकल्प, तैयारी में जल्दी, स्वाद में रिच
4. ठंडी खीर
- खीर को पकाकर पूरी तरह ठंडा करें।
- इसे 2–3 घंटे फ्रिज में रखें।
- परोसते समय ऊपर से कटा हुआ फल या गुलाब की पंखुड़ियाँ डालें।
गर्मी में उपवास के लिए ठंडी मिठास, पार्टी डेज़र्ट के रूप में भी परोसी जा सकती है
5. बच्चों के लिए साबूदाना खीर
- साबूदाना को थोड़ा मैश करें ताकि छोटे बच्चे निगल सकें।
- शक्कर की जगह खजूर का गूदा या शहद (ठंडा होने के बाद) मिलाएँ।
- ऊपर से पिसे हुए मेवे डालें – चोकिंग का रिस्क न हो।
एनर्जी युक्त और सुपाच्य फूड, 6 महीने से ऊपर के बच्चों को दें (पानी या दूध पतला करें)
नोट:
यदि आप व्रत में कोई विशेष नियम का पालन करते हैं (जैसे चीनी वर्जित हो या दूध न लें), तो इन वैरिएशन को उसी अनुसार अनुकूल करें।
स्वास्थ्य लाभ और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
साबूदाना की खीर रेसिपी न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी कई प्रकार से लाभकारी है। खासकर जब यह दूध, घी और मेवों के साथ पकाई जाती है, तब इसके पोषक गुण और भी बढ़ जाते हैं।
1. तेज़ ऊर्जा का स्रोत
साबूदाना मुख्य रूप से कार्बोहाइड्रेट से भरपूर होता है, जिससे शरीर को व्रत के दौरान तुरंत ऊर्जा मिलती है। सावन में व्रत करने वालों के लिए यह आदर्श भोजन है।
2. पाचन में आसान
साबूदाना अत्यंत हल्का, ग्लूटन-फ्री और पचने में आसान होता है। बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोग भी इसे आराम से खा सकते हैं।
3. गर्भवती महिलाओं के लिए लाभदायक
साबूदाना की खीर रेसिपी आयरन और कैल्शियम से भरपूर होती है, जो गर्भवती महिलाओं की हड्डियों और हीमोग्लोबिन के लिए उपयोगी है।
4. हड्डियों के लिए अच्छा
दूध और ड्रायफ्रूट्स से बनी यह खीर कैल्शियम, प्रोटीन और फॉस्फोरस से भरपूर होती है – जो हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए लाभदायक है।
5. ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखने में सहायक साबूदाना की खीर रेसिपी
यदि साबूदाना की खीर रेसिपी में सेंधा नमक या थोड़ा नारियल का पानी मिलाया जाए तो यह रक्तचाप को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
6. हाइड्रेशन और संतुलन बनाए रखने में सहायक
सावन में मौसम आर्द्र होता है, जिससे शरीर में पानी की कमी और थकावट महसूस होती है। खीर जैसे तरल खाद्य पदार्थ शरीर को संतुलन देते हैं।
7. डायबिटीज के लिए संतुलित विकल्प (सावधानी के साथ)
यदि आप गुड़ या खजूर का उपयोग करते हैं और सीमित मात्रा में सेवन करते हैं तो यह डायबिटिक लोगों के लिए भी विकल्प बन सकता है। मात्रा, सामग्री और परामर्श के अनुसार ही खाएं।
8. नवजात व बच्चों के लिए लाभकारी (6+ महीने)
यदि बिना चीनी और पतला दूध डालकर खीर तैयार की जाए तो यह 6 महीने से ऊपर के बच्चों के लिए सेफ व सुपाच्य आहार बनता है।
9. व्रत के दौरान थकान और कमजोरी को दूर करता है
उपवास के समय शरीर में ग्लूकोज की कमी हो जाती है। साबूदाना खीर यह कमी तुरन्त पूरी कर सकती है।

साबूदाना की खीर रेसिपी – सावन स्पेशल फलाहारी मिठास
Equipment
- साबूदाना की खीर रेसिपी – सावन स्पेशल फलाहारी मिठास
Ingredients
सामग्रीमात्राविवरण
- साबूदाना. ½ कप 100 ग्राम. मध्यम आकार के मोती, साफ धोए हुए
- फुल क्रीम दूध. 1 लीटर. उबालकर ठंडा किया गया
- शक्कर. ½ कप या स्वाद अनुसारसफेद या ब्राउन शुगर भी चल सकती है
- काजू. 8-10 नगटुकड़ों में कटे हुए
- बादाम. 8-10 नगपतले स्लाइस
- किशमिश. 1 टेबलस्पून
- गरम पानी में 10 मिनट भिगोकर
- देशी घी. 1 टेबलस्पून ड्रायफ्रूट्स भूनने हेतु
- इलायची पाउडर ½ टीस्पून खुशबू और स्वाद के लिए
- केसर वैकल्पिक 7-8 रेशे गर्म दूध में भिगोए हुए
- गुलाब जल वैकल्पिक2-3 बूँदखीर में सुगंध के लिए
- नारियल का बुरादा वैकल्पिक 1 टेबलस्पून स्वाद और टेक्सचर के लिए
Instructions
चरण 1: साबूदाना को भिगोना
- समय: 4–5 घंटे या रातभर
विधि:
- ½ कप साबूदाना को एक बाउल में लें।
- साफ पानी से 2-3 बार धो लें जब तक कि पानी साफ न हो जाए।
- 1 कप पानी डालकर ढक दें और 4-5 घंटे के लिए छोड़ दें।
- (रातभर भिगोना सबसे अच्छा होता है)
- सावधानी: पानी बहुत ज्यादा न हो, नहीं तो साबूदाना चिपचिपा हो जाएगा।
चरण 2: दूध उबालना
- विधि:
- एक भारी तले वाले भगौने में 1 लीटर दूध डालें।
- मध्यम आँच पर उबालें और लगातार चलाते रहें ताकि तला न जले।
- जब दूध में एक उबाल आ जाए, आँच धीमी करें और 10-15 मिनट तक पकाएँ, ताकि दूध थोड़ा गाढ़ा हो जाए।
- टिप: साइड्स से मलाई को स्क्रैप कर दूध में मिलाते रहें।
चरण 3: साबूदाना पकाना
विधि:
- भीगे हुए साबूदाना को दूध में डालें।
- लगातार चलाते हुए धीमी आँच पर पकाएँ।
- 10–12 मिनट में साबूदाना पारदर्शी और नरम हो जाएगा। (यह पकने की पहचान है)
- सावधानी: लगातार चलाते रहें नहीं तो दूध नीचे लग सकता है।
चरण 4: ड्रायफ्रूट्स तैयार करना
- विधि:
- एक छोटी कढ़ाई में 1 टेबलस्पून घी गर्म करें।
- पहले काजू और बादाम डालें, हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
- फिर किशमिश डालें, यह फूलेगी तो निकाल लें।अब यह भुने।
- वैकल्पिक: ऊपर से थोड़ा नारियल का बुरादा भी डाल सकते हैं।
चरण 5: स्वाद और मिठास मिलाना
- अब दूध में ½ कप या स्वादानुसार चीनी डालें।
- इलायची पाउडर मिलाएँ।
- (वैकल्पिक) केसर वाला दूध मिलाएँ – 10 मिनट पहले से गर्म दूध में 7–8 केसर रेशे भिगोकर।
- अगर गुलाब जल का प्रयोग कर रहे हैं तो गैस बंद करने के बाद डालें (2-3 बूँदें)।
चरण 6: खीर को गाढ़ा और परफेक्ट बनाना
- धीमी आँच पर और 8-10 मिनट तक पकाएँ।
- खीर में लगातार चलाते रहें जब तक सही कंसिस्टेंसी न आ जाए।
- खीर को गाढ़ा करना है तो 1 टेबलस्पून दूध में 1 टीस्पून कॉर्नफ्लोर घोलकर मिलाया जा सकता है (वैकल्पिक)।
चरण 7: परोसने की तैयारी
- गरम या ठंडी – दोनों तरीकों से परोसी जा सकती है।
- ऊपर से थोड़ा ड्रायफ्रूट्स और केसर डालें।
- व्रत में खाने के लिए उत्तम, साथ में फल भी खाए जा सकते हैं।
विशेष टिप्स
- साबूदाना एकदम नरम और पारदर्शी हो, तभी समझें सही पक गया।
- दूध को जलने से बचाने के लिए भगौना मोटे तले का लें।
- यदि खीर बहुत गाढ़ी हो जाए तो उबला दूध थोड़ा और मिला सकते हैं।
- अधिक मलाईदार स्वाद के लिए 2 टेबलस्पून कंडेन्स्ड मिल्क मिला सकते हैं।
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साबूदाना की खीर रेसिपी FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. साबूदाना खीर क्या है?
उत्तर: साबूदाना खीर एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है जो साबूदाना (टैपियाका पर्ल्स), दूध, चीनी और ड्राई फ्रूट्स से बनाई जाती है। यह उपवास (व्रत) के दौरान विशेष रूप से खाई जाती है।
2. साबूदाना खीर उपवास (व्रत) में खाई जा सकती है क्या?
उत्तर: हाँ, साबूदाना खीर व्रत/उपवास में खाई जा सकती है क्योंकि इसमें अनाज नहीं होता और यह पेट को ठंडक देती है।
3. साबूदाना खीर बनाने में कितना समय लगता है?
उत्तर: लगभग 30 से 40 मिनट का समय लगता है, जिसमें 15-20 मिनट साबूदाना को भिगोने के बाद पकाने का समय होता है।
4. साबूदाना को भिगोने का सही तरीका क्या है?
उत्तर: साबूदाना को साफ़ पानी में 3 से 4 घंटे या रात भर के लिए भिगो दें। पानी इतना हो कि बस साबूदाना डूब जाए। इससे खीर में साबूदाना चिपकता नहीं।
5. साबूदाना खीर में कौन-कौन से ड्राई फ्रूट्स डाले जा सकते हैं?
उत्तर: इसमें आप काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता और इलायची पाउडर डाल सकते हैं। चाहें तो केसर भी डाल सकते हैं स्वाद बढ़ाने के लिए।
6. खीर गाढ़ी कैसे करें?
उत्तर: अधिक देर तक दूध को धीमी आंच पर पकाएं और उबालें। साथ ही कुछ साबूदाना खुद ही खीर को गाढ़ा कर देते हैं।
7. अगर साबूदाना खीर में साबूदाना कच्चा रह जाए तो क्या करें?
उत्तर: इसका मतलब है कि वो ठीक से भीगा नहीं था या पकने का समय कम था। आप थोड़ा पानी/दूध और डालकर 5–10 मिनट और पकाएं।
8. क्या साबूदाना खीर को फ्रिज में स्टोर किया जा सकता है?
उत्तर: हाँ, साबूदाना खीर को फ्रिज में 1 से 2 दिन तक स्टोर किया जा सकता है। पर ठंडी खीर थोड़ी गाढ़ी हो जाती है, इसलिए खाने से पहले हल्का गर्म करना अच्छा रहेगा।
9. साबूदाना खीर में चीनी की जगह क्या इस्तेमाल किया जा सकता है?
उत्तर: आप गुड़, नारियल चीनी, शहद (व्रत में नहीं) या शुगर-फ्री विकल्प भी उपयोग कर सकते हैं।
10. क्या साबूदाना खीर बच्चों को दी जा सकती है?
उत्तर: हाँ, यह बच्चों के लिए हल्की और सुपाच्य होती है। लेकिन छोटे बच्चों को देने से पहले पकी हुई खीर को थोड़ा मैश करके दें।
11. क्या डायबिटिक रोगी साबूदाना खीर खा सकते हैं?
उत्तर: अगर चीनी की जगह शुगर-फ्री विकल्प इस्तेमाल करें और सीमित मात्रा में खाएं तो कुछ हद तक खा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह ज़रूरी है।
12. क्या साबूदाना खीर वजन बढ़ाती है?
उत्तर: हाँ, अगर अधिक मात्रा में खाई जाए तो वजन बढ़ा सकती है क्योंकि इसमें कार्बोहाइड्रेट और फैट ज्यादा होता
निष्कर्ष:
साबूदाना की खीर रेसिपी न केवल स्वाद में उत्तम है, बल्कि परंपरा, श्रद्धा और स्वास्थ्य से जुड़ी मिठास भी है। सावन जैसे पावन महीने में यह एक ऐसा व्यंजन है जो हर आयु वर्ग को प्रिय होता है।
आप चाहे इसे भोग में चढ़ाएँ, व्रत में खाएँ, बच्चों को खिलाएँ या बेचकर कमाई करें – यह हर दृष्टिकोण से एक संपूर्ण विकल्प है।