सावन व्रत के लिए स्वादिष्ट और सेहतमंद मखाने की खीर रेसिपी, जिसे दूध, मखाना, मेवे और गुड़ से बनाया जाता है – पढ़ें स्टेप-बाय-स्टेप विधि।
परिचय – मखाने की खीर रेसिपी का सांस्कृतिक और पोषणात्मक महत्व:-
भारतीय रसोई की परंपरा में खीर का स्थान
भारतवर्ष में खीर को सिर्फ एक मिठाई नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक माना जाता है। जब भी कोई शुभ अवसर, व्रत, पर्व या पूजन का आयोजन होता है, तब खीर बनाना लगभग अनिवार्य परंपरा मानी जाती है। खीर अनेक प्रकार की होती है – चावल की खीर, साबूदाने की खीर, सेवई की खीर और मखाने की खीर, जो खास तौर पर व्रत एवं उपवास के दिनों में अत्यंत पसंद की जाती है।
मखाना – भारत की पवित्र झीलों का मोती
मखाना, जिसे अंग्रेजी में “Fox Nut” या “Lotus Seed” कहा जाता है, एक जल में उत्पन्न होने वाला बीज है, जिसे बिहार, असम और पूर्वी भारत के हिस्सों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। यह आयुर्वेद में भी एक विशेष स्थान रखता है – वात, पित्त और कफ को संतुलित करने में सहायक माना जाता है।
सावन, व्रत और मखाने की खीर रेसिपी का संबंध
सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना के लिए सोमवार व्रत, प्रदोष व्रत, और शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इन व्रतों में मखाने की खीर एक ऐसा व्यंजन है जिसे बिना अनाज, बिना प्याज-लहसुन और सात्विक विधि से तैयार किया जाता है। यह न केवल व्रतधारियों को शक्ति प्रदान करता है, बल्कि स्वाद में भी अत्यंत मनोहारी होता है।
पोषण विज्ञान की दृष्टि से मखाने की खीर रेसिपी
- मखाने में कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं।
- दूध और ड्राई फ्रूट्स के साथ मिलकर यह खीर संपूर्ण आहार का रूप ले लेती है।
- यह बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी के लिए लाभकारी है।
- डायबिटीज, मोटापा और हृदय रोग से जूझ रहे लोगों के लिए भी यह एक हल्का लेकिन पौष्टिक विकल्प है।
आधुनिक जीवनशैली में मखाने की खीर रेसिपी की प्रासंगिकता
आजकल जहां फास्ट फूड और केमिकल युक्त मिठाइयों का बोलबाला है, वहीं मखाने की खीर एक ऐसा देसी सुपरफूड बनकर उभरा है, जिसे लोग व्रत तक सीमित नहीं रखते – इसे डाइट प्लान, हेल्थी ब्रेकफास्ट और फेस्टिव डेज़र्ट के रूप में भी शामिल कर रहे हैं।

मखाने की खीर रेसिपी बनाने के लिए पारंपरिक सामग्री :-
1.दूध
- मात्रा: 1 लीटर (प्रति 3 लोगों के लिए)
- महत्त्व: खीर की आत्मा दूध ही है – यह गाढ़ापन, मिठास और पोषण देता है।
- वैकल्पिक: व्रत में नारियल दूध या बादाम दूध (वेगन विकल्प)
2. मखाना
- मात्रा: 1 कप (लगभग 50 ग्राम)
- महत्त्व: मखाना ही इस खीर की स्टार सामग्री है।
- यह कैल्शियम, आयरन और फाइबर से भरपूर होता है।
- सावधानी: अच्छी गुणवत्ता वाले, कुरकुरे और सफेद मखाने ही लें।
3. मिठास – चीनी या गुड़
- विकल्प 1: सफेद चीनी (1/4 कप) – त्वरित घुल जाती है
- विकल्प 2: देसी गुड़ (1/3 कप) – आयरनयुक्त, पारंपरिक स्वाद
- विकल्प 3: खजूर की शक्कर, नारियल शक्कर – हेल्दी विकल्प
4. देसी घी
- मात्रा: 1 बड़ा चम्मच
- महत्त्व: मखाने को भूनने के लिए आवश्यक। स्वाद और सुगंध दोनों में इजाफा करता है।
5. इलायची पाउडर
- मात्रा: 1/2 छोटा चम्मच
- महत्त्व: खीर में मिठास को संतुलन देने वाला मसाला। पाचन में सहायक।
6. केसर
- मात्रा: 5–6 धागे (पानी या दूध में भिगोकर)
- महत्त्व: सुगंध और रंग के लिए। यह खास मौकों की शोभा बढ़ाता है।
- वैकल्पिक: हल्दी का एक चुटकी प्रयोग किया जा सकता है (प्राकृतिक रंग के लिए)
7. ड्राय फ्रूट्स (मेवे)
- काजू: 6–8 नग (कटे हुए या तले हुए)
- बादाम: 6–8 नग (कटे हुए)
- पिस्ता: 1 बड़ा चम्मच (गार्निशिंग के लिए)
- किशमिश: 1 चम्मच (घी में भुनी हुई)
वैकल्पिक सामग्रियाँ (यदि प्रयोग करना चाहें)
वैकल्पिक सामग्री-उपयोग
- नारियल का दूध-शुद्ध सात्विक और वेगन विकल्प
2. कंडेन्स्ड मिल्क-समय बचाने और गाढ़ेपन के लिए
3. ओट्स या चिया सीड्स-हेल्दी मिक्स
4. गुलाब जल या केवड़ा जल-खुशबू और स्वाद
खरीदारी के लिए टिप्स
- मखाना: हल्का सफेद, चमकीला और कुरकुरा लें।
- दूध: फुल क्रीम का प्रयोग करें ताकि खीर मलाईदार बने।
- गुड़: जैविक (Organic) गुड़ लें – इससे स्वाद और स्वास्थ्य दोनों में बढ़त।
- केसर: असली केसर का चुनाव करें – नकली केसर रंग छोड़ देता है लेकिन सुगंध नहीं।
स्वादानुसार सामग्रियाँ (वैकल्पिक)
- जायफल पाउडर – ठंडी ऋतु में
- गुलकंद – खास पर्शियन स्वाद के लिए
- नारियल का बुरादा – दक्षिण भारतीय स्पर्श देने के लिए
स्टेप-बाय-स्टेप बनाने की विधि:
स्टेप 1: मखाने को भूनना
- कढ़ाही में 1 बड़ा चम्मच देसी घी डालें।
- अब उसमें 1 कप मखाने डालकर मध्यम आंच पर 6–8 मिनट तक भूनें।
- मखाने जब कुरकुरे हो जाएं, तब आँच बंद करें।
- आधे मखानों को दरदरा पीस लें (खीर में टेक्सचर आता है), आधे साबुत रखें।
स्टेप 2: दूध को उबालना और गाढ़ा करना
- एक गहरे तले की कढ़ाही या भगौने में 1 लीटर फुल क्रीम दूध डालें।
- दूध को मध्यम आंच पर उबलने दें और बीच-बीच में हिलाते रहें।
- जब दूध 10-15% कम हो जाए, तब मखाने डालें।
स्टेप 3: मखाने डालकर पकाना
- दरदरे पिसे मखाने और साबुत मखाने एक साथ डालें।
- 10-12 मिनट धीमी आंच पर पकने दें ताकि मखाने दूध में फूल जाएं और स्वाद अंदर तक चला जाए।
स्टेप 4: मिठास, मेवे और मसाले
- अब चीनी (4-6 बड़े चम्मच) या गुड़ (1/3 कप) डालें। अगर गुड़ डालना है तो दूध थोड़ा ठंडा होने पर डालें ताकि फटे नहीं।
- अब डालें:1/2 चम्मच इलायची पाउडर5-6 केसर धागे (दूध में भीगे हुए)कटे हुए काजू-बादाम-पिस्ता सब कुछ मिलाकर
- 5 मिनट धीमी आंच पर और पकाएँ।
स्टेप 5: अंतिम गाढ़ापन और फ्लेवर
- दूध अब गाढ़ा हो चुका होगा और मखाने नरम।
- खीर में मलाई और मेवों की खुशबू आएगी।
- गैस बंद करें और ढककर 10 मिनट के लिए रेस्ट पर छोड़ दें।
स्टेप 6: परोसना
- गरम भी परोस सकते हैं, लेकिन ठंडी खीर का स्वाद और भी गहराता है।
- ऊपर से थोड़े केसर और पिस्ता छिड़कें और तुलसी पत्ता या गुलाब की पंखुड़ी से सजाएं।
इंस्टेंट विधि
यदि आपके पास समय कम है, तो:
- दूध की जगह 1/2 लीटर दूध + 1/2 कप कंडेन्स्ड मिल्क का उपयोग करें।
- मखानों को पहले से भूनकर स्टोर रखें।
- पकाने का समय 10 मिनट कम हो जाता है।
वेगन मखाना खीर रेसिपी विधि:-
- दूध की जगह नारियल का दूध या बादाम दूध लें।
- घी की जगह नारियल तेल या ओट्स क्रीम उपयोग करें।
- चीनी की जगह खजूर का पेस्ट, मेपल सिरप या नारियल शक्कर का उपयोग करें।
वैरिएशन टिप्स:
वैरिएशन- तरीका
- गुड़ वाली मखाना खीर-गैस बंद कर गुड़ डालें, जायफल मिलाएँ
- केसरी मखाना खीर-अधिक केसर और पिस्ता का उपयोग करें
3. ओट्स-मखाना खीर-दरदरे ओट्स और मखाने मिलाकर हेल्दी बनाएं
4. मखाना-साबूदाना खीर-दोनों मिलाकर खीर अधिक सत्ववर्धक होती है
सावन व्रत में मखाने की खीर रेसिपी क्यों उत्तम है?
1. धार्मिक दृष्टिकोण
हिंदू धर्म में व्रत (उपवास) के दौरान केवल सात्विक और शुद्ध आहार का सेवन किया जाता है। इन दिनों में अनाज, मसाले, प्याज-लहसुन आदि का परहेज किया जाता है।
- मखाने को सात्विक माना जाता है – यह जल में उत्पन्न होता है, पचने में हल्का और मानसिक शांति देने वाला है।
- दूध, मेवे और गुड़ जैसी चीज़ें व्रत में उपयोग की जा सकती हैं।
- मखाने की खीर भगवान शिव, विष्णु और माता दुर्गा को भी चढ़ाई जाती है।
सावन और सोमवार व्रत
- सावन का महीना शिव भक्ति का पर्व है।
- सोमवार व्रत में व्रती दिनभर फलाहार और रात्रि में हल्का, सात्विक भोजन करते हैं।
- मखाने की खीर इस व्रत के लिए उपयुक्त है क्योंकि:यह पेट को शांत और ऊर्जा से भरपूर रखती है।
- इसे शिव पूजा में भोग भी लगाया जा सकता है।
2. आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
आयुर्वेद में मखाने का वर्णन
- मखाने को “पद्मबीज” या “कमल बीज” कहा जाता है।
- यह वात, पित्त और कफ को संतुलित करता है।
- इसकी ठंडी तासीर शरीर को शांत करती है, विशेष रूप से गर्मियों और वर्षा ऋतु में।
मखाने के आयुर्वेदिक गुण
गुण -विवरण
- रस (स्वाद)-मधुर (मीठा)
- वीर्य (ऊर्जा)-शीत (ठंडा)
- गुणगुरु (भारी)- स्निग्ध (चिकना), बलवर्धक
दूध और मखाना – पूर्ण आहार
- दूध और मखाना का मिश्रण शरीर को संपूर्ण पोषण प्रदान करता है:
- दूध: बल, शुक्र, ओज और मस्तिष्क के लिए श्रेष्ठ
- मखाना: वात-पित्त-कफ को शांत करता है, स्त्रियों के लिए विशेष उपयोगी

मखाने की खीर रेसिपी
Equipment
- मखाने की खीर रेसिपी
Ingredients
- मखाने
- दूध
- घी
- चीनी
- काजू
- बादाम
- पिस्ता वैकल्पिक
- इलायची पाउडर
- केसर वैकल्पिक
- किशमिश वैकल्पिक
Instructions
स्टेप-बाय-स्टेप बनाने की विधि:
स्टेप 1: मखाने को भूनना
- कढ़ाही में 1 बड़ा चम्मच देसी घी डालें।
- अब उसमें 1 कप मखाने डालकर मध्यम आंच पर 6–8 मिनट तक भूनें।
- मखाने जब कुरकुरे हो जाएं, तब आँच बंद करें।
- आधे मखानों को दरदरा पीस लें (खीर में टेक्सचर आता है), आधे साबुत रखें।
स्टेप 2: दूध को उबालना और गाढ़ा करना
- एक गहरे तले की कढ़ाही या भगौने में 1 लीटर फुल क्रीम दूध डालें।
- दूध को मध्यम आंच पर उबलने दें और बीच-बीच में हिलाते रहें।
- जब दूध 10-15% कम हो जाए, तब मखाने डालें।
स्टेप 3: मखाने डालकर पकाना
- दरदरे पिसे मखाने और साबुत मखाने एक साथ डालें।
- 10-12 मिनट धीमी आंच पर पकने दें ताकि मखाने दूध में फूल जाएं और स्वाद अंदर तक चला जाए।
स्टेप 4: मिठास, मेवे और मसाले
- अब चीनी (4-6 बड़े चम्मच) या गुड़ (1/3 कप) डालें। अगर गुड़ डालना है तो दूध थोड़ा ठंडा होने पर डालें ताकि फटे नहीं।
- अब डालें:1/2 चम्मच इलायची पाउडर5-6 केसर धागे (दूध में भीगे हुए)कटे हुए काजू-बादाम-पिस्ता सब कुछ मिलाकर
- 5 मिनट धीमी आंच पर और पकाएँ।
स्टेप 5: अंतिम गाढ़ापन और फ्लेवर
- दूध अब गाढ़ा हो चुका होगा और मखाने नरम।
- खीर में मलाई और मेवों की खुशबू आएगी।
- गैस बंद करें और ढककर 10 मिनट के लिए रेस्ट पर छोड़ दें।
स्टेप 6: परोसना
- गरम भी परोस सकते हैं, लेकिन ठंडी खीर का स्वाद और भी गहराता है।
- ऊपर से थोड़े केसर और पिस्ता छिड़कें और तुलसी पत्ता या गुलाब की पंखुड़ी से सजाएं।
Notes
- कैलोरी. 350–370
- प्रोटीन. 9.7 ग्राम
- फाइबर. 14.5 ग्राम
- कैल्शियम. 60 मिलीग्राम
- आयरन. 1.4 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम. 50 मिलीग्राम
आधुनिक विज्ञान और पोषण दृष्टिकोण
मखाने का पोषण मूल्य (100 ग्राम में):
तत्व. मात्रा
- कैलोरी. 350–370
- प्रोटीन. 9.7 ग्राम
- फाइबर. 14.5 ग्राम
- कैल्शियम. 60 मिलीग्राम
- आयरन. 1.4 मिलीग्राम
- मैग्नीशियम. 50 मिलीग्राम
स्वास्थ्य सम्बन्धी लाभ:-
1. हड्डियों को मज़बूती देता है
मखाने में भरपूर मात्रा में कैल्शियम होता है जो हड्डियों और दाँतों को मजबूत बनाता है। दूध के साथ यह लाभ और बढ़ जाता है।
2. वजन घटाने में सहायक
फाइबर और प्रोटीन से भरपूर मखाने पेट को देर तक भरा रखते हैं जिससे ओवरईटिंग कम होती है और वजन नियंत्रित रहता है।
3. हृदय स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद
मखाना और दूध दोनों ही लो कोलेस्ट्रॉल वाले हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखते हैं।
4. शुगर कंट्रोल में मददगार
यदि मखाना खीर में गुड़ या शुगर-फ्री विकल्प उपयोग करें, तो यह डायबिटिक मरीजों के लिए भी लाभदायक हो सकती है।
5. एंटी-एजिंग गुण
मखाने में पाए जाने वाले एंटीऑक्सिडेंट्स त्वचा को उम्र से लड़ने में मदद करते हैं और झुर्रियाँ कम करते हैं।
6. गर्भवती महिलाओं के लिए उत्तम
यह खीर पोषण से भरपूर होती है जो गर्भावस्था में ऊर्जा और पोषण प्रदान करती है।
7. व्रत या उपवास के समय शक्ति देती है
सावन, नवरात्रि या अन्य व्रतों में यह खीर शरीर को एनर्जी और न्यूट्रिएंट्स देती है।
8. कब्ज की समस्या में राहत
फाइबर युक्त मखाना पाचन क्रिया को सुधारता है और कब्ज से राहत दिलाता है।
9. नींद में सुधार करता है
मखाने और दूध में मौजूद ट्रिप्टोफैन और मैग्नीशियम अच्छी नींद को प्रेरित करते हैं।
10. किडनी की सेहत को लाभ
मखाना प्राकृतिक रूप से डाययूरेटिक (मूत्रवर्धक) होता है जो किडनी को साफ करने में मदद करता है।
11.हॉर्मोन बैलेंस करता है
खासतौर पर महिलाओं में पीरियड्स या मेनोपॉज़ के दौरान मखाना खीर हॉर्मोन बैलेंस में सहायक है।
12.शरीर को डिटॉक्स करता है
यह खीर शरीर को अंदर से शुद्ध करती है, विशेषकर व्रत के समय जब शरीर हल्का भोजन पचाता है।
13.दिमाग को तेज करता है
मखाना में मौजूद थायमिन (Vitamin B1) मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बेहतर करता है।
14.शक्तिवर्धक
यह खीर थकान दूर कर के तुरंत ऊर्जा देती है, खासतौर पर व्रत या कमजोरी की स्थिति में।
15.बच्चों के लिए भी सुरक्षित और पौष्टिक
यह खीर बच्चों की ग्रोथ, हड्डियों और ब्रेन डेवलपमेंट के लिए फायदेमंद है।
व्रत में ऊर्जा और मानसिक शांति
- व्रत के समय भोजन सीमित होता है, इसलिए अधिक पोषण और संतुलन चाहिए।
- मखाने की खीर न सिर्फ पेट को तृप्त करती है, बल्कि मानसिक शांति और संतोष भी देती है।
- यह माइंड और बॉडी दोनों को रिलैक्स करती है – विशेष रूप से ध्यान, पूजा या उपासना के बाद।
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मखाना खीर रेसिपी परोसने के टिप्स
गरमा-गरम परोसें:
- ताज़ी बनी खीर जब हल्की गर्म होती है, तब उसकी सुगंध और मिठास अधिक गहराई से महसूस होती है।
- ऊपर से घी में भुने ड्राई फ्रूट्स डालें और कुछ केसर धागे सजाएँ।
ठंडी खीर:
- फ्रिज में 2-3 घंटे ठंडी करके परोसें।
- गर्मियों में यह अधिक आनंददायक लगती है।
गार्निशिंग के लिए:
- गुलाब की पंखुड़ियाँ, तुलसी का पत्ता, पिस्ता स्लाइस, केसर बूंद, चांदी का वर्क
किन्हें परोसें?
- व्रत रखने वालों को
- छोटे बच्चों के ब्रेकफास्ट में
- बुजुर्गों को रात के हल्के खाने में
- मेहमानों को “व्रत थाली” में मिठास के रूप में
स्टोरेज टिप्स
स्थिति निर्देश
- फ्रिज में. 2–3 दिन तक ताजा रहेगी
- फ्रीजर मेंन रखें टेक्सचर बिगड़ता है
- पुनः गर्म करते समय. धीमी आंच पर दूध मिलाकर गरम करें
- अगर गाढ़ी हो जाए. थोड़ा गर्म दूध मिलाकर फिर से हिलाएँ
FAQs – मखाना खीर रेसिपी के सम्बन्ध मे अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q1. मखाने की खीर रेसिपी में दूध फटने से कैसे बचें?
उत्तर: यदि गुड़ डाल रहे हों, तो खीर ठंडी होने के बाद डालें। कभी भी तेज़ आंच पर गुड़ ना मिलाएँ।
Q2.क्या मखाने की खीर रेसिपी व्रत में खा सकते हैं?
उत्तर: हां, बिल्कुल! यह व्रत के लिए उत्तम सात्विक और ऊर्जा देने वाला व्यंजन है।
Q3. क्या बिना दूध के मखाने की खीर रेसिपी बन सकती है?
उत्तर: हां, नारियल दूध, बादाम दूध या ओट्स मिल्क से भी खीर बनाई जा सकती है – वेगन वर्जन।
Q4. बच्चों के लिए कैसे बनाएं?
उत्तर: दूध को अच्छी तरह पकाकर, कम मिठास और थोड़े क्रश किए मखाने से हल्की खीर बनाएं।
Q5. क्या डायबिटिक लोग मखाने की खीर रेसिपी खा सकते हैं?
उत्तर: हां, परंतु चीनी की जगह खजूर पेस्ट या नारियल शक्कर प्रयोग करें और पोर्शन छोटा रखें।
अंतिम निष्कर्ष:
मखाना खीर रेसिपी न केवल एक पारंपरिक भारतीय मिठाई है, बल्कि यह सेहत और स्वाद का एक अद्भुत संगम भी है। इसकी खासियत यह है कि यह व्रत, त्योहार, खास मौकों और रोज़मर्रा के भोजन में भी आसानी से शामिल की जा सकती है। इसमें प्रयुक्त मखाने (फॉक्स नट्स) कैल्शियम, प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होते हैं, जबकि दूध, ड्राई फ्रूट्स और गुड़ या चीनी जैसे घटक इसे संपूर्ण पोषण प्रदान करते हैं।
इस खीर की बनावट जितनी क्रीमी और मुलायम होती है, इसका स्वाद उतना ही सुखद और संतोषजनक होता है। चाहे वह जन्माष्टमी हो, नवरात्रि का व्रत हो, सावन का महीना हो या फिर सर्दियों की रातें — मखाना खीर हर मौके को खास बना देती है। यह एक ऐसी रेसिपी है जो हर उम्र के लोगों को पसंद आती है और आसानी से पच भी जाती है।
अंततः, मखाना खीर न सिर्फ हमारे रसोईघर की शान है, बल्कि यह हमारी परंपरा, स्वास्थ्य और स्वाद का प्रतीक भी है। अगर आपने इसे अब तक नहीं बनाया, तो एक बार ज़रूर आज़माएँ — यह आपकी मिठास भरी यादों में हमेशा के लिए जगह बना लेगी।
मखाने की खीर सिर्फ एक डेज़र्ट नहीं, बल्कि एक स्वास्थ्यवर्धक, सात्विक, पोषक और सांस्कृतिक मिठाई है – जो सावन व्रत से लेकर शादी-ब्याह तक हर अवसर पर खाई और बनाई जाती है।यह स्वाद, सरलता और आयुर्वेद का ऐसा मेल है, जिसे हर आयु वर्ग के लोग पसंद करते हैं।