बैगन भरता का परिचय
बैगन भरता उत्तर भारत की एक पारंपरिक और लोकप्रिय सब्ज़ी है, जिसे खास तौर पर देसी बैंगन (भटे) को आग पर भूनकर, छीलकर और मसालों के साथ मिलाकर बनाया जाता है। यह व्यंजन अपने smoky स्वाद, सादगी और घर की रसोई की खुशबू के लिए जाना जाता है। इसे आमतौर पर रोटी, पराठा या बाजरे की रोटी के साथ परोसा जाता है।
यह डिश खासतौर पर पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य भारत में अत्यधिक पसंद की जाती है। बैगन भरता की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें ताजे, देसी और आसानी से उपलब्ध मसालों का प्रयोग होता है, जिससे इसका स्वाद देहाती और पारंपरिक बना रहता है।
भारतीय रसोई की खासियत उसकी विविधता और परंपरा में छिपी होती है। ऐसा ही एक व्यंजन है – बैगन का भरता, जो केवल स्वाद नहीं, बल्कि संस्कृति, मिट्टी और यादों से जुड़ा एक व्यंजन है। यह उन व्यंजनों में से है जिसे चाहे आप किसी त्योहार पर खाएँ या आम दिन में, हर बार इसका स्वाद दिल को छू जाता है।
बैगन का भरता: नाम में ही स्वाद छिपा है
‘भरता’ शब्द मूलतः संस्कृत के “भर्त” से आया है, जिसका अर्थ है – “कुछ मसलों के साथ मसल कर बनाया गया व्यंजन”। बैगन का भरता भुने हुए बैंगन को हाथ से या लकड़ी के चम्मच से मसलकर मसालों और सरसों के तेल में पकाकर बनाया जाता है।
भारत के अलग-अलग राज्यों में भरते की विविधता
बैगन का भरता पूरे देश में प्रसिद्ध है, परंतु हर राज्य में इसका अपना रंग, स्वाद और तरीका है:
राज्य | नाम | विशेषता |
बिहार | भरता या चोखा | लिट्टी के साथ खाया जाता है, सरसों तेल और लहसुन के साथ |
उत्तर प्रदेश | बैगन भरता | प्याज-लहसुन के साथ मसालेदार |
पंजाब | बैगन भरता | सरसों का तेल, टमाटर, मलाई |
महाराष्ट्र | वांग्याचे भरित | मूंगफली और नारियल के साथ |
बंगाल | बैगुन पोड़ा | सरसों के बीज और तीखी सरसों की चटनी |
बैगन का भरता: एक देसी comfort food
गाँव की मिट्टी में बने चूल्हे पर जब बैगन को भुना जाता है, और उस धुएँ की महक प्याज, लहसुन और सरसों तेल में घुलती है – तब बनता है भरता। यह सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि संवेदनाओं और संस्कृति की थाली है।
लोककथाओं में बैगन
बुंदेलखंड की कहावत: “बैगन भर्ता, राजा को भी रोटी चुराकर खाने पर मजबूर कर दे”
मगही लोकगीतों में बैगन भरता का उल्लेख चोखा के साथ आता है।
बैगन भरता: सामाजिक और भावनात्मक जुड़ाव
- त्योहारों में – विशेष रूप से छठ, रक्षाबंधन और तीज में भरता एक प्रमुख व्यंजन होता है।
- गाँव की दुपहरियाँ – खेत से लौटे किसान गरमा गरम चावल और भरता से पेट भरते हैं।
- विदेश में बसे भारतीयों के लिए भरता एक भावुक स्मृति है – माँ के हाथ की थाली की।
बैगन भरता क्यों खास है?
- यह कम लागत में अधिक स्वाद देने वाला व्यंजन है।
- हर वर्ग और आयु के लिए उपयुक्त – चाहे वो ग्रामीण हों या शहरी।
- यह व्यंजन आयुर्वेदिक गुणों से भी भरपूर होता है
बैगन भरता के साथ चलने वाले व्यंजन
भरता के साथी | कारण |
लिट्टी | पारंपरिक बिहारी संगति |
दाल-चावल | हल्का, घरेलू संयोजन |
पराठा | नाश्ते या डिनर में |
रोटी | आम दोपहर का भोजन |
बैगन भरता – भविष्य का देसी स्टार्टअप?
आज जब लोग देसी स्वाद को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर ला रहे हैं, बैगन भरता जैसे व्यंजन फूड स्टार्टअप्स, क्लाउड किचन और इंस्टाग्राम शेफ्स के लिए नए अवसर बन सकते हैं।
INGREDIENTS
सामग्री | मात्रा | विशेषता |
बैंगन (भर्ता बैंगन) | 1 बड़ा (400–500 ग्राम) | गूदा वाला, बीज कम, ताजा |
प्याज | 1–2 मध्यम आकार के | बारीक कटे, मिठास व कुरकुरेपन के लिए |
लहसुन की कलियाँ | 6–8 | तेज़ स्वाद और पाचन के लिए |
हरी मिर्च | 2–4 | तीखापन और देसी स्वाद |
टमाटर | 1–2 | भरते में हल्की खटास लाने के लिए |
सरसों का तेल | 2–3 चम्मच | असली देसी खुशबू और स्वाद |
नमक | स्वादानुसार | स्वाद का संतुलन |
हल्दी पाउडर | ¼ चम्मच | रंग और एंटीसेप्टिक गुण |
लाल मिर्च पाउडर | ½ चम्मच | तीखापन और रंग |
धनिया पाउडर | 1 चम्मच | मसालों का संतुलन |
हरा धनिया (पत्ती) | एक मुट्ठी ताजगी | सजावट और स्वाद बढ़ाने के लिए |
वैकल्पिक सामग्री
सामग्री | उपयोग क्षेत्र | विशेषता |
सरसों दाना | बंगाल, झारखंड | चटकने पर देसी खुशबू |
नींबू का रस | उत्तर भारत | स्वाद में खटास |
भुना जीरा पाउडर | सभी क्षेत्रों में | खुशबू व पाचन |
अदरक का पेस्ट | पंजाब, यूपी | गर्मी व पाचन |
हींग | बिहार | पाचन और परंपरा |
घी | त्योहारों में | रिच टेक्सचर, खास अवसरों के लिए |
सामग्री चयन में ध्यान देने योग्य बातें
1.बैंगन कैसा चुनें?
- चमकीला, भारी और मुलायम बैगन लें।
- बैगन को हल्का दबाने पर आवाज़ न आए तो समझिए अंदर बीज कम हैं।
- बैंगन पर कोई काला धब्बा, छेद या लचक नहीं होना चाहिए।
2. सरसों तेल को कैसे प्रयोग करें?
- सरसों का तेल जब तक धुआं न छोड़ दे, तब तक गरम करें
- तभी कड़वाहट दूर होगी।देसी स्वाद के लिए जरूरी है सरसों तेल।
3. लहसुन और प्याज का अनुपात
- भरता जितना तीखा और सुगंधित चाहिए, उतना अधिक लहसुन और प्याज डालें।
- पारंपरिक बिहारी स्वाद के लिए लहसुन को कच्चा मिलाया जाता है।
सामग्री को काटने, भूनने और पीसने की विधियाँ
सामग्री | विधि |
प्याज | बारीक काटें या सिलबट्टे पर कुचलें |
लहसुन | कूटकर डालें, स्वाद बढ़ता है |
हरी मिर्च | बारीक काटें या पीसें |
टमाटर | बारीक काटें या पेस्ट बनाएं |
सामग्री का क्षेत्रीय प्रभाव
राज्य | खास सामग्री | प्रभाव |
बिहार | लहसुन, सरसों तेल, हींग | तीखापन व देसीपन |
पंजाब | अदरक, टमाटर, क्रीम | मलाईदार भरता |
बंगाल | सरसों दाना, कासुंदी | खट्टा-तेज भरता |
महाराष्ट्र | मूंगफली पाउडर | गाढ़ा टेक्सचर |
बैगन का भरता बनाने की बिधि
बैगन का भरता स्वाद में जितना समृद्ध होता है, उतनी ही महत्वपूर्ण होती है उसकी तैयारी की पहली प्रक्रिया — बैगन भूनना। यदि बैंगन सही तरीके से भुना जाए, तो उसका धुँआदार स्वाद, नरम गूदा और विशेष खुशबू भरते को यादगार बना देती है।

चरण 1बैगन भूनने के पारंपरिक तरीके
1. चूल्हे की आग में भूनना (मिट्टी का चूल्हा)
सामग्री:
- पूरा बैंगन (धोकर, सुखाकर)
- कुछ लहसुन की कलियाँ (बैगन के अंदर भरने के लिए)
विधि:
- बैगन के बीच में 2–3 कट लगाएँ और उसमें लहसुन की कलियाँ भर दें।
- अब इसे सीधे जलती लकड़ी या गोबर के उपले की आग में रखें।
- बीच-बीच में बैंगन को पलटते रहें ताकि चारों ओर से अच्छे से भुन जाए।
- जब बैंगन की त्वचा पूरी तरह काली और झुलसी लगे, तो उसे आंच से हटाकर किसी प्लेट में रखें।
- ठंडा होने दें, फिर छिलका हटाकर मैश करें।
फायदा:
देसी स्वाद, धुँआदार महक और सॉफ्ट टेक्सचर मिलता है।
2. गैस स्टोव पर भूनना (घर में सबसे सामान्य विधि)
आवश्यक सामग्री:
- बैगन
- स्टील की जाली (Wire Mesh)
विधि:
- गैस जलाकर उसके ऊपर जाली रखें।
- बैगन को धोकर हल्का सुखाएँ और सीधे जाली पर रखें।
- 10–12 मिनट तक मध्यम आंच पर लगातार घुमाते रहें।
- जब बैंगन नरम हो जाए और उसका छिलका काला होकर फटने लगे, समझिए कि भुन चुका है।
- आंच से हटाकर थोड़ी देर ठंडा करें, फिर छिलका हटा लें।
सुझाव:
बैगन में छेद करके उसमें 2 लहसुन की कलियाँ और 1 हरी मिर्च डालें – स्वाद दोगुना हो जाता है।
3. तंदूर या कोयले की आंच में भूनना (ढाबा स्टाइल)
विशेषताएं:
- यह तरीका होटल या ढाबों में प्रचलित है जहाँ भरता को स्मोकी फ्लेवर दिया जाता है।
विधि:
- बैगन को हल्की आंच पर कोयले पर रखें।
- बार-बार पलटें ताकि चारों ओर से समान भुने।
- छिलका जल जाए, लेकिन अंदर गूदा मुलायम रहे
- यही असली स्वाद की पहचान है।
बैगन भूनने के आधुनिक तरीके
4. माइक्रोवेव ओवन में भूनना
विधि:
- बैगन को धोकर कांटे से छेद करें।
- उसे माइक्रोवेव-सेफ बर्तन में रखें और ऊपर से तेल लगाएँ।
- High Power पर 7–10 मिनट तक माइक्रोवेव करें।
- बीच में एक बार पलटें।
- जब बैगन नरम हो जाए तो निकालें और छिलका हटा दें।
लाभ:
समय की बचत
नुकसान:
धुँआदार स्वाद नहीं आता
5. OTG (Oven Toaster Griller) में भूनना
विधि:
- बैगन को ऐल्युमिनियम फॉयल में लपेटें और ट्रे में रखें।
- 200°C पर 20–25 मिनट के लिए बेक करें।
- ठंडा होने के बाद छिलका हटाकर गूदा निकालें।
फायदा
समान रूप से भुनता है
नुकसान:
देसी महक नहीं आती
कैसे पहचानें कि बैंगन अच्छी तरह से भुन चुका है?
- छिलका पूरी तरह काला और झुलसा हुआ दिखे
- बैंगन दबाने पर पूरी तरह मुलायम लगे
- अंदर से कोई कच्चा भाग न बचे
- हल्की-सी जलने की खुशबू (अच्छे तरीके से) आनी चाहिए
टिप्स और सुझाव
- भुनने से पहले बैगन को हल्का तेल लगाकर भूनें – छिलका आसानी से उतरता है
- भुनते समय गैस के पास रहें – जलने से बचाएँ
- भुने हुए बैगन को गर्म अवस्था में ही मसलें – टेक्सचर बेहतर आता है
- यदि कोई कड़वाहट महसूस हो रही हो, तो नींबू का रस मिला सकते हैं
नोट :-
बैगन का भरता उतना ही स्वादिष्ट होता है, जितना उसका भुनना परफेक्ट होता है।” भुने बैंगन में वो देसी आत्मा बसती है जो न सिर्फ स्वाद में, बल्कि हमारी संस्कृति में भी बसी है। चाहे आप चूल्हे पर भूनें या ओवन में – अगर मन से किया जाए, तो भरता हमेशा दिल जीत लेता है।
भरते के लिए मसाले तैयार करना
बैगन का भरता सिर्फ भूने हुए बैगन से नहीं बनता, उसमें जान डालते हैं मसाले! मसालों को जो भरते में स्वाद, सुगंध और देसीपन का तड़का लगाते हैं।
आवश्यक मसाले और सामग्री
सामग्री | मात्रा |
सरसों का तेल | 2 बड़े चम्मच |
राई (सरसों के दाने) | ½ छोटा चम्मच |
हींग | एक चुटकी |
जीरा | ½ छोटा चम्मच |
कटा हुआ लहसुन | 1 बड़ा चम्मच |
बारीक कटी हरी मिर्च | 1-2 (स्वादानुसार) |
बारीक कटा प्याज | 1 मध्यम |
बारीक कटा टमाटर | 1 मध्यम |
हल्दी पाउडर | ½ छोटा चम्मच |
लाल मिर्च पाउडर | ½ छोटा चम्मच |
धनिया पाउडर | 1 छोटा चम्मच |
गरम मसाला | ½ छोटा चम्मच |
नमक | स्वादानुसार |
ताजा हरा धनिया | गार्निश के लिए |
चरण 2 मसाले तैयार करने की विधि (स्टेप-बाय-स्टेप)
चरण 1: कड़ाही में तेल गर्म करें
- सबसे पहले एक गहरी कड़ाही या फ्राई पैन लें।
- उसमें 2 बड़े चम्मच सरसों का तेल डालें।
- तेल को अच्छी तरह से गर्म करें ताकि उसका कच्चापन चला जाए।
- जब तेल से धुआँ उठने लगे, तब समझिए कि वह पूरी तरह से तैयार है।
चरण 2: तड़का लगाना शुरू करें
- गर्म तेल में सबसे पहले ½ छोटा चम्मच राई डालें।
- जैसे ही राई चटकने लगे, एक चुटकी हींग और ½ चम्मच जीरा डालें।
- यह तड़का भरते को एक अलग ही देसी खुशबू देगा।
चरण 3: लहसुन और हरी मिर्च डालें
- अब 1 बड़ा चम्मच बारीक कटा हुआ लहसुन डालें।
- लहसुन को हल्का सुनहरा होने तक भूनें।
- फिर 1-2 बारीक कटी हरी मिर्च डालें।
- हरी मिर्च की मात्रा आप अपने स्वाद के अनुसार घटा-बढ़ा सकते हैं।
चरण 4: प्याज का भूनना
- अब 1 मध्यम बारीक कटा हुआ प्याज डालें।
- प्याज को धीमी आंच पर भूनें जब तक वह हल्का सुनहरा और पारदर्शी न हो जाए।
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चरण 5: टमाटर और मसाले मिलाना
- अब बारीक कटे टमाटर डालें और साथ ही हल्दी, धनिया पाउडर और लाल मिर्च पाउडर डालें।
- मसालों को अच्छी तरह मिलाएँ और टमाटर को तब तक भूनें जब तक वह नरम होकर तेल न छोड़ने लगे।
- टिप: यदि टमाटर पकने में समय ले रहे हों, तो 1-2 चम्मच पानी डालकर ढक दें और धीमी आंच पर पकाएँ।
चरण 6: मसाले का पकना
- जब टमाटर पूरी तरह गल जाए और मसाले से तेल अलग दिखने लगे, तब ½ चम्मच गरम मसाला डालें।
- अच्छे से चलाकर 2 मिनट और पकाएँ ताकि मसालों का स्वाद पूरी तरह से घुल जाए।
मसाले में बैगन मिलाने से पहले सावधानियाँ
- यह मसाला भरते की आत्मा है, इसलिए इसे धीमी आंच पर, बिना जल्दबाज़ी के पकाएँ।
- प्याज और टमाटर को भूनते समय जलने से बचाएँ। यदि जरूरत हो, थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर भूनें।
- मसाले में ज्यादा तेल डालने से स्वाद अच्छा आता है, लेकिन ज़रूरत से ज़्यादा नहीं।
स्वाद बढ़ाने वाले देसी टिप्स
- लहसुन का तड़का: यदि आप लहसुन के दीवाने हैं, तो कच्चा लहसुन पेस्ट अलग से भूनकर मिला सकते हैं।
- सरसों तेल का प्रयोग: सरसों का तेल भरते को देशी और बिहारी स्वाद देता है। रिफाइंड तेल में यह बात नहीं होती।
- भुना जीरा पाउडर: अंत में थोड़ा भुना जीरा पाउडर मिलाने से भरते का फ्लेवर और भी बढ़िया हो जाता है।
मसाले तैयार होने के संकेत
संकेत | क्या करना है |
प्याज सुनहरा हुआ | अगला स्टेप यानी टमाटर डालें |
टमाटर नरम और तेल छोड़ें | मसाले तैयार हैं |
खुशबू रसोई में फैलने लगे | अब बैगन मिलाने का समय है |
चरण 3: मैश किया हुआ बैगन मिलाना
- अब तैयार मसाले में मैश किया हुआ बैगन डालें।
- अच्छे से चलाते हुए 5-7 मिनट मध्यम आंच पर पकाएँ, ताकि बैगन मसाले में पूरी तरह मिल जाए।
- जब बैगन और मसाले की खुशबू एकसार हो जाए तो गैस बंद कर दें।
- ऊपर से हरा धनिया और भुना जीरा पाउडर डालें।
चरण 4: परोसने का तरीका
बैगन का भरता गर्म-गर्म रोटी, पराठा, या सादी चावल के साथ परोसें।
साथ में दाल और पापड़ हो तो स्वाद दोगुना हो जाता है।

बैगन का भरता
Equipment
- बैगन का भरता
Ingredients
- बैंगन भर्ता बैंगन
- प्याज
- लहसुन की कलियाँ
- हरी मिर्च
- टमाटर
- सरसों का तेल
- नमक
- हल्दी पाउडर
- लाल मिर्च पाउडर
- धनिया पाउडर
- हरा धनिया पत्ती
Instructions
चरण 1बैगन भूनने के पारंपरिक तरीके
- चूल्हे की आग में भूनना (मिट्टी का चूल्हा)
सामग्री:
- पूरा बैंगन (धोकर, सुखाकर)
- कुछ लहसुन की कलियाँ (बैगन के अंदर भरने के लिए)
विधि:
- बैगन के बीच में 2–3 कट लगाएँ और उसमें लहसुन की कलियाँ भर दें।
- अब इसे सीधे जलती लकड़ी या गोबर के उपले की आग में रखें।
- बीच-बीच में बैंगन को पलटते रहें ताकि चारों ओर से अच्छे से भुन जाए।
- जब बैंगन की त्वचा पूरी तरह काली और झुलसी लगे, तो उसे आंच से हटाकर किसी प्लेट में रखें।
- ठंडा होने दें, फिर छिलका हटाकर मैश करें।
फायदा:
- देसी स्वाद, धुँआदार महक और सॉफ्ट टेक्सचर मिलता है।
- गैस स्टोव पर भूनना (घर में सबसे सामान्य विधि)
- आवश्यक सामग्री:
- बैगन
- स्टील की जाली (Wire Mesh)
विधि:
- गैस जलाकर उसके ऊपर जाली रखें।
- बैगन को धोकर हल्का सुखाएँ और सीधे जाली पर रखें।
- 10–12 मिनट तक मध्यम आंच पर लगातार घुमाते रहें।
- जब बैंगन नरम हो जाए और उसका छिलका काला होकर फटने लगे, समझिए कि भुन चुका है।
- आंच से हटाकर थोड़ी देर ठंडा करें, फिर छिलका हटा लें।
सुझाव:
- बैगन में छेद करके उसमें 2 लहसुन की कलियाँ और 1 हरी मिर्च डालें – स्वाद दोगुना हो जाता है।
- तंदूर या कोयले की आंच में भूनना (ढाबा स्टाइल)
- विशेषताएं:
- यह तरीका होटल या ढाबों में प्रचलित है जहाँ भरता को स्मोकी फ्लेवर दिया जाता है।
विधि:
- बैगन को हल्की आंच पर कोयले पर रखें।
- बार-बार पलटें ताकि चारों ओर से समान भुने।
- छिलका जल जाए, लेकिन अंदर गूदा मुलायम रहे
- यही असली स्वाद की पहचान है।
- बैगन भूनने के आधुनिक तरीके
- माइक्रोवेव ओवन में भूनना
विधि:
- बैगन को धोकर कांटे से छेद करें।
- उसे माइक्रोवेव-सेफ बर्तन में रखें और ऊपर से तेल लगाएँ।
- High Power पर 7–10 मिनट तक माइक्रोवेव करें।
- बीच में एक बार पलटें।
- जब बैगन नरम हो जाए तो निकालें और छिलका हटा दें।
लाभ:
- समय की बचत
- नुकसान:
- धुँआदार स्वाद नहीं आता
- OTG (Oven Toaster Griller) में भूनना
- विधि:
- बैगन को ऐल्युमिनियम फॉयल में लपेटें और ट्रे में रखें।
- 200°C पर 20–25 मिनट के लिए बेक करें।
- ठंडा होने के बाद छिलका हटाकर गूदा निकालें।
- फायदा
- समान रूप से भुनता है
- नुकसान:
- देसी महक नहीं आती
अतिरिक्त सुझाव
बैगन भूनते समय छेद करके अंदर थोड़ा नमक या लहसुन की कलियां भर सकते हैं।
अगर चाहें तो एक चुटकी हींग या थोड़ा सा नींबू का रस भी डाल सकते हैं स्वाद के लिए।
परोसने के पारंपरिक तरीके
1. रोटी या बाजरे की रोटी के साथ:
बैगन का भरता सबसे अधिक स्वादिष्ट बाजरे या गेहूं की रोटी के साथ लगता है।
इसे ताजा मक्के या ज्वार की रोटी के साथ परोसें, ऊपर से थोड़ा देसी घी डालें।
2.दाल-चावल के साथ:
दाल-चावल के साथ बैगन का भरता एक क्लासिक बिहारी, यूपी और मध्यप्रदेशी शैली की थाली बनाता है।
3. खिचड़ी के साथ:
सादी मूंग दाल की खिचड़ी के साथ यह भरता लहसुन के तड़के और सरसों के तेल के फ्लेवर के साथ लाजवाब लगता है।
2. इनोवेटिव फ्यूजन परोसने के तरीके
1. भरता स्टफ्ड पराठा:
बचे हुए बैंगन भरते को गेहूं के आटे में भरकर पराठा बना सकते हैं।
ऊपर से मक्खन और रायता के साथ परोसें।
2. बैगन भरता टोस्ट/सैंडविच:
भरते को टोस्टेड ब्रेड या पाव में भरें और थोड़ा चाट मसाला छिड़कें।
यह बच्चों और यंग जनरेशन को पसंद आएगा।
3. बैगन भरता रोल:
रुमाली रोटी या चपाती में भरता भरकर, प्याज, हरी चटनी और थोड़ा नींबू डालकर रोल बनाएं।
4. भरता फ्राई राइस:
बचे हुए बैगन भरते को पके हुए चावल में मिलाएं, कुछ मसाले डालकर एक नई डिश बनाएं – देसी बैगन राइस।
3. परोसने में उपयोग होने वाले साथ में दिए जाने वाले तत्व:
साथ में परोसी जाने वाली वस्तु | कारण |
हरी धनिया चटनी | स्वाद को निखारती है |
बूंदी का रायता | भरते के तीखेपन को बैलेंस करता है |
प्याज और नींबू के स्लाइस | देसी स्टाइल लुक देता है |
सरसों का तेल या देसी घी | फ्लेवर और सुगंध में इजाफा |
4. विशेष अवसरों पर परोसने के तरीके:
1. व्रत के बाद (उपवास-भंग के समय):
उपवास के बाद भरता हल्का भोजन के रूप में परोसा जा सकता है, साथ में साबूदाना या सिंघाड़े के आटे की रोटी।
2. सावन या छठ महोत्सव में:
खासकर पूर्वांचल और बिहार में छठ महापर्व पर भरता विशेष व्यंजन के रूप में बनाया जाता है।
3. देसी भोज में:
शादी-ब्याह या भोज में भरते को दाल-भात और आलू चोखा के साथ परोसना एक आम रिवाज है।
5. पैकिंग और टिफिन में रखने के सुझाव:
- टिफिन में भरता: 2-3 घंटे तक ताजा रहता है। रोटी के साथ पैक करें।
- वैक्यूम सीलिंग: घर का बना भरता 3–4 दिन फ्रिज में ठीक रहता है अगर सही तरीके से रखा जाए।
- फूड स्टार्टअप के लिए: इसे जैविक बैगन से बनाकर जार में पैक करके देसी भरता मसाला उत्पाद के रूप में बेचा जा सकता है।
1. मुख्य पोषक तत्व
पोषक तत्व | मात्रा (100 ग्राम में अनुमानित) | लाभ |
कैलोरी | 80–100 Kcal | ऊर्जा देता है |
फाइबर | 3–5 ग्राम | पाचन सुधारता है |
विटामिन C | 5–8 मिलीग्राम | रोग प्रतिरोधकता बढ़ाता है |
विटामिन B6 | 0.1–0.2 मिलीग्राम | तंत्रिका स्वास्थ्य के लिए |
फोलेट | 20–30 माइक्रोग्राम | सेल ग्रोथ में सहायक |
पोटैशियम | 180–200 मिलीग्राम | ब्लड प्रेशर नियंत्रण |
आयरन | 1–1.5 मिलीग्राम | खून की कमी दूर करता है |
2. बैगन भरते के स्वास्थ्य लाभ
1. पाचन शक्ति में सुधार
भरता में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो कब्ज की समस्या दूर करता है।
हींग, अदरक और टमाटर मिलाने से पाचन एंजाइम सक्रिय होते हैं।
2. दिल के लिए फायदेमंद
बैगन में फ्लावोनॉइड्स और पोटैशियम होते हैं जो हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
सरसों तेल या मूंगफली तेल में बना भरता कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करता है।
3. ब्लड शुगर कंट्रोल करता है
बैगन लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स सब्जी है।
डायबिटीज रोगियों के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।
4. वजन घटाने में सहायक
कम कैलोरी और हाई फाइबर के कारण यह भरता वजन घटाने वाले डाइट प्लान में उपयुक्त है।
5. आयरन से भरपूर
बैगन और सरसों के तेल से बना भरता आयरन की मात्रा को बढ़ाता है, जिससे एनीमिया से बचाव होता है।
6. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
लहसुन, टमाटर और अदरक की उपस्थिति शरीर को संक्रमण से लड़ने में सक्षम बनाती है।
3. किन रोगों में बैगन का भरता फायदेमंद
बीमारी/समस्या | भरते से लाभ |
कब्ज | फाइबर से राहत मिलती है |
उच्च रक्तचाप | पोटैशियम संतुलन |
मधुमेह | लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स |
दिल की बीमारी | एंटीऑक्सीडेंट्स से सुरक्षा |
मोटापा | कम कैलोरी, तृप्तिकर भोजन |
एनीमिया | आयरन और फोलेट की उपस्थिति |
4. ध्यान देने योग्य बातें
- थायरॉइड के मरीज – बैगन गोइट्रोजेनिक तत्वों से भरपूर होता है, इसलिए सीमित मात्रा में लें।
- गैस या एसिडिटी की समस्या हो तो – भरता बनाते समय हींग, अजवाइन का उपयोग ज़रूर करें।
- गर्भवती महिलाओं को – फोलेट से भरपूर होने के कारण यह लाभकारी है, पर अधिक मसालेदार ना लें।
5. स्वस्थ विकल्प
घी या ओलिव ऑइल में बनाएं – हेल्दी फैट्स के लिए।
मूंगफली या तिल डालें – ओमेगा-3 और प्रोटीन के लिए।
प्याज-लहसुन के बिना – व्रत या आयुर्वेदिक पद्धति के लिए।
FAQsबैगन का भरता के सम्बन्ध मे अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर
Q1. बैगन का भरता क्या है?
उत्तर:
बैगन का भरता एक लोकप्रिय भारतीय व्यंजन है, जो सीधे आग या तंदूर में भूने हुए बैगन को मसालों के साथ मैश करके बनाया जाता है। इसे रोटी, पराठा या चावल के साथ परोसा जाता है।
2. बैगन को कैसे भूनें कि वह अंदर से अच्छी तरह पक जाए?
उत्तर:
बैगन को धीमी आँच पर सीधे गैस पर या तंदूर/ओवन में भूनें। बैगन को चारों ओर से गोल-गोल घुमाते रहें जब तक छिलका पूरी तरह काला और अंदर का गूदा नरम न हो जाए।
3. बैगन का भरता बनाते समय कौन-कौन सी सामग्री जरूरी होती है?
उत्तर:
- बड़ा बैगन (भर्ते वाला)
- प्याज़
- टमाटर,
- लहसुन
- हरी मिर्च
- धनिया
- सरसों का तेल या देसी घी
- नमक
- हल्दी
- लाल मिर्च पाउडर
4. क्या बैगन का भरता बिना प्याज़ और लहसुन के बन सकता है?
उत्तर:
हाँ, व्रत या जैन भोजन के लिए बैगन का भरता बिना प्याज़-लहसुन के भी बनाया जा सकता है। स्वाद के लिए टमाटर, हरी मिर्च और ताजा धनिया पर्याप्त होते हैं।
5. बैगन का भरता कब और कहाँ सबसे ज़्यादा खाया जाता है?
उत्तर:
यह व्यंजन विशेष रूप से उत्तर भारत (बिहार, उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान) में सर्दियों के मौसम में बहुत पसंद किया जाता है। इसे विशेष रूप से बाजरे की रोटी, लिट्टी या पराठे के साथ परोसा जाता है।
6. भुने हुए बैगन की गंध कैसे हटाएँ?
उत्तर:
- भुनने के बाद बैगन को 5-10 मिनट खुला ठंडा होने दें।
- उसमें अदरक-लहसुन का पेस्ट, हरी मिर्च और टमाटर डालकर भूनने से गंध कम हो जाती है।
- थोड़ा नींबू रस या गरम मसाला मिलाने से भी सुगंध बढ़ती है।
7. बैगन का भरता स्टोर करके कितने समय तक रखा जा सकता है?
उत्तर:
फ्रिज में एयरटाइट डिब्बे में भरता 2-3 दिन तक सुरक्षित रहता है। दोबारा गर्म करते समय हल्की आंच पर पकाएँ।
8. बैगन का भरता किस प्रकार के बैगन से सबसे अच्छा बनता है?
उत्तर:
बड़े आकार वाले गोल बैगन (जिनमें बीज कम हों) भर्ता बनाने के लिए सर्वोत्तम होते हैं। इन्हें आसानी से भुना जा सकता है और स्वाद भी अच्छा आता है।
9. बैगन का भरता खाने के क्या फायदे हैं?
उत्तर:
- फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
- पाचन में सहायक
- लो कैलोरी, वेट लॉस फ्रेंडली
- डायबिटीज और दिल के रोगियों के लिए लाभदायक
10. बैगन का भरता किस-किस चीज़ के साथ खाया जा सकता है?
उत्तर:
- तंदूरी रोटी
- लिट्टी (बिहारी स्टाइल में)
- बाजरे की रोटी
- जीरा राइस
- पराठा या नान