फिश एग करी , मांसाहारियों में मटन, चिकन के बाद सबसे ज्यादा मछली को पसंद किया जाता है आज हम जो व्यंजन का चर्चा करने जा रहे हैं वह फिश एग कड़ी है जो मछली के अंडा के साथ पोस्ता दाना, टमाटर,मक्का के आटा,प्याज,लहसुन और मिश्रित मसाले के साथ एक अनोखा स्वाद का खास खजाना बनता है।
फिश एग करी – परिचय
फिश एग करी (Fish Egg Curry) या मछली के अंडों की करी एक पारंपरिक और स्वाद से भरपूर सीफ़ूड रेसिपी है, जो समुद्री भोजन प्रेमियों के लिए किसी खास दावत से कम नहीं होती। मछली के अंडों को हल्के या तेज मसालों के साथ पकाकर तैयार की जाने वाली यह डिश मुलायम, दानेदार और रसीली टेक्सचर के कारण बेहद लोकप्रिय है।
भारत में इसका महत्व केवल स्वाद तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पारंपरिक और पोषण से भरपूर व्यंजन भी है। मछली के अंडों को कई जगह “फिश रो” (Fish Roe) कहा जाता है और यह अलग-अलग मछलियों जैसे रोहू, हिल्सा, कतला या मैकेरल से प्राप्त होते हैं।
क्षेत्रीय लोकप्रियता और विविधताएँ
पश्चिम बंगाल और ओडिशा – सरसों के तेल, पंचफोरन मसाले और हरी मिर्च के साथ हल्की मसालेदार करी बनाई जाती है।
असम – फिश रो को हल्के खट्टे-तीखे ग्रेवी में पकाया जाता है।
केरल और गोवा – नारियल का दूध, करी पत्ता और ताज़ा मसालों से बनी ग्रेवी में पकाई जाती है, जिससे इसका स्वाद क्रीमी और सुगंधित हो जाता है।
आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु – लाल मिर्च और इमली के पानी के साथ तेज़ मसालेदार वर्ज़न तैयार होता है।
खाने में खासियत
फिश एग करी में मसालों का संतुलन और पकाने का तरीका बेहद अहम होता है, क्योंकि मछली के अंडे जल्दी पक जाते हैं और इन्हें ओवरकुक करने से टेक्सचर बिगड़ सकता है। पकने के बाद इनका स्वाद थोड़ा समुद्री, हल्का नट जैसा और बेहद उम्दा होता है।
स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से
फिश एग प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन D, विटामिन B12, फॉस्फोरस और आयोडीन से भरपूर होते हैं। ये हृदय स्वास्थ्य, मस्तिष्क के विकास, आंखों की रोशनी और हड्डियों की मजबूती में मदद करते हैं।
परोसने के तरीके
फिश एग करी को अक्सर गरमा-गरम उबले चावल, जीरा राइस, मालाबार परोट्टा या तंदूरी रोटी के साथ खाया जाता है। खासकर बारिश के मौसम और सर्दियों में इसकी लोकप्रियता और भी बढ़ जाती है।
फिश एग करी का इतिहास
फिश एग करी, जिसे भारत के कई हिस्सों में माछेर डिमर झोल (Machher Dim’er Jhol – मछली अंडे की करी) के नाम से जाना जाता है, एक पारंपरिक और प्राचीन व्यंजन है। इसका इतिहास भारतीय तटीय और नदी किनारे की सभ्यताओं से जुड़ा हुआ है, जहाँ मछली और उसके अंडों का भोजन में खास महत्व रहा है।
1. प्राचीन जड़ें:
भारत में मछली का सेवन वैदिक काल से प्रचलित था। मछली और उससे जुड़े उत्पाद बंगाल, असम, ओडिशा और दक्षिण भारत में रोज़मर्रा के खानपान का हिस्सा रहे।मछली के अंडे (Fish Roe) को प्रोटीन और पोषण से भरपूर भोजन माना गया।
2. पूर्वी भारत में लोकप्रियता:
विशेषकर बंगाल और ओडिशा में फिश एग करी का लंबा इतिहास है। वहाँ इसे पारंपरिक तरीके से सरसों, हल्दी और मसालों के साथ पकाया जाता है।बंगाली रसोई में इसे डिमर बारा झोल या माछेर डिमर टॉरकारी कहा जाता है।
3. दक्षिण भारत में:
केरल और आंध्र प्रदेश में फिश एग करी नारियल के दूध और इमली के साथ तैयार की जाती है। यह क्षेत्रीय स्वाद और मसालों के कारण बंगाली शैली से अलग होती है।
4. ऐतिहासिक महत्व:
मछली के अंडे को सदियों से गरीब और अमीर दोनों वर्गों का भोजन माना गया है। अमीर घरानों में इसे स्वादिष्ट व्यंजन के तौर पर परोसा जाता था, वहीं साधारण लोग इसे प्रोटीन के सस्ते स्रोत के रूप में खाते थे।धीरे-धीरे यह व्यंजन त्योहारों और खास मौकों पर भी बनने लगा।
5. वैश्विक जुड़ाव:
केवल भारत ही नहीं, बल्कि जापान (Tarako, Ikura), रूस (Caviar), और यूरोपीय देशों में भी मछली के अंडे का सेवन होता है।भारत की फिश एग करी इसी वैश्विक परंपरा का देसी और मसालेदार रूप है।
इस तरह, फिश एग करी का इतिहास भारतीय तटीय खानपान, बंगाली परंपरा और दक्षिण भारतीय मसालों से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह एक ऐसा व्यंजन है जिसमें परंपरा और पोषण दोनों का अनोखा संगम देखने को मिलता है।
Table of Contents


फिश एग करी
Ingredients
- 250 ग्राम मछली का अंडा
- 1 चम्मच पोस्ता दाना
- 5 पीस हरा मिर्च
- 100 ग्राम मक्का का आटा
- 250 ग्राम टमाटर
- 150 ग्राम प्याज
- 50 ग्राम लहसुन
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 30 ग्राम अदरक
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1/2 चम्मच जीरा पाउडर
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1/2 चम्मच धनिया पाउडर
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 50 ग्राम देसी क्रीम
- नमक स्वाद अनुसार
Instructions
फिश एग करी बनाने की विधि :-
Step 1
- प्याज को छीलकर पानी से धोकर बारीक काट ले,टमाटर को पानी से धोकर बाड़ीक काट ले,हरा मिर्च के डंठल हटाकर बीच से चीड़ा लगा ले,लहसुन को छीलकर कली को अलग रख ले,अदरक को छीलकर अलग रख ले,धनिया पत्ता को पानी से धोकर बारीक काट ले।
Step 2
- ग्राइंडर मशीन चालू करें इसमें टमाटर,प्याज को डालकर पीसकर अलग बर्तन में निकाल कर रख ले, अदरक,लहसुन और पोस्ता दाना को अलग-अलग पीसकर अलग-अलग बर्तन में निकाल कर रख ले।
Step 3
- मछली के अंडा को पानी से धोकर अलग बर्तन में रख ले,फिर इसमें एक चुटकी हल्दी पाउडर,एक चुटकी लाल मिर्च पाउडर,मक्का के आटा और स्वाद अनुसार नमक डालकर मिला कर मध्यम आकार का टिक्की बनाकर रख ले।
Step 4
- ओवन चालू करके तैयार टिक्की को डालकर 70 डिग्री सेंटीग्रेड पर 10 मिनट तक पकने दे।10 मिनट के बाद ओवन बंद करके टिक्की को बाहर निकाल कर अलग बर्तन में रख ले।
Step 4
- चूल्हा जलाकर कराही चढ़ाकर कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे,जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब इसमें प्याज और टमाटर वाला पेस्ट डालकर भूने।
Step 5
- जब कराही में बुलबुला आने लगे तब लहसुन और अदरक का पेस्ट डालें फिर हल्दी पाउडर,जीरा पाउडर,लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर डालकर तब तक भूने जब तक भूनते भूनते मसाला का रंग लाल ना हो जाए।
Step 6
- जब मसाला का रंग लाल हो जाए तब 2 से 3 कप गर्म पानी डालकर चम्मच से चलाएं फिर ढक्कन से ढक कर 10 मिनट तक पकने दे। 10 मिनट के बाद ढक्कन को हटाकर इसमें देसी क्रीम,पोस्ता दाना का पेस्ट और रोस्ट किए हुए मछली के अंडे के साथ चीरा लगा हरा मिर्च को डालकर चम्मच से चलाएं और उबाल आने तक पकने दे।
Step 7
- जब उबाल आ जाए तो नमक स्वाद अनुसार डालें धनिया पत्ता को छिड़क दे 2 मिनट तक पकने दे,2 मिनट के बाद चूल्हा बंद करके कराही उतार ले फिश एग कड़ी तैयार है प्लेट में निकाल कर सर्व करें।
INGREDIENTS
- 250 ग्राम मछली का अंडा
- 1 चम्मच पोस्ता दाना
- 5 पीस हरा मिर्च
- 100 ग्राम मक्का का आटा
- 250 ग्राम टमाटर
- 150 ग्राम प्याज
- 50 ग्राम लहसुन
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 30 ग्राम अदरक
- 1 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1/2 चम्मच जीरा पाउडर
- 1 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 1/2 चम्मच धनिया पाउडर
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 50 ग्राम देसी क्रीम
- नमक स्वाद अनुसार
फिश एग करी बनाने की विधि :-
Step 1
प्याज को छीलकर पानी से धोकर बारीक काट ले,टमाटर को पानी से धोकर बाड़ीक काट ले,हरा मिर्च के डंठल हटाकर बीच से चीड़ा लगा ले,लहसुन को छीलकर कली को अलग रख ले,अदरक को छीलकर अलग रख ले,धनिया पत्ता को पानी से धोकर बारीक काट ले।
Step 2
ग्राइंडर मशीन चालू करें इसमें टमाटर,प्याज को डालकर पीसकर अलग बर्तन में निकाल कर रख ले, अदरक,लहसुन और पोस्ता दाना को अलग-अलग पीसकर अलग-अलग बर्तन में निकाल कर रख ले।
Step 3
मछली के अंडा को पानी से धोकर अलग बर्तन में रख ले,फिर इसमें एक चुटकी हल्दी पाउडर,एक चुटकी लाल मिर्च पाउडर,मक्का के आटा और स्वाद अनुसार नमक डालकर मिला कर मध्यम आकार का टिक्की बनाकर रख ले।
Step 4
ओवन चालू करके तैयार टिक्की को डालकर 70 डिग्री सेंटीग्रेड पर 10 मिनट तक पकने दे।10 मिनट के बाद ओवन बंद करके टिक्की को बाहर निकाल कर अलग बर्तन में रख ले।
Step 4
चूल्हा जलाकर कराही चढ़ाकर कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे,जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब इसमें प्याज और टमाटर वाला पेस्ट डालकर भूने।
Step 5
जब कराही में बुलबुला आने लगे तब लहसुन और अदरक का पेस्ट डालें फिर हल्दी पाउडर,जीरा पाउडर,लाल मिर्च पाउडर, धनिया पाउडर डालकर तब तक भूने जब तक भूनते भूनते मसाला का रंग लाल ना हो जाए।
Step 6
जब मसाला का रंग लाल हो जाए तब 2 से 3 कप गर्म पानी डालकर चम्मच से चलाएं फिर ढक्कन से ढक कर 10 मिनट तक पकने दे। 10 मिनट के बाद ढक्कन को हटाकर इसमें देसी क्रीम,पोस्ता दाना का पेस्ट और रोस्ट किए हुए मछली के अंडे के साथ चीरा लगा हरा मिर्च को डालकर चम्मच से चलाएं और उबाल आने तक पकने दे।
Step 7
जब उबाल आ जाए तो नमक स्वाद अनुसार डालें धनिया पत्ता को छिड़क दे 2 मिनट तक पकने दे,2 मिनट के बाद चूल्हा बंद करके कराही उतार ले फिश एग कड़ी तैयार है प्लेट में निकाल कर सर्व करें।
फिश एग करी के प्रकार
1. बंगाली फिश एग करी (माछेर डिमर झोल)
- यह सबसे प्रसिद्ध शैली है।
- इसमें फिश एग को पहले तला जाता है और फिर आलू, प्याज़, टमाटर, सरसों के तेल और बंगाली मसालों (जैसे पंचफोरन) से बनी ग्रेवी में पकाया जाता है।
- इसका स्वाद हल्का तीखा और सरसों की खुशबू से भरपूर होता है।
- बंगाल में इसे “डिमर बरा झोल” के रूप में भी परोसा जाता है।
2. ओडिया फिश एग करी
- ओडिशा में इसे “माछा मुठा करी” कहा जाता है।
- यहाँ फिश एग को पीसकर छोटे पकौड़े बनाए जाते हैं और फिर मसालेदार ग्रेवी में डाला जाता है।
- इसमें हल्दी, लहसुन और सरसों के दानों का स्वाद ज़्यादा होता है।
- चावल के साथ इसका कॉम्बिनेशन बेहद लोकप्रिय है।
3. दक्षिण भारतीय फिश एग करी
- केरल, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु में फिश एग करी बहुत अलग अंदाज में बनती है।
- इसमें नारियल का दूध, करी पत्ते, इमली और हरी मिर्च का ज़्यादा इस्तेमाल होता है।
- यह करी थोड़ी खट्टी-तीखी होती है और फिश एग का टेक्सचर सॉफ्ट रहता है।
- खासकर केरल स्टाइल फिश एग करी में नारियल का फ्लेवर ज़्यादा मिलता है।
4. गोअन फिश एग करी
- गोवा में यह करी कोंकणी मसालों और नारियल आधारित ग्रेवी में बनाई जाती है।
- यहाँ कोकम या इमली डालकर इसे खट्टा-तीखा बनाया जाता है।
- फिश एग का उपयोग छोटे-छोटे पकौड़े की तरह होता है।
5. असमिया फिश एग करी
- असम में इसे हल्के मसालों के साथ बहुत साधारण तरीके से पकाया जाता है।
- सरसों के तेल, हरी मिर्च, अदरक-लहसुन और हल्की ग्रेवी इसका आधार होता है।
- इसे “तेंगा करी” (खट्टी करी) के रूप में भी खाया जाता है।
इस तरह फिश एग करी भारत में क्षेत्रीय स्वाद और परंपराओं के अनुसार कई प्रकार की मिलती है –
- बंगाली (सरसों का स्वाद)
- ओडिया (पकौड़ा स्टाइल)
- दक्षिण भारतीय (नारियल और इमली का स्वाद)
- गोअन (कोंकणी स्टाइल)
- असमिया (साधारण और हल्की)
फिश एग करी के सर्विंग सुझाव
फिश एग करी का स्वाद तभी पूरा होता है जब इसे सही कॉम्बिनेशन और साइड डिश के साथ परोस जाए
1. चावल (Rice) के साथ
- गरमागरम स्टीम्ड राइस या बासमती राइस के साथ फिश एग करी का स्वाद सबसे बेहतरीन लगता है।
- बंगाल और ओडिशा में इसे रोज़ाना खाने में चावल के साथ परोसा जाता है।
2. भारतीय ब्रेड के साथ
- रोटी, तंदूरी रोटी, पराठा या नान के साथ भी यह करी अच्छी लगती है।
- खासकर गोअन और दक्षिण भारतीय स्टाइल फिश एग करी ब्रेड के साथ परोसने पर और भी स्वादिष्ट लगती है।
3. साइड डिश के रूप में
- इसे साधारण दाल-भात या खीरा-प्याज़ सलाद के साथ परोसें।
- मसालेदार स्वाद को बैलेंस करने के लिए रायता (प्याज़/बूंदी का) परोसा जा सकता है।
4. ट्रेडिशनल कॉम्बिनेशन
- बंगाल में – “फिश एग करी + गरम भात + हरी मिर्च”
- ओडिशा में – “फिश एग करी + सादा चावल + आलू भर्ता
- “दक्षिण भारत में – “फिश एग करी + इमली राइस / डोसा / अप्पम”
5. मॉडर्न सर्विंग आइडियाज़
- मिनी फिश एग करी बाउल्स को स्टार्टर की तरह परोसा जा सकता है।
- बासमती चावल पर गार्निश के लिए धनिया और नींबू डालकर सर्व करना, प्रेजेंटेशन को आकर्षक बनाता है।
छोटा टिप्स:
फिश एग करी का स्वाद गरमागरम खाने में ही सबसे अच्छा लगता है। इसलिए इसे ताज़ा बनाकर तुरंत सर्व करें।
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फिश एग करी के स्वास्थ्य संबंधी लाभ
1. मछली के अंडा में ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है जो कैंसर के खतरा को कम कर सकता है खासकर महिलाए के होने वाले स्तन कैंसर को रोकने में मदद कर सकता है।
2. मछली के अंडा खाने से आपके शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ता है आप सप्ताह में एक या दो रोज मछली के अंडा का सेवन करते हैं तो काफी रोगों से बच सकते हैं
3. मछली के अंडा में प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है जो आपकी मसल्स बढ़ाने के लिए अच्छा आहार माना जाता है।
4. मछली के अंडा पचने में सुपाच्य होता है जो आपके पाचन तंत्र को भी तंदुरुस्त रखने में सहायक है।
5. मछली के अंडा स्वास्थ्य के लिए आवश्यक विटामिन एवं खनिज का एक अच्छा स्रोत है,इसमें विटामिन 12 होता है जो लाल रक्त कोशिका उत्पादन और तंत्रिका कार्य के लिए महत्वपूर्ण है।
पोषण मूल्य (प्रति 100 ग्राम पका हुआ फिश एग – अनुमानित)
| पोषक तत्व | मात्रा | स्वास्थ्य लाभ |
| कैलोरी | 150–160 kcal | ऊर्जा प्रदान करता है, शरीर को एक्टिव रखता है। |
| प्रोटीन | 18–20 ग्राम | मांसपेशियों की मजबूती और ऊतक निर्माण में सहायक। |
| वसा (Fat) | 8–9 ग्राम | स्वस्थ वसा, शरीर को ऊर्जा और कोशिकाओं की रक्षा। |
| आयरन | 2 mg | खून में हीमोग्लोबिन की मात्रा बढ़ाता है। |
| ओमेगा-3 फैटी एसिड | 0.8–1.2 ग्राम | हृदय स्वास्थ्य, दिमाग की कार्यक्षमता और सूजन कम करने में लाभकारी। |
| विटामिन D | 250–300 IU | हड्डियों और दांतों को मज़बूत करता है। |
| विटामिन B12 | 5–6 µg | नर्वस सिस्टम और ब्लड सेल्स के लिए ज़रूरी। |
| फॉस्फोरस | 200–220 मि.ग्रा. | मेटाबॉलिज्म और कोशिकाओं के विकास के लिए ज़रूरी। |
| सेलेनियम | 60–80 µg | इम्युनिटी और थायरॉयड स्वास्थ्य के लिए लाभकारी। |
| विटामिन A | 250 IU | आंखों की रोशनी और त्वचा की सेहत बनाए रखता है। |
FAQs फिश एग करी के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जबाब
Q1. क्या मछली के अंडे को ओवन के जगह तवा पर रोस्ट कर सकते हैं
Aहा लेकिन तवा पर रोस्ट करते समय बारीकी से तेल का भी प्रयोग करते रहे।
Q2.क्या फिश एग करी में मुर्गी के अंडा डाल सकते हैं
Aनहीं मुर्गी का अंडा डालने से फिश एग करी का स्वाद खराब हो जाएगा।
Q3. मक्का के आटा के जगह पर बेसन का उपयोग कर सकते हैं
A हा कर सकते हैं लेकिन मक्का के आटा से व्यंजन में कुरकुरा रहता है जिससे ज्यादा स्वादिष्ट होता है।
Q4.फिश एग करी बनाने के लिए किस मछली के अंडे सबसे अच्छे होते हैं?
A रोहू, हिल्सा, कतला, और मैकेरल के अंडे स्वाद और टेक्सचर में बेहतरीन होते हैं।
Q5. क्या फिश एग करी गर्भवती महिलाओं के लिए सुरक्षित है?
A हाँ, लेकिन केवल अच्छी तरह पका हुआ और ताज़ा फिश एग ही खाएं, और डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर है।
Q6. फिश एग करी कितने समय में बन जाती है?
A करीब 20–25 मिनट में, क्योंकि अंडे जल्दी पक जाते हैं।
Q7. क्या फिश एग करी को फ्रीज़ किया जा सकता है?
A पकने के बाद इसे फ्रीज़ करने से टेक्सचर बदल सकता है, बेहतर है ताज़ा बनाकर खाया जाए।
Q8. क्या फिश एग में मछली जैसी गंध होती है?
A हाँ, हल्की समुद्री गंध होती है, जिसे मसालों और नींबू के रस से बैलेंस किया जाता है।
Q9. क्या इसे कम मसाले में भी बनाया जा सकता है?
A बिल्कुल, हल्के मसाले के साथ भी इसका स्वाद लाजवाब रहता है।
Q10. फिश एग करी किस क्षेत्र की सबसे ज़्यादा लोकप्रिय है
A फिश एग करी सबसे ज़्यादा बंगाल और ओडिशा में लोकप्रिय है, लेकिन दक्षिण भारत और गोवा में भी इसे अलग अंदाज़ में बनाया जाता है।
Q11. फिश एग करी और माछेर डिमर झोल में क्या अंतर है
A माछेर डिमर झोल बंगाली स्टाइल फिश एग करी है, जिसमें सरसों का तेल और पंचफोरन मसाले का उपयोग होता है। सामान्य फिश एग करी क्षेत्रीय स्वाद के अनुसार बदल सकती है।
Q12. क्या फिश एग करी पौष्टिक है
हाँ, इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, प्रोटीन, विटामिन D, B12 और आयरन भरपूर होते हैं, जो हृदय, दिमाग और इम्यूनिटी के लिए लाभकारी हैं।
नोट :- फिश एग करी के लिए हमेशा मछली के अंडा के रूप मे ताजा मछली के अंडा का ही उपयोग करें।
निष्कर्ष – फिश एग करी
फिश एग करी सिर्फ़ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भारत की तटीय और नदी किनारे की परंपराओं का हिस्सा है। सदियों से यह बंगाल, ओडिशा, असम और दक्षिण भारत की रसोई का अभिन्न अंग रही है।
हर क्षेत्र ने अपने मसालों, तेल और तकनीकों से इसमें अलग-अलग स्वाद जोड़े हैं—कहीं सरसों का तेल और पंचफोरन का जादू, तो कहीं नारियल और इमली का खट्टा-तीखा स्वाद।
पोषण की दृष्टि से यह व्यंजन बेहद समृद्ध है। इसमें मौजूद प्रोटीन, ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन और खनिज इसे एक हेल्दी और संतुलित भोजन बनाते हैं। यह न केवल स्वाद को संतुष्ट करता है बल्कि हृदय, मस्तिष्क, इम्यूनिटी और हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है।
संक्षेप में, फिश एग करी परंपरा, पोषण और स्वाद का अनोखा संगम है, जो भारतीय खानपान की विविधता और समृद्धि को दर्शाता है। यह डिश हर उस खाने के शौकीन के लिए ख़ास है, जो क्षेत्रीय भारतीय व्यंजनों की असली पहचान को समझना चाहता है।