सर्दियों में बथुआ के साग एक बहुत ही पौष्टिक आहार माना जाता हैआप इस विधि से बनाकर घर वाले को खिलाएंगे तो घर वाले खाकर खुश हो जाएंगे और आपका तारीफ करते नहीं थकेंगे
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बथुआ के साग का परिचय
सर्दियों में बथुआ के साग किसी वरदान से कम नहीं है,बथुआ के साग मे कई औषधीय गुण भी पाया जाता है,बथुआ के साग शरीर को कई तरह के पोषक तत्व प्रदान करता है, बथुआ के साग लाजवाब स्वाद के साथ सेहत के लिए लाभदायक होता है,बथुआ साग पूरे भारत में विभिन्न नाम से पाया जाता है लोग इसका उपयोग साग ,जूस एवं रायता के रूप में करते है।
भारत में बथुआ साग का उपयोग प्राचीन समय से होते आ रहा है, एक समय बिहार उत्तर प्रदेश मे गरीब के भोजन के रूप में बथुआ का साग, नमक और चावल का मार प्रमुख रूप से प्रचलित था, आज भी गरीब लोगों के बीच बथुआ के साग और चावल बहुत ज्यादा उपयोग में लाया जाता है, मोटा चावल के मार और नमक के साथ इसका स्वाद तो गजब ही लगता है।
बथुआ सर्दियों के दिन में देश भर के हरी सब्जी मार्केट में आसानी से मिल जाता है,आयुर्वेद के अनुसार बथुआ को एक बहुत ही उपयोगी औषधि माना गया है।बथुआ में प्रचुर मात्रा में विटामिन C, विटामिन बी2,बी3,बी5,कैल्शियम,लोहा,मैग्नीशियम,मैगजीन,फॉस्फोरस,पोटेशियम,सोडियम और मिनरल्स पाया जाता है,मीट से ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है।
मेरे व्यंजन
मेरे व्यंजन में बथुआ को नई विधि से बनाया गया है इसमें प्याज,टमाटर अदरक,लहसुन,मक्का के आटा के साथ बथुआ को मिश्रण किया गया है जिससे यह बहुत ही स्वादिष्ट बनता है सर्दियों के दिनों में मेरे परिवार के भोजन के मीनू का एक हिस्सा होता है बथुआ का साग जिसे बच्चे बूढ़े जवान हर कोई खाना पसंद करते हैं। औषधिय गुणों से भरपूर बथुआ को मेरे परिवार के हर लोग पसंद करते हैं।
आपसे अनुरोध है कि एक बार इस विधि से बनाकर जरूर खाएं बचपन में हम लोग बथुआ के सांग और मोटा चावल के मार और नमक, मार से तात्पर्य है चावल पकाने के बाद जो पानी बचता है उसके साथ इसको खाने का मजा ही कुछ और होता है यह मेरा बचपन का व्यक्तिगत अनुभव है जो लोग इस तरह से खाए होंगे उनके पास तो इसका स्वाद का अनुभव है लेकिन जो लोग नहीं खाए हैं उनसे मेरा अनुरोध है कि एक बार बथुआ के साग, चावल के मार और नमक के साथ बथुआ के साग का उपयोग करके नया अनुभव प्राप्त करें।
INGREDIENT
- 500 ग्राम बथुआ साग
- 50 ग्राम प्याज
- 25 ग्राम अदरक
- 3 पीस हरा मिर्च
- 50 ग्राम टमाटर
- 1/2 चम्मच गरम मसाला
- 3 पीस साबुत लाल मिर्च
- 1 चुटकी हींग
- 2 चम्मच मक्का के आटा
- 25 ग्राम लहसुन
- 1/2 चम्मच साबुत जीरा
- 2 चम्मच सरसों तेल
बथुआ के साग बनाने से पहले तैयारी
- बथुआ के साग बनाने के लिए सबसे पहले बथुआ के मोटे कठोर डंठल को काटकर अलग कर दे फिर बथुआ के साग को मोटा भाग में काट कर साफ पानी से दो से तीन बार अच्छी तरह साफ कर ले। प्याज को छीलकर पानी से धोकर बारीक काट ले,टमाटर को पानी से धोकर बारीक काट ले,अदरक को छीलकर पानी से धोकर बारीक काट ले,लहसुन के कलियों को छीलकर बारीक काट ले,हरा मिर्च को बारीक काट ले,एक कप पानी में मक्का के आटा को डालकर पतला घोल तैयार कर ले।
बथुआ के साग बनाने की विधि
Step1
बथुआ के साग बनाने के लिए सबसे पहले एक हांडी में बथुआ को को रखकर एक ग्लास पानी डालकर चूल्हा जलाकर उसे पर हांडी रखकर हांडी को ढक्कन से ढक कर 7 से 8 मिनट तक उबलने दे।
Step2
7 से 8 मिनट उबलने के बाद चूल्हा बंद कर दे हांडी को ठंडा होने दे जब सांग ठंडा हो जाए तब एक बर्तन के ऊपर जाली नुमा बर्तन रखकर इसमें साग को डालकर पानी गिरने के लिए रख दे एक्स्ट्रा पानी निकल जाए तब इसे एक हांडी में रखकर घोटनी के सहायता से अच्छी तरह घोंट ले।
Step3
चूल्हा जलाकर कराही चढ़ाकर कराही को गर्म होने दे,जब कराही गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे,जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब जीरा डालकर जीरा को चटकने दे।
Step4
जब जीरा चटक जाए तब अदरक और हरा मिर्च डालकर भूने, 1 मिनट बाद हींग डालकर चलाएं फिर साबुत लाल मिर्च, लहसुन, और प्याज डालकर प्याज का रंग हल्का सुनहरा रंग होने तक भूने।
Step5
जब प्याज का रंग हल्का सुनहरा हो जाए तब टमाटर डालकर 2 से 3 मिनट तक भूने, 2 से 3 मिनट बाद जब टमाटर नरम पड़ जाए तब उबले हुए बथुआ को डालकर चम्मच से चला कर सभी को मिलाये, फिर स्वाद अनुसार नमक डालकर चम्मच से चला कर ढक्कन से ढक कर 2 से 3 मिनट तक पकने दे।
Step6
2 से 3 मिनट बाद ढक्कन हटाकर चम्मच से चलाएं फिर तैयार मक्का के आटा का घोल डालकर अच्छा से मिलाये फिर गरम मसाला डालकर 2 से 3 मिनट चलाते हुए पकाए, 2 से 3 मिनट बाद चूल्हा बंद कर दे बथुआ के साग तैयार है प्लेट में निकाल कर सर्व करें।
बथुआ के साग
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बथुआ के साग के स्वास्थ्य संबंधी लाभ
- बथुआ में प्रचुर मात्रा में सोडियम और प्रोटीन पाया जाता है सर्दियों के मौसम में बथुआ के सेवन करने से पाचन संबंधी समस्या जैसे पेट दर्द, उल्टी, कब्ज मे राहत मिलता है, बथुआ के के सेवन करने से पेट के कीड़े से भी छुटकारा पाया जा सकता है बथुआ आमाशय को ताकत देता है और शरीर में ताकत आता है शरीर में ऊर्जा बना रहता है बथुआ शरीर के रक्त को भी शुद्धिकरण का कार्य करता है।
- जिन लोगों को स्क्रीन प्रॉब्लम के कारण चेहरे पर कील मुंहासे फोड़े दाद खुजली जैसी समस्याएं है वे लोग नियमित रूप से बथुआ का सेवन करते हैं तो इन समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
- सर्दियों के मौसम में लोगों द्वारा पानी का सेवन कम किया जाता है जिस कारण मूत्र या यूरिन में जलन, दर्द और पेशाब के रुक रुक आना जैसी समस्या हो जाती है जिसको बथुआ के सेवन करने से इन समस्याओं से राहत पाया जा सकता है।
- जिन महिलाओं को मासिक धर्म अनियमित और रुक-रुक के आता है जिस कारण उनको असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है उनको बथुआ के सेवन से राहत मिल सकता है।
- जिन लोगों को सांसों से बदबू आती है उन लोगों के बथुआ का सेवन करना सांसों के बदबू से छुटकारा दिलाने में मदद कर सकता है।
FAQs बथुआ के साग के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब
Q1. क्या बथुआ के साग में टमाटर डालना जरूरी है
A नहीं टमाटर यह वैकल्पिक है आप अगर टमाटर को पसंद नहीं करते हैं तो इसका उपयोग नहीं करें।
Q2. क्या बथुआ के साग में मक्का के आटा डालना जरूरी है
A नहीं लेकिन मक्का के आटा डालने से साग मुलायम हो जाता है और खाने में स्वादिष्ट हो जाता है।
Q3. क्या बथुआ के साग में दही का उपयोग कर सकते हैं
A नहीं दही का उपयोग कड़वा सांग में उसके कड़वाहट को कम करने के लिए किया जाता है