चिकन देहाती का परिचय
चिकन देहाती एक पारंपरिक और देशी स्वाद से भरपूर भारतीय व्यंजन है, जो खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में और घर के देसी अंदाज़ में बनाया जाता है। यह डिश मसालों की गहरी खुशबू, देसी पकाने की विधि और मिट्टी की महक से जुड़ी होती है, जो इसे खास बनाती है। इसमें ताज़े पिसे मसाले, प्याज़, टमाटर, लहसुन, अदरक और हरी मिर्च का भरपूर इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इसका स्वाद गाढ़ा और चटपटा हो जाता है।
चिकन देहाती की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसे पारंपरिक तरीकों से पकाया जाता है, जैसे—मिट्टी के चूल्हे पर धीमी आंच में, लोहे की कड़ाही में या तंदूरी अंदाज़ में। इसमें अक्सर घर में बनी देसी घी या सरसों के तेल का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
यह व्यंजन न सिर्फ स्वाद में लाजवाब होता है, बल्कि इसमें इस्तेमाल होने वाले मसाले शरीर को ऊर्जा और गर्माहट भी देते हैं। खासतौर पर ठंड के मौसम या परिवार के मिलन के मौके पर, चिकन देहाती एक लोकप्रिय चुनाव होता है। इसे गर्मागर्म रोटी, तंदूरी रोटी, बाजरे/मक्के की रोटी या चावल के साथ परोसा जाता है।
चिकन देहाती का इतिहास
चिकन देहाती का इतिहास भारत की ग्रामीण रसोई और परंपरागत खान-पान से गहराई से जुड़ा हुआ है। यह व्यंजन उन दिनों से प्रचलित है, जब गाँवों में खाना पकाने के लिए आधुनिक रसोई उपकरण नहीं होते थे और लोग मिट्टी के चूल्हे, लकड़ी या उपलों की आग पर भोजन तैयार करते थे।
इस डिश का जन्म मुख्यतः उत्तर भारत के ग्रामीण इलाकों में हुआ, लेकिन समय के साथ यह पूरे देश में लोकप्रिय हो गई। पहले के समय में चिकन आसानी से उपलब्ध नहीं होता था, इसलिए इसे खास मौकों—जैसे त्योहार, शादी, मेहमानों का स्वागत या फसल कटाई के बाद के भोज—में बनाया जाता था।
देहाती चिकन रेसिपी में ताज़े और घर में उपलब्ध मसालों का इस्तेमाल होता था। लोग प्याज़, अदरक, लहसुन, हरी मिर्च और हल्दी को सिलबट्टे पर पीसते थे, जिससे मसाले की सुगंध और स्वाद अलग ही स्तर पर पहुँच जाता था। सरसों का तेल, देसी घी, और कभी-कभी गाँव के खेतों से निकला ताज़ा दूध या दही इसका खास हिस्सा होता था।
इसके स्वाद की खासियत इसकी धीमी आँच पर पकाने की विधि थी, जिससे चिकन नरम और मसाले में पूरी तरह से घुल-मिल जाता था। यही कारण है कि इसे देहाती यानी ग्रामीण अंदाज़ कहा जाता है—जहाँ पकाने में जल्दीबाज़ी नहीं होती और हर कौर में मिट्टी और परंपरा की खुशबू होती है।
आज भी, होटल और ढाबों में “देहाती चिकन” नाम से यह डिश परोसी जाती है, लेकिन असली स्वाद अब भी गाँव की रसोई में, लोहे की कड़ाही और लकड़ी की आग में ही मिलता है।
Table of Contents


चिकन देहाती
Ingredients
- 250 ग्राम साबुत गरम मसाला
- 750 ग्राम प्याज
- 25 ग्राम साबुत लाल मिर्च
- 2 चम्मच गोल मिर्च पाउडर
- 3 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच जीरा पाउडर
- 10 ग्राम साबुत जीरा
- 1 पीस जायफल
- 50 ग्राम किचन किंग
- 2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 50 ग्राम दही
- 100 ग्राम टमाटर
- 50 ग्राम धनिया पत्ता
- 50 ग्राम हरी मिर्च
- 150 ग्राम अदरक
- 150 ग्राम लहसुन
- 50 ग्राम चिकन मसाला
- 50 ग्राम काजू
- 300 ग्राम सरसों तेल
- 1 पीस निंबू
- नमक स्वाद अनुसार
- 2 साबुत मुर्गा
Instructions
बनाने की विधि
- 2 साबूत चिकन 1 kg साइज का लेना है।
- एक बड़ा बर्तन में पानी डालकर गर्म करें,जब पानी खोलने लगे तो दोनों चिकन को उसमें उबलने के लिए डाल दे 10 मिनट उबलने बाद इसको निकाल ले,उबले हुए चिकन के पंख को अच्छी तरह साफ कर ले।
- एक बर्तन में हल्दी पाउडर 1 चम्मच किचन किंग,1 चम्मच सरसों तेल डालकर पेस्ट बना ले इस पेस्ट को साफ किए हुए चिकन के ऊपर अच्छा से लगा दे।
- चूल्हा को जला दे धीमी आंच कर दे चिकन को धीमी आंच पर चिमटे के सहारे से सेके (Roasted ) तब तक सेके जब तक चिकन का रंग सुनहरा ना हो जाए।
- जब चिकन का रंग सुनहरा हो जाए तब चौपर से काटकर पेट को अच्छी तरह साफ कर ले कलेजी एवं पथरी को अलग कर ले फिर चिकन को अपने अनुसार छोटा छोटा पीस कर ले।
- प्याज को छीलकर पानी से धो कर बारीक काट ले,एक अलग बर्तन में हल्दी पाउडर,लाल मिर्च पाउडर,जीरा पाउडर,किचन किंग पाउडर,गोल मिर्च पाउडर इन सबको पानी मिलाकर पेस्ट बना ले, अदरक छीलकर पानी से धोकर ग्राइंडर में पीसकर पेस्ट बनाकर अलग प्लेट में निकाल ले, 100 ग्राम साबुत गरम मसाला एवं जायफल को मिला कर ग्राइंडर मे डालकर पिसकर अलग प्लेट में निकाल कर रख ले, लहसुन के टुकड़ा निकाल कर छिलकर कर एक बर्तन में रख ले, हरी मिर्च के डंठल निकाल ले,टमाटर को पानी से धो ले।
- चूल्हा जलाकर उसके ऊपर कराही चढ़ाकर कराही को गर्म होने दे, जब कड़ाही गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर सरसो तेल को गर्म होने दे,जब सरसो तेल गर्म हो जाए तब 4 चम्मच पानी तेल मे डालकर तेल के झास को खत्म होने दे फिर कलेजी एवं पथरी के टुकड़ा को डालकर जब इसका रंग सुनहरा रंग के हो जाए तो निकाल कर एक अलग बर्तन में रख ले फिर तेल को गर्म होने दे, जब तेल गर्म हो जाए तब साबुत जीरा, साबुत गरम मसाला तेल में डाल कर जीरा को चटकने दे।
- जब जीरा चटक जाए तब बारीक कटे हुए प्याज को डालकर प्याज का रंग सुनहरा रंग होने तक भूने, जब प्याज का रंगसुनहरा रंग का हो जाए तब लहसुन के छिले हुए कली, चिकन के पीस किए हुए टुकड़े को डालकर अच्छी तरह चलाएं,2 मिनट चलाने के बाद इसमें तैयार किए हुए मसालों के पेस्ट,नमक स्वाद के अनुसार डालकर 4 मिनट तक इसको भुने,फिर इसमें 2 कप गर्म पानी डालकर चलाएं,चलाने के बाद साबुत टमाटर,दही डालकर चलाएं,कराही को ढक्कन से ढक कर 30 मिनट तक पकने दें।
- 30मिनट पकने के बाद ढक्कन सावधानी पूर्वक हटाए और चलाये इसमें से टमाटर के छिलके को निकाल कर फेक दे,हरी मिर्च,अदरक का पेस्ट,धनिया पत्ता और गरम मसाला के पाउडर डालकर मिलाएं, ग्रेवी के आवश्यकता अनुसार गर्म पानी मिला ले,5 मिनट तक ढक्कन से ढककर पकने दे , 5 मिनट बाद,चूल्हा बंद कर दे।
- फ्राई कलेजी एवं पथरी को चाकू से बारीक काट ले इसमें नींबू का रस 1 चुटकी लाल मिर्च पाउडर मिला कर चिकन देहाती के साथ भूर्जी कलेजी,पथरी का आनंद लें।

बनाने की विधि
2 साबूत चिकन 1 kg साइज का लेना है।
एक बड़ा बर्तन में पानी डालकर गर्म करें,जब पानी खोलने लगे तो दोनों चिकन को उसमें उबलने के लिए डाल दे 10 मिनट उबलने बाद इसको निकाल ले,उबले हुए चिकन के पंख को अच्छी तरह साफ कर ले।
एक बर्तन में हल्दी पाउडर 1 चम्मच किचन किंग,1 चम्मच सरसों तेल डालकर पेस्ट बना ले इस पेस्ट को साफ किए हुए चिकन के ऊपर अच्छा से लगा दे।
चूल्हा को जला दे धीमी आंच कर दे चिकन को धीमी आंच पर चिमटे के सहारे से सेके (Roasted ) तब तक सेके जब तक चिकन का रंग सुनहरा ना हो जाए।
जब चिकन का रंग सुनहरा हो जाए तब चौपर से काटकर पेट को अच्छी तरह साफ कर ले कलेजी एवं पथरी को अलग कर ले फिर चिकन को अपने अनुसार छोटा छोटा पीस कर ले।
प्याज को छीलकर पानी से धो कर बारीक काट ले,एक अलग बर्तन में हल्दी पाउडर,लाल मिर्च पाउडर,जीरा पाउडर,किचन किंग पाउडर,गोल मिर्च पाउडर इन सबको पानी मिलाकर पेस्ट बना ले, अदरक छीलकर पानी से धोकर ग्राइंडर में पीसकर पेस्ट बनाकर अलग प्लेट में निकाल ले, 100 ग्राम साबुत गरम मसाला एवं जायफल को मिला कर ग्राइंडर मे डालकर पिसकर अलग प्लेट में निकाल कर रख ले, लहसुन के टुकड़ा निकाल कर छिलकर कर एक बर्तन में रख ले, हरी मिर्च के डंठल निकाल ले,टमाटर को पानी से धो ले।
चूल्हा जलाकर उसके ऊपर कराही चढ़ाकर कराही को गर्म होने दे, जब कड़ाही गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर सरसो तेल को गर्म होने दे,जब सरसो तेल गर्म हो जाए तब 4 चम्मच पानी तेल मे डालकर तेल के झास को खत्म होने दे फिर कलेजी एवं पथरी के टुकड़ा को डालकर जब इसका रंग सुनहरा रंग के हो जाए तो निकाल कर एक अलग बर्तन में रख ले फिर तेल को गर्म होने दे, जब तेल गर्म हो जाए तब साबुत जीरा, साबुत गरम मसाला तेल में डाल कर जीरा को चटकने दे।
जब जीरा चटक जाए तब बारीक कटे हुए प्याज को डालकर प्याज का रंग सुनहरा रंग होने तक भूने, जब प्याज का रंगसुनहरा रंग का हो जाए तब लहसुन के छिले हुए कली, चिकन के पीस किए हुए टुकड़े को डालकर अच्छी तरह चलाएं,2 मिनट चलाने के बाद इसमें तैयार किए हुए मसालों के पेस्ट,नमक स्वाद के अनुसार डालकर 4 मिनट तक इसको भुने,फिर इसमें 2 कप गर्म पानी डालकर चलाएं,चलाने के बाद साबुत टमाटर,दही डालकर चलाएं,कराही को ढक्कन से ढक कर 30 मिनट तक पकने दें।
30मिनट पकने के बाद ढक्कन सावधानी पूर्वक हटाए और चलाये इसमें से टमाटर के छिलके को निकाल कर फेक दे,हरी मिर्च,अदरक का पेस्ट,धनिया पत्ता और गरम मसाला के पाउडर डालकर मिलाएं, ग्रेवी के आवश्यकता अनुसार गर्म पानी मिला ले,5 मिनट तक ढक्कन से ढककर पकने दे , 5 मिनट बाद,चूल्हा बंद कर दे।
फ्राई कलेजी एवं पथरी को चाकू से बारीक काट ले इसमें नींबू का रस 1 चुटकी लाल मिर्च पाउडर मिला कर चिकन देहाती के साथ भूर्जी कलेजी,पथरी का आनंद लें।
चिकन देहाती की वैराइटी
चिकन देहाती का असली स्वाद उसकी रस्टिक यानी ग्रामीण शैली की पकाने की विधि में छुपा है, लेकिन अलग-अलग क्षेत्रों और स्वाद के अनुसार इसमें कई वैराइटी पाई जाती हैं।
1. देसी घी वाला चिकन देहाती
इसमें सरसों के तेल की जगह देसी घी का इस्तेमाल किया जाता है।स्वाद में गहराई और सुगंध दोनों ही बढ़ जाते हैं।सर्दियों में यह ज्यादा लोकप्रिय है क्योंकि घी शरीर को गर्म रखता है।
2. सरसों तेल वाला चिकन देहाती
सबसे क्लासिक और असली अंदाज़, जिसमें सरसों का तेल तेज आँच पर धुआँ छोड़ते हुए इस्तेमाल किया जाता है।सरसों तेल का तीखापन और मसालों का मेल एक देसी स्वाद देता है।
3. स्मोकी फ्लेवर चिकन देहाती
पकाने के अंत में अंगारे पर घी डालकर और ढककर स्मोकी फ्लेवर दिया जाता है।यह तरीका ढाबों और गाँव के आयोजनों में काफी मशहूर है।
4. मटकी / मिट्टी की हांडी वाला चिकन देहाती
चिकन को मिट्टी की हांडी में धीमी आँच पर पकाया जाता है।इसमें मिट्टी की हल्की महक और स्टीम में पका नरम मांस स्वाद को खास बना देता है।
5. हरा मसाला चिकन देहाती
इसमें हरा धनिया, पुदीना, हरी मिर्च और पालक का पेस्ट मिलाकर पकाया जाता है।रंगत हरी होती है और स्वाद हल्का व ताज़गी भरा।
6. ढाबा स्टाइल चिकन देहाती
मोटे मसालों और ज्यादा तेल-घी के साथ, तीखा और मसालेदार स्वाद।इसे अक्सर तंदूरी रोटी या पराठे के साथ परोसा जाता है।
7. नारियल वाला चिकन देहाती (South Indian Touch)
इसमें कद्दूकस किया नारियल और नारियल दूध का इस्तेमाल किया जाता है।स्वाद क्रीमी और हल्का मीठा हो जाता है।
Related recipes
चिकन देहाती के स्वास्थ्य लाभ
चिकन देहाती सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि पोषण और सेहत के मामले में भी खास है। इसमें इस्तेमाल होने वाली सामग्री—चिकन, मसाले, सरसों का तेल या देसी घी—शरीर को कई तरह से लाभ पहुँचाते हैं।
1. उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन स्रोत
देहाती चिकन में चिकन मांस का भरपूर उपयोग होता है, जो उच्च गुणवत्ता वाला लीन प्रोटीन प्रदान करता है।यह मांसपेशियों की मजबूती, ऊतकों की मरम्मत और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करता है।
2. मेटाबॉलिज्म और ऊर्जा बढ़ाता है
चिकन में मौजूद विटामिन B कॉम्प्लेक्स, विशेष रूप से विटामिन B6, शरीर के मेटाबॉलिज्म को तेज करता है।देहाती मसाले जैसे अदरक, लहसुन और हरी मिर्च शरीर में गर्मी और ऊर्जा बनाए रखते हैं, खासकर सर्दियों में।
3. इम्यूनिटी बूस्टर
लहसुन, अदरक और हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।यह संक्रमणों से बचाव करते हैं और शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।
4. पाचन में सहायक
सरसों का तेल और ताज़े पिसे मसाले पेट में पाचक रसों के स्राव को बढ़ाते हैं।हरी मिर्च और काली मिर्च पेट में गैस बनने से रोकते हैं और भूख को उत्तेजित करते हैं।
5. हड्डियों और जोड़ों के लिए फायदेमंद
चिकन में मौजूद फॉस्फोरस और कैल्शियम हड्डियों और दाँतों को मजबूत करते हैं।देसी घी में पकाने से शरीर में लुब्रिकेशन बना रहता है, जिससे जोड़ों में दर्द कम हो सकता है।
6. दिल की सेहत के लिए लाभकारी
यदि देहाती चिकन बिना ज्यादा तेल और मक्खन के बनाया जाए तो यह लो-फैट प्रोटीन डिश बन सकता है, जो दिल के लिए अच्छा है।लहसुन और हल्दी ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करते हैं और कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
7. सर्दी-ज़ुकाम में राहत
मसालेदार और गर्माहट देने वाला यह व्यंजन सर्द मौसम में शरीर को गर्म रखता है।अदरक-लहसुन और काली मिर्च नाक बंद होने, गले में खराश और सर्दी-ज़ुकाम में आराम देते हैं।
चिकन देहाती का पोषण चार्ट
(प्रति 100 ग्राम पके हुए चिकन देहाती के अनुमानित आंकड़े)
| पोषक तत्व | मात्रा | लाभ |
| कैलोरी | 180-200 kcal | शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है |
| प्रोटीन | 22-25 g | मांसपेशियों की मजबूती और ऊतक मरम्मत |
| वसा | 8-10 g | शरीर में ऊर्जा का दीर्घकालिक स्रोत |
| सैचुरेटेड फैट | 2-3 g | हार्मोन उत्पादन में मदद |
| कार्बोहाइड्रेट | 4-6 g | त्वरित ऊर्जा |
| फाइबर | 1-1.5 g | पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है |
| शुगर | 1-2 g | प्राकृतिक स्वाद व ऊर्जा |
| विटामिन B6 | 0.5-0.7 mg | मेटाबॉलिज्म और मस्तिष्क स्वास्थ्य |
| विटामिन B12 | 0.5-1 mcg | नसों और खून के स्वास्थ्य के लिए |
| विटामिन D | 5-7 IU | हड्डियों की मजबूती |
| आयरन | 1-1.3 mg | खून में हीमोग्लोबिन बढ़ाता है |
| फॉस्फोरस | 180-200 mg | हड्डियों और दाँतों के लिए |
| पोटैशियम | 250-300 mg | हृदय और मांसपेशी कार्य के लिए |
| सोडियम | 350-400 mg | इलेक्ट्रोलाइट संतुलन |
| जिंक | 1-1.2 mg | इम्यूनिटी और घाव भरने में सहायक |
नोट: यह चार्ट औसत अनुमान है। असल पोषण मान आपके द्वारा इस्तेमाल किए गए तेल, मसालों और पकाने की विधि पर निर्भर करेगा।
चिकन देहाती: FAQ
Q1 चिकन देहाती का स्वाद कैसा होता है?
A: चिकन देहाती का स्वाद गाँव की स्थानीय मसालों और तरीकों से तैयार किये जाने के कारण बहुत स्वादिष्ट होता है, जो आपको खाने के बाद मिलने वाले खास मसालों का आनंद दिलाता है।
Q2 क्या चिकन देहाती खाना स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है
A: हा , चिकन देहाती में प्रचुर मात्रा में प्रोटीन पाया जाता है और स्वाद में अद्विती होती है, जिससे यह आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है।
Q3 चिकन देहाती को किस चीज के साथ खा सकते हैं
A: आप चिकन देहाती को रोटी, सदा पराठा, नान,चावल, पुलाव, जीरा राइस, हरा धनिया चटनी, कच्चा प्याज के साथ खा सकते हैं।
Q4. चिकन देहाती बनाने में कितना समय लगता है
A आमतौर पर 40–60 मिनट लगते हैं, लेकिन अगर इसे धीमी आँच पर पकाया जाए तो स्वाद और भी बढ़िया आता है।
Q5. क्या चिकन देहाती के लिए ब्रॉयलर चिकन इस्तेमाल कर सकते हैं
Aहाँ, लेकिन देसी चिकन (Country Chicken) में स्वाद और पौष्टिकता अधिक होती है। ब्रॉयलर में पकने का समय कम लगता है, जबकि देसी चिकन को धीमी आँच पर ज़्यादा समय देना चाहिए।
Q6. क्या बिना सरसों तेल के भी यह रेसिपी बन सकती है
A जी हाँ, आप रिफाइंड ऑयल, नारियल तेल या देसी घी का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन सरसों तेल वाला स्वाद सबसे प्रामाणिक होता है।
Q7. क्या चिकन देहाती को बिना प्याज़-लहसुन के बनाया जा सकता है
हाँ, खासकर धार्मिक अवसरों पर। इसके लिए आप टमाटर, अदरक, हरी मिर्च और सूखे मसालों से ग्रेवी बना सकते हैं।
Q8. क्या इसे प्रेशर कुकर में बना सकते हैं
हाँ, लेकिन धीमी आँच पर कड़ाही में पकाने जैसा असली देहाती स्वाद प्रेशर कुकर में नहीं मिलता।
चिकन देहाती – अंतिम निष्कर्ष
चिकन देहाती सिर्फ एक व्यंजन नहीं, बल्कि भारत की ग्रामीण रसोई की आत्मा है। यह उस दौर की याद दिलाता है, जब खाना पकाना सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं, बल्कि परिवार और दोस्तों को एक साथ बैठाकर, प्यार और अपनापन बाँटने का जरिया था।
इस डिश की खासियत है — ताज़े मसाले, देसी पकाने का तरीका, और धीमी आँच पर पकने का धैर्य। सरसों के तेल, देसी घी, लोहे की कड़ाही, और लकड़ी की आग का मेल इसे एक ऐसा स्वाद देता है, जिसे कोई भी आधुनिक किचन गैजेट पूरी तरह से नहीं दे सकता।
पोषण की दृष्टि से भी यह लाभकारी है — इसमें भरपूर प्रोटीन, विटामिन, मिनरल्स और मसालों के औषधीय गुण मौजूद हैं। यह शरीर को ऊर्जा, गर्माहट और रोग-प्रतिरोधक क्षमता देता है।
आज, चाहे होटल हो, ढाबा या घर की रसोई, चिकन देहाती अपने प्रामाणिक देसी स्वाद और सांस्कृतिक जुड़ाव के कारण लोगों का पसंदीदा बना हुआ है। यह व्यंजन हमें सिखाता है कि कभी-कभी धीमे, प्यार और धैर्य से बनाए गए खाने का आनंद, किसी भी फास्ट-फूड से कहीं अधिक होता है।
