बैगन बड़ी ऐसी सब्जी इस विधि से बनाकर आप एक बार खाएंगे तो बार-बार इसे बनाकर आप और आपके परिवार वाले खाना पसंद करेंगे, खाने वाले उंगली चाटने पर बिबश हो जाएंगे
बैगन बड़ी का परिचय
बैगन बड़ी एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है, जिसमें बैगन (बैंगन) और बड़ी (आमतौर पर दाल से बनी सूखी वड़ियाँ) का स्वादिष्ट मेल होता है। यह व्यंजन खासतौर पर उत्तर भारत, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण और शहरी घरों में काफी लोकप्रिय है।
इसमें बैगन की नरम, हल्की मिठास और दाल की बदियों का कुरकुरापन या नर्मापन—दोनों मिलकर एक अनोखा स्वाद पैदा करते हैं। इसे मसालेदार ग्रेवी या सूखे रूप में बनाया जाता है और अक्सर चावल या रोटी के साथ परोसा जाता है।
बैगन बड़ी न केवल स्वाद में खास है, बल्कि यह पारंपरिक भारतीय रसोई में सादगी और देसीपन का बेहतरीन उदाहरण भी है। घर में बनी बदियाँ साल भर के लिए सूखा कर रखी जाती हैं, ताकि जब भी ताज़ी सब्ज़ियों की कमी हो, तब यह व्यंजन आसानी से बनाया जा सके।
बैगन बड़ी का इतिहास और क्षेत्रीय विविधताएँ
इतिहास
बैगन बड़ी का इतिहास भारतीय ग्रामीण जीवन और पारंपरिक खाद्य भंडारण की आदतों से जुड़ा है।
पुराने समय में ताज़ी सब्ज़ियाँ हर मौसम में उपलब्ध नहीं होती थीं।इसलिए लोग दाल पीसकर धूप में सुखाकर बड़ी (वड़ी) बनाते थे, जो साल भर सुरक्षित रहती थी।
जब ताज़ी सब्ज़ियाँ कम होतीं, तब इन बदियों को आलू, बैगन, लौकी, सहजन की फली आदि के साथ पकाया जाता था।
बैगन और बड़ी का मेल इसलिए लोकप्रिय हुआ क्योंकि बैगन आसानी से उपलब्ध था, जल्दी पक जाता था और मसालों को अच्छी तरह सोख लेता था।
क्षेत्रीय विविधताएँ
1. बिहार और झारखंडयहाँ
बैगन बड़ी को सरसों के तेल में पकाया जाता है।
पंचफोरन मसाले का इस्तेमाल आम है।
कभी-कभी आलू या टमाटर भी मिलाया जाता है।
2. पूर्वी उत्तर प्रदेश
मसालेदार तरी (ग्रेवी) के साथ बनाई जाती है।
गेहूँ की रोटी या गरम-गरम चावल के साथ परोसी जाती है।
3. पंजाब
पंजाबी वड़ी (जो आमतौर पर चना दाल और मसालों से बनी होती है) को बैगन के साथ पकाया जाता है।
इसमें टमाटर-प्याज की गाढ़ी ग्रेवी का इस्तेमाल होता है।
4. बंगाल
यहाँ बैगन बड़ी में बंगाली मसाले और सरसों के पेस्ट का स्वाद शामिल होता है।
इसे “बेगुन बोरी” कहा जाता है।
5. राजस्थान
सूखे वातावरण के कारण यहाँ भी वड़ी बनाई जाती है, लेकिन बैगन के बजाय अन्य सब्ज़ियों के साथ पकाना आम है।
हालांकि कुछ घरों में बैगन-बड़ी का भी प्रयोग मिलता है।
Table of Contents


बैगन बड़ी
Ingredients
- 500 ग्राम बैगन
- 200 ग्राम उड़द दाल
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 50 ग्राम फिश मसाला
- 2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 10 ग्राम साबुत जीरा
- 1 चम्मच गोल मिर्च पाउडर
- 100 ग्राम टमाटर
- 50 ग्राम धनिया पत्ता
- 100 ग्राम दूध
- 50 ग्राम मलाई
- 10 ग्राम मंगरैल
- काला नमक स्वाद अनुसार
- नमक स्वाद अनुसार
Instructions
बैगन बड़ी बनाने की विधि:-
Step 1
- बैगन बड़ी बनाने के लिए सबसे पहले उड़द दाल को एक बर्तन मे पानी में भिगोकर रात में फूलने के लिए रख दें, अगले दिन इसको पानी से निकाल कर ग्राइंडर में पीसकर बर्तन में निकाल ले,इसमें मंगरैल डालकर अच्छा तरह से फेट कर छोटा-छोटा गोला बनाकर एक सूती कपड़ा के ऊपर धूप में सूखने के लिए रख दे।
Step 2
- जब धूप में उरद के बड़ी अच्छी तरह सूख जाए तो इसे इकट्ठा करके एक बर्तन में रख ले, चूल्हा जलाकर धीमी आंच कर दे कराही चढ़ा कर, कराही को गर्म होने दें,जब कराही गर्म हो जाए तब सरसों तेल इसमें डाल दे,जब सरसो तेल गर्म हो जाए तब उड़द के तैयार बड़ी को डालकर फ्राई करें,जब लाल हो जाए तब निकाल ले,चूल्हा बंद कर दे,अब फ्राई किए हुए उरद के बड़ी को एक बर्तन मे पानी डालकर उसमे 10 मिनट तक फूलने के लिए डाल दे।
Step 3
- बैगन को पानी से धोकर डंठल हटाकर उंगली के साइज का काट ले एक बर्तन में पानी डालकर उसमे एक चम्मच नमक डालकर उसमें बैगन के कटे हुए पीस को रख दे, धनिया के पत्ता को पानी से धोकर बारीक काट ले, टमाटर को पानी से धोकर बारीक काट कर अलग प्लेट में रख ले, एक कटोरी में फिश मसाला,लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर,गोल मिर्च पाउडर सभी को एक साथ मिलाकर हल्का पानी डालकर पेस्ट तैयार कर अलग रख ले ।
Step 4
- पानी में से उरद के बड़ी को निकाल कर पानी गिरने के लिए एक बर्तन में रख दें।
Step 5
- चूल्हा को जलाकर धीमी आंच कर दे कराही को चढ़ा दे, कराही मे उरद बड़ी फ्राई के बाद बचे हुए तेल को गर्म होने दे जब तेल गर्म हो जाए तब जीरा को डाले, जीरा को चटकने दे जब जीरा चटक जाए तब पहले से तैयार मसाला का पेस्ट डाल दे फिर अच्छी तरह भूने,तब तक भूने जब तक मसाला से तेल ऊपर न आ जाए
Step 6
- ।जब मसाला के ऊपर तेल नजर आने लगे तब 100 ग्राम गर्म पानी डाल दे फिर भुने जब पूरी तरह भून जाए तब कटे हुए बैगन के पीस को पानी से निकाल कर डाल दे, फिर 2 से 3 मिनट तक चलाएं उसके बाद स्वाद अनुसार नमक डाल दे फिर इसको 1 से 2 मिनट तक चलाएं फिर तले हुए उरद बड़ी को इसमें डालकर 1 से 2 मिनट तक चलाएं ग्रेवी के आवश्यकता अनुसार गर्म पानी डाल कर फिर ढक्कन से ढक कर 5 से 7 मिनट तक के लिए इसको पकने के लिए छोड़ दे।
Step 7
- अब दूसरे चूल्हा पर दूध को एक बर्तन मे डाल कर चूल्हा पर चढ़ा कर गर्म कर ले, 5 से 7 मिनट हो गया है तो कराही के ढक्कन को हटाकर उसमें गर्म दूध को डाल दे फिर अच्छी तरह चलाएं,काला नमक और बाड़ीक कटे हुए टमाटर को इसमें डाल दे,फिर कराही के ढक्कन से ढक दे,3 से 4 मिनट इसको पकने दें।
Step 8
- 3 से 4मिनट बाद ढक्कन हटाकर मलाई डालकर अच्छी तरह चलाएं ग्रेवी की जरूरत हो तो गर्म पानी डाल ले, 1से 2 मिनट तक पकने दे, 1 से 2 मिनट बाद चूल्हा बंद कर दे कराही को उतार ले, कराही के ढक्कन हटाकर बाड़ीक कटे हुए धनिया पत्ता से गार्निश करें बैगन बड़ी तैयार है सर्व करें।

INGREDIENTS
- 500 ग्राम बैगन
- 200 ग्राम उड़द दाल
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 50 ग्राम फिश मसाला
- 2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 2 चम्मच लाल मिर्च पाउडर
- 10 ग्राम साबुत जीरा
- 1 चम्मच गोल मिर्च पाउडर
- 100 ग्राम टमाटर
- 50 ग्राम धनिया पत्ता
- 100 ग्राम दूध
- 50 ग्राम मलाई
- 10 ग्राम मंगरैल
- काला नमक स्वाद अनुसार
- नमक स्वाद अनुसार
बैगन बड़ी बनाने की विधि:-
Step 1
बैगन बड़ी बनाने के लिए सबसे पहले उड़द दाल को एक बर्तन मे पानी में भिगोकर रात में फूलने के लिए रख दें, अगले दिन इसको पानी से निकाल कर ग्राइंडर में पीसकर बर्तन में निकाल ले,इसमें मंगरैल डालकर अच्छा तरह से फेट कर छोटा-छोटा गोला बनाकर एक सूती कपड़ा के ऊपर धूप में सूखने के लिए रख दे।
Step 2
जब धूप में उरद के बड़ी अच्छी तरह सूख जाए तो इसे इकट्ठा करके एक बर्तन में रख ले, चूल्हा जलाकर धीमी आंच कर दे कराही चढ़ा कर, कराही को गर्म होने दें,जब कराही गर्म हो जाए तब सरसों तेल इसमें डाल दे,जब सरसो तेल गर्म हो जाए तब उड़द के तैयार बड़ी को डालकर फ्राई करें,जब लाल हो जाए तब निकाल ले,चूल्हा बंद कर दे,अब फ्राई किए हुए उरद के बड़ी को एक बर्तन मे पानी डालकर उसमे 10 मिनट तक फूलने के लिए डाल दे।
Step 3
बैगन को पानी से धोकर डंठल हटाकर उंगली के साइज का काट ले एक बर्तन में पानी डालकर उसमे एक चम्मच नमक डालकर उसमें बैगन के कटे हुए पीस को रख दे, धनिया के पत्ता को पानी से धोकर बारीक काट ले, टमाटर को पानी से धोकर बारीक काट कर अलग प्लेट में रख ले, एक कटोरी में फिश मसाला,लाल मिर्च पाउडर, हल्दी पाउडर,गोल मिर्च पाउडर सभी को एक साथ मिलाकर हल्का पानी डालकर पेस्ट तैयार कर अलग रख ले ।
Step 4
पानी में से उरद के बड़ी को निकाल कर पानी गिरने के लिए एक बर्तन में रख दें।
Step 5
चूल्हा को जलाकर धीमी आंच कर दे कराही को चढ़ा दे, कराही मे उरद बड़ी फ्राई के बाद बचे हुए तेल को गर्म होने दे जब तेल गर्म हो जाए तब जीरा को डाले, जीरा को चटकने दे जब जीरा चटक जाए तब पहले से तैयार मसाला का पेस्ट डाल दे फिर अच्छी तरह भूने,तब तक भूने जब तक मसाला से तेल ऊपर न आ जाए
Step 6
।जब मसाला के ऊपर तेल नजर आने लगे तब 100 ग्राम गर्म पानी डाल दे फिर भुने जब पूरी तरह भून जाए तब कटे हुए बैगन के पीस को पानी से निकाल कर डाल दे, फिर 2 से 3 मिनट तक चलाएं उसके बाद स्वाद अनुसार नमक डाल दे फिर इसको 1 से 2 मिनट तक चलाएं फिर तले हुए उरद बड़ी को इसमें डालकर 1 से 2 मिनट तक चलाएं ग्रेवी के आवश्यकता अनुसार गर्म पानी डाल कर फिर ढक्कन से ढक कर 5 से 7 मिनट तक के लिए इसको पकने के लिए छोड़ दे।
Step 7
अब दूसरे चूल्हा पर दूध को एक बर्तन मे डाल कर चूल्हा पर चढ़ा कर गर्म कर ले, 5 से 7 मिनट हो गया है तो कराही के ढक्कन को हटाकर उसमें गर्म दूध को डाल दे फिर अच्छी तरह चलाएं,काला नमक और बाड़ीक कटे हुए टमाटर को इसमें डाल दे,फिर कराही के ढक्कन से ढक दे,3 से 4 मिनट इसको पकने दें।
Step 8
3 से 4मिनट बाद ढक्कन हटाकर मलाई डालकर अच्छी तरह चलाएं ग्रेवी की जरूरत हो तो गर्म पानी डाल ले, 1से 2 मिनट तक पकने दे, 1 से 2 मिनट बाद चूल्हा बंद कर दे कराही को उतार ले, कराही के ढक्कन हटाकर बाड़ीक कटे हुए धनिया पत्ता से गार्निश करें बैगन बड़ी तैयार है सर्व करें।
बैगन बड़ी की कई तरह की वैराइटी
1. पारंपरिक बैगन बड़ी
- बैगन के स्लाइस को बेसन, हल्दी, लाल मिर्च और नमक वाले घोल में डुबोकर तला जाता है।
- यह सबसे ज़्यादा आम और घर-घर में बनने वाली वैराइटी है।
2. स्टफ्ड बैगन बड़ी
- बैगन के स्लाइस में मसालेदार भरावन (प्याज़, लहसुन, धनिया पाउडर, जीरा, और मूंगफली पाउडर) भरकर फिर बेसन में डुबोकर तला जाता है।
- स्वाद अधिक मसालेदार और चटपटा होता है।
3. बैगन आलू बड़ी
- बैगन और आलू के स्लाइस को साथ में बेसन के घोल में डुबोकर तला जाता है।
- खासकर बिहार और झारखंड में यह वैराइटी बहुत लोकप्रिय है।
4. बैगन मिर्च बड़ी
- बैगन के साथ हरी मिर्च या शिमला मिर्च के टुकड़े मिलाकर तलने वाली वैराइटी।
- तीखापन पसंद करने वालों के लिए बेस्ट।
5. सूजी वाली बैगन बड़ी
- बेसन के साथ सूजी मिलाकर घोल बनाया जाता है, जिससे बड़ी अधिक क्रिस्पी बनती है।
- बाहर से कुरकुरी और अंदर से मुलायम।
6. बैगन पनीर बड़ी
- बैगन के स्लाइस में पतली पनीर की परत रखकर बेसन में डुबोकर तला जाता है।
- बच्चों और पनीर-प्रेमियों के लिए बढ़िया ऑप्शन।
7. मसाला बैगन बड़ी
- तली हुई बैगन बड़ी पर चाट मसाला, हरी चटनी और मीठी चटनी डालकर परोसी जाती है।
- इसे स्ट्रीट फूड स्टाइल में भी बेचा जाता है।
बैगन बड़ी के स्वास्थ्य लाभ
पोषण मूल्य (100 ग्राम बैगन में औसतन):
कैलोरी: 25–30
कार्बोहाइड्रेट: 6 ग्राम
प्रोटीन: 1 ग्राम
फाइबर: 3 ग्राम
वसा: 0.2 ग्राम
विटामिन: विटामिन C, विटामिन K, विटामिन B6
मिनरल्स: पोटैशियम, मैग्नीशियम, मैंगनीज, कॉपरफाइटो
न्यूट्रिएंट: नासुनिन (Nasunin – एंटीऑक्सीडेंट)
मुख्य स्वास्थ्य लाभ:
बैगन बड़ी एक ऐसा व्यंजन है जिसमें दो मुख्य सामग्री – बैगन (Eggplant / Brinjal) और बड़ी (दाल से बनी सूखी वड़ियाँ) – का संगम होता है। यह न केवल स्वादिष्ट है बल्कि पोषण से भरपूर भी है। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह सस्ती, आसानी से बनने वाली और लंबे समय तक खाने लायक सामग्री से तैयार होती है।
1. दिल की सेहत के लिए फायदेमंद
बैगन में मौजूद पोटैशियम और फाइबर रक्तचाप को नियंत्रित करते हैं।एंटीऑक्सीडेंट नासुनिन रक्त में कोलेस्ट्रॉल के ऑक्सीडेशन को रोककर हृदय रोग का खतरा कम करता है।
2. वजन नियंत्रण में मददगार
इसमें कैलोरी और वसा बहुत कम होती है, जिससे यह वजन घटाने वालों के लिए आदर्श है।फाइबर पेट भरा होने का अहसास कराता है, जिससे ओवरईटिंग कम होती है।
3. ब्लड शुगर कंट्रोल
बैगन का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए सुरक्षित है।इसमें मौजूद पॉलीफेनॉल इंसुलिन की संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद करते हैं।
4. मस्तिष्क की सुरक्षा
नासुनिन दिमाग की कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाता है।मैंगनीज और अन्य मिनरल्स मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं।
5. पाचन तंत्र के लिए अच्छा
उच्च फाइबर कंटेंट कब्ज से राहत देता है और आंतों की सेहत बनाए रखता है।
2. बड़ी (दाल से बनी वड़ी) के पोषण और स्वास्थ्य लाभ
पोषण मूल्य (100 ग्राम सूखी बड़ी में औसतन):
कैलोरी: 350–370
कार्बोहाइड्रेट: 55–60 ग्राम
प्रोटीन: 20–25 ग्राम
वसा: 5–7 ग्राम
फाइबर: 10–12 ग्राम
विटामिन: फोलेट, विटामिन B1, B2, B3
मिनरल्स: आयरन, मैग्नीशियम, जिंक, फॉस्फोरस
मुख्य स्वास्थ्य लाभ:
1. उच्च प्रोटीन स्रोत
बड़ी में दाल (अरहर, मूंग, उड़द) का उपयोग होता है, जो शाकाहारियों के लिए बेहतरीन प्रोटीन स्रोत है।मांसपेशियों के निर्माण और मरम्मत में मदद करता है।
2. हड्डियों की मजबूती
इसमें कैल्शियम और फॉस्फोरस होता है, जो हड्डियों और दाँतों के लिए लाभकारी है।
3. ऊर्जा प्रदान करने वाला भोजन
जटिल कार्बोहाइड्रेट धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे लंबे समय तक ऊर्जा बनी रहती है।
4. खून की कमी में लाभकारी
आयरन की अच्छी मात्रा शरीर में हीमोग्लोबिन स्तर बढ़ाने में मदद करती है।
5. पाचन में सहायक
फाइबर कब्ज को रोकता है और आंतों के माइक्रोबायोम को स्वस्थ रखता है।
बैगन और बड़ी – संयुक्त स्वास्थ्य लाभ
जब बैगन और बड़ी को एक साथ पकाया जाता है, तो यह कम कैलोरी + उच्च प्रोटीन + उच्च फाइबर का बेहतरीन संयोजन बन जाता है।
संतुलित भोजन: बैगन से मिलने वाले विटामिन और मिनरल्स + बड़ी का प्रोटीन मिलकर भोजन को पौष्टिक और संतुलित बनाते हैं।
एंटीऑक्सीडेंट + मसल प्रोटेक्शन: बैगन का नासुनिन कोशिकाओं की सुरक्षा करता है और बड़ी का प्रोटीन मांसपेशियों को मजबूती देता है।
दिल और पाचन दोनों के लिए अच्छा: बैगन का पोटैशियम दिल को सुरक्षित रखता है, और बड़ी का फाइबर पाचन में मदद करता है।
मधुमेह रोगियों के लिए उपयुक्त: बैगन का लो-जीआई और बड़ी का प्रोटीन ब्लड शुगर कंट्रोल में मददगार है।
परंपरागत और आयुर्वेदिक दृष्टिकोण
आयुर्वेद के अनुसार, बैगन हल्का, वात और पित्त को थोड़ा बढ़ाने वाला लेकिन कफ को कम करने वाला होता है।
बड़ी (दाल) को गर्म तासीर वाला माना जाता है, जो सर्दियों में शरीर को ऊर्जा और गर्मी देता है।
बैगन-बड़ी का मेल सर्दियों और बरसात में खासतौर पर अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा, प्रोटीन और पाचन में मदद देता है।अगर इसे सरसों के तेल में पंचफोरन मसाले के साथ पकाया जाए, तो यह पाचन को और बेहतर बनाता है।
सावधानियाँ और सही सेवन तरीका
बैगन एलर्जी: कुछ लोगों को बैगन से एलर्जी या त्वचा में खुजली हो सकती है, ऐसे लोग सावधानी बरतें।
गठिया रोगी: बैगन में ऑक्सालेट होता है, जो गठिया या किडनी स्टोन के रोगियों के लिए समस्या बढ़ा सकता है।
अधिक बड़ी का सेवन: ज्यादा बड़ी खाने से गैस और पाचन संबंधी समस्या हो सकती है, इसलिए मात्रा संतुलित रखें।
तेल की मात्रा: अगर इसे बहुत ज्यादा तेल में पकाया जाए, तो कैलोरी बढ़ सकती है। हेल्दी बनाने के लिए कम तेल का प्रयोग करें।
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FAQs बैगन बड़ी के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले सवाल और उनके उत्तर
Q1. बैगन बड़ी में बैगन काटकर नमक के पानी में क्या डालना जरूरी है
A नहीं लेकिन बैगन को काट के नमक के पानी में डाल देने से उसका कड़वाहट कम हो जाता है और सख्त हो जाता है
Q2: बैगन बड़ी क्या है
A बैगन बड़ी एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है जिसमें ताजे बैगन (बैंगन) और दाल से बनी बड़ी (सूखी दाल की गाठें) को मसालेदार ग्रेवी में पकाया जाता है। यह खासतौर पर बिहार, उत्तर प्रदेश, और मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय है।
Q3: बैगन बड़ी बनाने के लिए कौन-कौन सी दाल की बड़ी सबसे अच्छी रहती है
A आमतौर पर मूंग दाल, उरद दाल या चना दाल की बड़ी बैगन बड़ी में इस्तेमाल होती है। मूंग दाल बड़ी हल्की और जल्दी पकने वाली होती है, जबकि चना दाल बड़ी से स्वाद थोड़ा गाढ़ा हो जाता है।
Q4: क्या बैगन बड़ी को बिना प्याज-लहसुन के बनाया जा सकता है
A हाँ, बिल्कुल। व्रत या सात्विक भोजन के लिए इसे बिना प्याज-लहसुन के भी बनाया जा सकता है। बस टमाटर, अदरक, हरी मिर्च और मसालों से ग्रेवी तैयार करें।
Q 5: बैगन बड़ी में कौन सा बैगन सबसे अच्छा होता है
A छोटे आकार के, कम बीज वाले और हल्के हरे-बैंगनी रंग के बैगन बैगन बड़ी के लिए बेहतरीन माने जाते हैं, क्योंकि वे जल्दी पकते हैं और स्वाद में मीठापन लाते हैं।
Q6: बड़ी को सीधे डालना चाहिए या पहले फ्राई करना चाहिए
A पारंपरिक तरीके में बड़ी को हल्का सा तेल में भूनकर डाला जाता है, जिससे उसका स्वाद और खुशबू बढ़ जाती है और वह ग्रेवी में टूटती नहीं है।
Q7 बैगन बड़ी को कब-कब खाया जाता है
A यह रोज़मर्रा के खाने में भी बनाई जाती है, लेकिन गाँवों में इसे खासतौर पर सर्दियों और फसल कटाई के समय बनाना पसंद किया जाता है।
Q8 बैगन बड़ी को किसके साथ परोसना सबसे अच्छा है
A इसे गरम-गरम चावल, रोटी, बाजरे की रोटी या मक्के की रोटी के साथ परोसना सबसे अच्छा रहता है।
Q9 क्या बैगन बड़ी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है
A हाँ, बैगन में फाइबर, विटामिन और मिनरल होते हैं, जबकि बड़ी प्रोटीन का अच्छा स्रोत है। यह पाचन के लिए भी फायदेमंद है, लेकिन तेल कम इस्तेमाल करना चाहिए।
Q10बैगन बड़ी को कितने समय तक स्टोर किया जा सकता है
A पकी हुई बैगन बड़ी को फ्रिज में 2 दिन तक रखा जा सकता है। अगर बिना बैगन के सिर्फ बड़ी की सब्ज़ी बनी है तो वह 3-4 दिन तक चल सकती है।
Q11 क्या बैगन बड़ी को प्रेशर कुकर में बनाना सही है
A हाँ, प्रेशर कुकर में बनाने से समय बचता है। बस ध्यान रहे कि बैगन ज्यादा मैश न हो, इसलिए 1-2 सीटी ही पर्याप्त है।

अंतिम निष्कर्ष
बैगन बड़ी एक पारंपरिक भारतीय व्यंजन है, जो स्वाद, पोषण और क्षेत्रीय संस्कृति का अनोखा संगम है। यह न केवल घरेलू भोजन में एक खास स्थान रखती है, बल्कि त्यौहारों, शादी-ब्याह और पारिवारिक आयोजनों में भी परोसी जाती है। बैगन और दाल या बेसन के मेल से बनी यह डिश प्रोटीन, फाइबर, विटामिन और मिनरल्स से भरपूर होती है, जिससे यह स्वाद के साथ-साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद है।
इसकी खासियत यह है कि इसे विभिन्न तरीकों और मसालों के साथ अपने स्वाद के अनुसार बदला जा सकता है – चाहे वह उत्तर भारत की मसालेदार ग्रेवी हो, मध्य भारत का देसी तड़का या बिहार-झारखंड की पारंपरिक शैली। बैगन बड़ी न केवल पेट भरने वाला, बल्कि दिल को सुकून देने वाला भोजन है।
आज के समय में, जब फास्ट फूड की वजह से पारंपरिक व्यंजन पीछे छूट रहे हैं, बैगन बड़ी जैसे पकवान हमें अपनी जड़ों से जोड़े रखते हैं और घर के खाने की असली महक और अपनापन याद दिलाते हैं। इसलिए, अगर आप स्वाद, सेहत और परंपरा – तीनों का आनंद लेना चाहते हैं, तो बैगन बड़ी एक बेहतरीन विकल्प है।