स्वाद का खास खजाना गांव के अंदर मटन देहाती को इस विधि से बनायेगे तो गांव में मिलने वाले स्वाद आप अपने रसोई में पाएंगे खाने वाले इस लजीज व्यंजन को खाकर गदगद हो जाएंगे

मटन देहाती का परिचय
मटन देहाती बनाने का तरीका बिल्कुल गांव के अंदाज में बनाया जाता है इसलिए इस व्यंजन को मटन देहाती नाम दिया गया है मटन का उपयोग विश्व के हर हिस्से के साथ भारत में भी अलग-अलग तरह से किया जाता है भारत में मांसाहारियों की पहली पसंद मटन है जिसको अलग-अलग विधि से बनाकर खाना पसंद करते मटन देहाती, बिहार,उत्तर प्रदेश और झारखंड में बहुत ज्यादा फेमस है शहर में रहने वाले लोग भी इस विधि से बनाकर मटन देहाती का लुफ्त उठा सकते हैं
मटन देहाती का इतिहास
मटन देहाती, जैसा कि नाम से स्पष्ट है, एक पारंपरिक ग्रामीण शैली में पकाया जाने वाला मटन व्यंजन है, जिसकी जड़ें भारतीय गाँवों की रसोई में गहराई से जुड़ी हुई हैं। यह व्यंजन मुख्यतः बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, और कुछ हद तक मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में लोकप्रिय है। इसका इतिहास केवल खाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण जीवन, स्थानीय संस्कृति और सामुदायिक मेल-जोल की कहानी भी कहता है।
1. उत्पत्ति और पृष्ठभूमि
पुराने समय में गाँवों में मटन (बकरे का मांस) एक रोज़मर्रा का खाना नहीं था, बल्कि विशेष अवसरों पर पकाया जाता था — जैसे त्योहार, शादी-ब्याह, खेत की फसल कटाई के बाद का जश्न, या किसी सम्माननीय मेहमान का आगमन।“देहाती” शब्द का मतलब है गाँव का पारंपरिक अंदाज़, यानी बिना ज्यादा प्रोसेस्ड मसाले और बिना आधुनिक उपकरणों के, देसी तरीकों से पकाना।
पारंपरिक रूप से यह मटन लकड़ी या उपले की आँच पर लोहे की कड़ाही में पकाया जाता था, जिससे इसमें एक अलग धुआँदार स्वाद आता था।
2. पकाने की शैली का इतिहास
मटन देहाती की खासियत है कि इसमें मसाले पीसकर या कूटकर ताज़ा डाले जाते हैं, जैसे लहसुन, अदरक, प्याज, और सूखे मसाले।पहले गाँवों में मसालों को सिल-बट्टे पर पीसा जाता था, जिससे उनका स्वाद और सुगंध गहरा हो जाता था।
टमाटर का इस्तेमाल पुराने समय में कम होता था, क्योंकि टमाटर भारत में ब्रिटिश काल के बाद ज़्यादा लोकप्रिय हुए; पहले इसमें खट्टापन लाने के लिए दही, सूखा आमचूर, या इमली का इस्तेमाल किया जाता था।
3. सांस्कृतिक महत्त्व
ग्रामीण इलाकों में मटन देहाती सिर्फ़ एक व्यंजन नहीं था, बल्कि समूह में पकाने और खाने की परंपरा का हिस्सा था।कई बार इसे ओपन कुकिंग में खेतों के किनारे या बड़े आँगन में पकाया जाता था, जहाँ पूरा मोहल्ला एक साथ इकट्ठा होकर खाना खाता था।यह देसी शराब (महुआ, ताड़ी) या गुड़ वाली चाय के साथ भी परोसा जाता था, जिससे महफ़िल और भी जीवंत हो जाती थी।
4. आज का दौर
समय के साथ मटन देहाती अब सिर्फ़ गाँवों में ही नहीं, बल्कि शहरों के ढाबों और रेस्तरां में भी मिलने लगा है।हालांकि, आज भी असली देहाती स्वाद पाने के लिए कई लोग कोयले की आँच, देसी घी, और ताज़ा पिसे मसालों का ही सहारा लेते हैं।यह व्यंजन अब “अथेंटिक इंडियन रस्टिक मटन करी” के नाम से विदेशों के इंडियन रेस्टोरेंट्स के मेन्यू में भी जगह बना चुका है।
मेरा व्यंज
मटन देहाती बनाने के लिए हमने बिहार के देहाती बकरे का उपयोग किया है बिहार के बकरे को खस्सी कहा जाता है जिसको बचपन में ही बंध्याकरण कर नपुंसक बना दिया जाता है फिर इसका विकास कराया जाता है जिस कारण इसका मांस बहुत लचीला एवं फैटी होता है जिस कारण यह पकने में अन्य जगह पाए जाने वाले बकरा के मांस से कम समय में ये पक जाता है।
बिहार के खस्सी का मांस अन्य जगह में पाए जाने वाले बकरे के मांस से ज्यादा स्वादिष्ट होता है इसको बनाने के लिए भारत में पाए जाने वाले मिश्रित मसाले के साथ, अदरक, लहसुन,प्याज,टमाटर के साथ सरसों तेल का उपयोग करके एक अनोखा मटन देहाती बनाया गया है जिसे एक बार खाने के बाद इसके स्वाद को भूल नहीं पाएंगे।मटन देहाती के इस व्यंजन को अपने रसोई में बनाकर एक बार जरूर उपयोग करें गांव के इस स्वादिष्ट व्यंजन को आप अपने रसोई के स्वाद में पाएंगे
INGREDIENT
- 700 ग्राम मटन
- 400 ग्राम प्याज
- 25 ग्राम साबुत लाल मिर्च, तीखा आप अपने अनुसार कम ज्यादा कर सकते हैं
- 25 ग्राम साबुत गरम मसाला
- 40 ग्राम लहसुन
- 1 चम्मच साबुत काली मिर्च
- 1 चम्मच साबुत जीरा
- 5 पीस तेज पत्ता
- 100 ग्राम सरसों तेल
- 1 पीस जायफल
- 50 ग्राम अदरक
- 100 ग्राम टमाटर
- 1.5 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच जीरा पाउडर
- 1 चम्मच कश्मीरी मिर्च पाउडर
- 25 ग्राम धनिया पत्ता
- 1 पीस बड़ा इलायची
- 1.5 चम्मच मीट मसाला
- नमक स्वाद अनुसार
मटन देहाती बनाने से पहले तैयारी
1.चूल्हा जलाकर तवा चढ़ा कर तवा को गर्म होने दे जब तवा गरम हो जाए तब साबुत काली मिर्च को डालकर भूनकर अलग निकाल कर रख ले फिर तवा पर साबुत गरम मसाला को डालकर हल्का भूनकर निकाल कर अलग रख ले चूल्हा बंद कर दे।
2.प्याज को छीलकर पानी से धोकर लच्छेदार स्लाइस में काट ले,अदरक को छील ले,1/2 लहसुन को छील ले बाकी को साबुत रहने दे,टमाटर को पानी से धोकर दो भाग में काट ले,धनिया पत्ता में अगर जड़ है तो जड़ को काटकर फेंक दे अगर नहीं है तो पानी से धोकर बारीक काट ले।
3. अब ओखल मुसल में भुने हुए साबुत काली मिर्च को डालकर कुटकर अलग निकाल कर रख ले, भुने हुए साबुत गरम मसाला को डालकर कुटकर निकाल कर अलग रख ले।
4. ग्राइंडर मशीन चालू कर इसमें अदरक लहसुन को डालकर पीसकर पेस्ट बनाकर अलग रख ले, साबुत लाल मिर्च को डालकर पीसकर पेस्ट बनाकर अलग निकालकर रख ले. मटन को पानी से धोकर अलग रख ले।

मटन देहाती बनाने की विधि
Step1
मटन देहाती बनाने के लिए सबसे पहले चूल्हा जलाकर कराही चढ़ा कर कराही को गर्म होने दे, जब कराही गर्म हो जाए तब सरसों तेल डालकर सरसों तेल को गर्म होने दे जब सरसों तेल गर्म हो जाए तब जीरा और तेज पत्ता डालकर जीरा को चटकने दे।
Step2
जब जीरा चटक जाए तब प्याज को डालकर प्याज को चलाते हुए नरम होने दे जब प्याज नरम हो जाए तब इसमें मटन के पीस, हल्दी पाउडर और स्वाद अनुसार नमक डालकर भूने फिर ढक्कन से ढक कर 3 से 4 मिनट तक पकने दे।
Step3
3 से 4 मिनट बाद ढक्कन हटाकर फिर चम्मच से चला कर फिर से ढक्कन से ढक कर 3 से 4 मिनट तक पकने दे 3 से 4 मिनट बाद ढक्कन हटाकर पीसा हुआ लाल मिर्च पाउडर, अदरक,लहसुन के पेस्ट कुटा हुआ काली मिर्च, जीरा पाउडर डालकर चम्मच से चला कर आँच धीमी कर दे फिर ढक्कन से ढक कर 10 मिनट तक पकने दे।
Step4
10 मिनट बाद ढक्कन हटाकर चम्मच से चलाएं फिर देखे की प्याज पानी छोड़ दिया है कि नहीं,अगर नहीं छोड़ा है तो फिर ढक्कन से ढक कर 2 से 3 मिनट तक पकने दे।
Step5
2 से 3 मिनट बाद ढक्कन हटाकर देखें प्याज पानी छोड़ चुका है तो साबुत लहसुन के पोट,टमाटर,कश्मीरी मिर्च पाउडर,और जायफल डालकर चम्मच से चला कर ढक्कन से ढक कर 18 से 20 मिनट तक पकने दे। बीच-बीच में ढक्कन हटाकर चलाते रहे ध्यान दें कि मसाला जले नहीं।
Step6
18 से 20 मिनट बाद ढक्कन हटाकर चम्मच से चला कर देखे की ग्रेवी में पानी का जरूरत है कि नहीं अगर जरूरत महसूस करे तो ग्रेवी के जरूरत के अनुसार आधा कप गर्म पानी डालकर चलाएं पानी में उबाल आने दे।
Step7
जब उबाल आ जाए तब कुटा हुआ गरम मसाला और मीट मसाला डालकर चम्मच से चला कर ढक्कन से ढक कर 10 मिनट तक पकने दे, 10 मिनट बाद चूल्हा को बंद कर दें ढक्कन को हटाकर बारीक कटे धनिया पत्ता एवं बड़ी इलायची के दाना से गार्निश कर सर्व करें।
मटन देहाती की वैराइटी (प्रकार और विविधताएँ)
मटन देहाती का बेसिक फ्लेवर और पकाने की शैली तो लगभग हर जगह समान रहती है, लेकिन क्षेत्र, उपलब्ध सामग्री, और व्यक्तिगत स्वाद के अनुसार इसके कई वैरिएंट विकसित हुए हैं।
1. परंपरागत देहाती मटन करी
यह सबसे बेसिक और प्राचीन तरीका है जिसमें ताजा मसाले, प्याज, लहसुन, अदरक, और देसी घी या सरसों तेल का इस्तेमाल होता है।
इसमें आमतौर पर टमाटर कम या बिलकुल नहीं डाला जाता, बल्कि दही या खट्टे आमचूर से खट्टापन लाया जाता है।
पकाने में लकड़ी या कोयले की आग का उपयोग होता है जिससे स्वाद गहरा और धुआँदार होता है।
2. मटन देहाती कोयले पर
इस वैराइटी में मटन को लकड़ी या कोयले की खुले आंच पर धीमी आँच पर पकाया जाता है।
यह वैराइटी खास तौर पर अपने स्मोकी फ्लेवर के लिए मशहूर है।इस शैली में मसाले हल्के और प्राकृतिक रहते हैं, मटन की खुशबू सबसे ज्यादा आती है।
3. मटन देहाती कड़ाही
कड़ाही में तेज आंच पर थोड़े घी के साथ मटन पकाने का तरीका।मसालों को अच्छी तरह से भुना जाता है ताकि मटन में गहरापन आए।
इसे अक्सर गांवों में त्योहारों और खास अवसरों पर बनाया जाता है।
4. देहाती मटन मसाला (हल्दी और लाल मिर्च से)
इसमें हल्दी, लाल मिर्च, और गर्म मसाले अधिक मात्रा में होते हैं।
स्वाद में थोड़ा तीखा और मसालेदार होता है।
इसे अक्सर ठंडी सर्दियों में बनाया जाता है क्योंकि यह शरीर को गर्माहट देता है।
5. मटन देहाती बिना तेल के (हल्का तरीका)
स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग इस वैराइटी में कम तेल या बिना तेल के बनाते हैं।
मसाले और हर्ब्स का इस्तेमाल ताज़ा होता है, और दही या टमाटर के साथ पकाया जाता है।
स्वाद हल्का लेकिन पौष्टिक होता है।
6. मटन देहाती थाली स्टाइल
इस वैराइटी में मटन देहाती को पराठे, चावल, या लोकल चावल की रोटी के साथ बड़े थाली में परोसा जाता है।
साथ में हरी चटनी, सलाद, और प्याज़ का अचार रहता है।यह शैली भोज या सामाजिक मेलों में देखी जाती है।
क्षेत्रीय विविधताएँ
बिहार/झारखंड: दही और आमचूर का प्रयोग अधिक होता है, और मसालों में तेज़पत्ता, काली मिर्च प्रमुख होते हैं।
उत्तर प्रदेश/उत्तराखंड: थोड़ा अधिक मसालेदार और तीखा, कश्मीरी लाल मिर्च का इस्तेमाल होता है।
मध्य भारत: थोड़ा ज्यादा घी और लाल मिर्च, और पारंपरिक मिट्टी के बर्तन में पकाने की परंपरा।
मटन देहाती के सर्विंग सुझाव
1. साथ में परोसें:
ताज़ा तंदूरी रोटी या मक्खन वाली पराठा
देहाती मटन की गाढ़ी ग्रेवी के साथ गरमागरम तंदूरी रोटी या मक्खन लगे पराठे का स्वाद जबरदस्त होता है।
पराठे की कुरकुरी परत और मटन की मसालेदार ग्रेवी का कॉम्बिनेशन लाजवाब होता है।
सादा बासमती चावल या जीरा राइस
अगर आप ग्रेवी के साथ हल्का खाना पसंद करते हैं तो भाप में पका हुआ बासमती चावल या सुगंधित जीरा राइस बढ़िया विकल्प हैं।
चावल मटन के मसाले को अच्छे से सोख लेता है।
2. साइड डिश (साथ में परोसने वाले):
हरी मिर्च और प्याज का सलाद,बारीक कटा हुआ प्याज, हरी मिर्च, नींबू का रस, और थोड़ा नमक मिलाकर सलाद बनाएं।
यह मटन की भारी ग्रेवी के साथ ताजगी और खट्टापन लाता है।
टमाटर की हरी चटनी,धनिया, पुदीना, हरी मिर्च, और नींबू से बनी हरी चटनी मटन की तीव्रता को बैलेंस करती है।
अचार (मिर्च या नींबू का)देसी अचार की तीखी और खट्टी स्वाद से मटन खाने का मज़ा दोगुना हो जाता है।
3. पेय (Drinks) के साथ:
मसाला चाय या अदरक वाली चाय,खासकर ठंडी शामों में मटन देहाती के बाद गरम मसाला चाय का आनंद बढ़ाता है।
ठंडा लस्सी (मीठी या नमकीन)मटन की गर्म मसालेदार डिश के बाद लस्सी शरीर को ठंडक और राहत देती है।
4. प्रस्तुति टिप्स:
मटन देहाती को गहरे कढ़ाई या मिट्टी के बर्तन में परोसना अच्छा लगता है, जिससे उसका देसी अंदाज़ बना रहता है।
ऊपर से थोड़ा ताजा हरा धनिया या पुदीना की पत्तियाँ सजाएँ।
साथ में नींबू के टुकड़े और हरी मिर्च रखनी चाहिए ताकि चाहने वाले स्वादानुसार बढ़ा सकें।
5. मौके अनुसार:
त्योहारों और खास मौके पर मटन देहाती को बड़े थाली में दोस्तों और परिवार के साथ बाँटना एक प्रचलित परंपरा है।
अगर पार्टी या समारोह हो तो साथ में दही, रायता, और चटनी की थाली भी रखें।
मटन देहाती के स्वास्थ्य संबंधी लाभ
1. उच्च गुणवत्ता वाला प्रोटीन स्रोत
मटन में प्रोटीन भरपूर होता है, जो मांसपेशियों की मरम्मत, विकास और शरीर की तंदरुस्ती के लिए आवश्यक है। मटन देहाती में इस्तेमाल होने वाला ताजा मटन इस प्रोटीन का अच्छा स्रोत है।
2. आयरन और हीमोग्लोबिन बढ़ाता है
मटन में पाया जाने वाला आयरन रक्त निर्माण में मदद करता है और एनीमिया से बचाता है। इससे शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर होता है और थकान कम होती है।
3. विटामिन B12 का अच्छा स्रोत
मटन विटामिन B12 प्रदान करता है, जो नर्वस सिस्टम के लिए जरूरी है। यह याददाश्त बढ़ाने, मानसिक सतर्कता बनाए रखने और रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है।
4. इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है
मटन में जिंक और अन्य मिनरल्स होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाते हैं, जिससे शरीर बीमारियों से बेहतर लड़ पाता है।
5. हड्डियों को मजबूत बनाता है
मटन में फॉस्फोरस और कैल्शियम पाए जाते हैं, जो हड्डियों और दांतों की मजबूती में सहायक होते हैं।
6. ऊर्जा और सहनशक्ति बढ़ाता है
मटन में मौजूद कार्बोहाइड्रेट और फैट्स शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, जिससे आप दिनभर सक्रिय रह सकते हैं।
7. मेटाबॉलिज्म में सुधार
मटन में पाए जाने वाले पोषक तत्व मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देते हैं, जिससे शरीर के वजन और ऊर्जा स्तर नियंत्रित रहते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
मटन देहाती में वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी होती है, इसलिए इसे संतुलित मात्रा में खाना चाहिए।
हार्ट रोग, हाई ब्लड प्रेशर या कोलेस्ट्रॉल की समस्या वाले लोग मटन देहाती का सेवन करते समय सावधानी बरतें।
हेल्दी पकाने की विधि अपनाएं, जैसे कम तेल का उपयोग, ताजा मसाले और धीमी आंच पर पकाना।
पोषण चार्ट
100 ग्राम पके हुए मटन देहाती (लगभग) का
| पोषक तत्व | मात्रा | स्वास्थ्य पर प्रभाव |
| ऊर्जा | 245-270 kcal | शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है |
| प्रोटीन | 25-27 g | मांसपेशियों की मरम्मत और विकास में सहायक |
| वसा | 14-16 g | शरीर को आवश्यक फैटी एसिड देता है, परंतु संतुलित मात्रा में |
| कार्बोहाइड्रेट | 3-5 g | ऊर्जा का अतिरिक्त स्रोत |
| कोलेस्ट्रॉल | 85-90 mg | हार्मोन उत्पादन के लिए आवश्यक, परंतु अधिक सेवन से बचें |
| आयरन | 2.5-3.5 mg | खून में हीमोग्लोबिन बढ़ाता है |
| जिंक | 4-5 mg | इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है |
| विटामिन B12 | 1.5-2 mcg | नर्वस सिस्टम और लाल रक्त कोशिकाओं के लिए आवश्यक |
| पोटैशियम | 300-350 mg | ब्लड प्रेशर संतुलित रखने में मदद करता है |
| फॉस्फोरस | 180-200 mg | हड्डियों और दांतों को मजबूत करता है |
सेवन में सावधानियाँ
मटन में वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा मध्यम से अधिक होती है, इसलिए हफ्ते में 1-2 बार ही सेवन करें।
हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज वाले लोग कम नमक और कम तेल वाली विधि अपनाएँ।
पकाते समय ताज़ा पिसे मसाले, सरसों का तेल, और धीमी आँच का उपयोग करें ताकि पोषक तत्व बरकरार रहें।
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FAQs के संबंध में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर
Q1. मटन देहाती बनाने के लिए गरम मसाला और काली मिर्च को तवा पर भुनाना जरूरी है
A नहीं भूनना कोई जरूरी नहीं है बिना भूने भी बना सकते हैं लेकिन भून देने से मटन देहाती का स्वाद ज्यादा स्वादिष्ट हो जाता है।
Q2. मटन देहाती बनाने के लिए सबुत लहसुन का पोट डालना जरूरी है
A हां मटन देहाती का गुप्त रहस्य यही है इसलिए साबुत लहसुन का पोट डालना बहुत जरूरी है।
Q3. मटन देहाती में घी या दही का उपयोग कर सकते हैं
A हां यह वैकल्पिक है आप पसंद करते हैं तो मटन देहाती में घी या दही डालकर भी बना सकते हैं
Q4. मटन देहाती को प्रेशर कुकर में बना सकते हैं
A हां बना सकते हैं लेकिन इतना स्वादिष्ट प्रेशर कुकर में नहीं बनेगा।
Q5. मटन देहाती में कौन-कौन से मसाले उपयोग होते हैं
A मटन देहाती में सामान्यतः हल्दी, लाल मिर्च, धनिया पाउडर, जीरा, गरम मसाला, लहसुन, अदरक, प्याज, और खट्टापन लाने के लिए आमचूर या दही डाला जाता है।
Q6. क्या मटन देहाती को बिना तेल के भी बनाया जा सकता है
A हाँ, हेल्दी विकल्प के रूप में आप कम तेल या बिना तेल के भी बना सकते हैं। इस स्थिति में ताज़े मसाले और दही के साथ पकाना बेहतर रहता है।
Q7. मटन देहाती को सबसे अच्छा कैसे परोसा जाता है
A यह गरमागरम पराठा, तंदूरी रोटी या सादा बासमती चावल के साथ हरी चटनी, प्याज़ का सलाद और देसी अचार के साथ परोसा जाता है।
Q8. क्या मटन देहाती बच्चों के लिए उपयुक्त है
A अगर मसाले कम और हल्के हों तो छोटे बच्चे भी इसे खा सकते हैं, लेकिन तेज मसाले या अधिक तले हुए मटन से बचाएं।
Q9. मटन देहाती कब और किस मौके पर बनाया जाता है
A यह व्यंजन आमतौर पर त्योहारों, शादी-ब्याह, पारिवारिक जश्न या खास अवसरों पर बनाया जाता है, खासकर ग्रामीण इलाकों में।
Q10. मटन देहाती में प्रोटीन की मात्रा कितनी होती है
A लगभग 100 ग्राम पकाए हुए मटन देहाती में 25-27 ग्राम प्रोटीन होता है, जो मांसपेशियों के विकास और शरीर की मरम्मत के लिए बहुत उपयोगी है।
Q11. क्या मटन देहाती वजन बढ़ाता है
A अगर इसे संतुलित मात्रा में और कम तेल के साथ खाया जाए तो यह वजन नियंत्रित रखने में मदद कर सकता है। ज्यादा तले या बहुत अधिक वसा वाले संस्करण वजन बढ़ा सकते हैं।
Q12. मटन देहाती को बनाने में कितना समय लगता है
A आमतौर पर मटन देहाती को पकाने में 1 से 1.5 घंटे लगते हैं ताकि मटन अच्छे से नरम और मसालों का स्वाद गहरा हो।
अंतिम निष्कर्ष
मटन देहाती एक पारंपरिक और स्वादिष्ट भारतीय ग्रामीण व्यंजन है, जो देसी मसालों और सरल लेकिन प्रामाणिक पकाने की विधि से बनता है। इसका इतिहास हमारी संस्कृति, त्योहारों, और गाँवों के मेल-जोल की झलक देता है।यह व्यंजन पोषण से भरपूर है, खासकर प्रोटीन, आयरन और विटामिन B12 के कारण शरीर को ताकत और ऊर्जा देता है। हालांकि, इसका सेवन संतुलित मात्रा में करना चाहिए, खासकर उन लोगों को जो कोलेस्ट्रॉल या हृदय संबंधी समस्याओं से ग्रस्त हैं।
मटन देहाती की कई वैराइटीज़ हैं, जो क्षेत्रीय मसालों और पकाने की तकनीकों के अनुसार अलग-अलग स्वाद और बनावट में मिलती हैं। इसे गरमागरम पराठा, तंदूरी रोटी या सादा चावल के साथ परोसना सर्वोत्तम रहता है। साथ में ताज़ा हरी चटनी, प्याज का सलाद और देसी अचार इसे और भी लजीज बना देते हैं
इस व्यंजन की लोकप्रियता ग्रामीण क्षेत्रों से बढ़कर शहरी और अंतरराष्ट्रीय स्तर तक फैल चुकी है, जहाँ इसे पारंपरिक रस्टिक भारतीय स्वाद के रूप में सराहा जाता है।
अगर आप देसी स्वाद और पोषण दोनों का आनंद लेना चाहते हैं, तो मटन देहाती एक बेहतरीन विकल्प है।
